बीएसएफ बीकानेर सेक्टर मुख्यालय:राजस्थान और गुजरात की सरहद पर तैनात होंगे ट्रेंड डॉग्स दुश्मन को मारेंगे, हेरोइन-विस्फोटक का भी पता लगाएंगे
बीकानेर
बीएसएफ में डॉग्स की ट्रेनिंग।
जोजो-अबू बैठो…अप…सेल्यूट करो…रन…शाबास। ऐसे ही अलग-अलग नाम वाले 20 जर्मन शेफर्ड नस्ल के डॉग हैं, जिन्हें बीएसएफ बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में ट्रेंड किया जा रहा है। उसके बाद यह डॉग्स भारत-पाक सीमा पर घुसपैठियों, मादक पदार्थ और हथियारों को पकड़ने में मददगार साबित होंगे।
बीएसएफ राजस्थान और गुजरात फ्रंटियर का पहला डॉग्स ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग सेंटर बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में खोला गया है। इस सब्सिडियरी के9 ट्रेनिंग सेंटर में 20 जर्मन शेफर्ड की पहली खेप को आईपी असॉल्ट, नारकोटिक्स और एक्सप्लोसिव का पता लगाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इन सभी की उम्र 8-9 माह की है। छह महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद इन्हें राजस्थान की पश्चिमी सरहद और गुजरात के कच्छ में तैनात बीएसएफ की विभिन्न यूनिट्स में भेज दिया जाएगा, जहां यह घुसपैठियों, मादक पदार्थ और हथियारों को पकड़ने में मददगार बनेंगे। जरूरत पड़ने पर इन्हें अमरनाथ यात्रा सहित देश के किसी भी हिस्से में भेजा जा सकेगा।
देश का यह पांचवां रीजनल सब्सिडियरी के9 ट्रेनिंग सेंटर हैं। इससे पहले जम्मू कश्मीर, गुवाहाटी, नॉर्थ ईस्ट और बंगाल में भी इसी तरह के छोटे डॉग्स ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं। मुख्य और सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर टेकनपुर में है। बल के अधिकारियों का कहना है कि सरहद पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में डॉग्स की भूमिका महत्वपूर्ण समझी गई है। बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने डॉग्स की नफरी प्रति बटालियन चार से बढ़ाकर आठ कर दी है।
सेंटर में 12 पपीज भी, 4 महीने का होने पर शुरू होगी ट्रेनिंग
बीएसएफ के सब्सिडियरी के9 ट्रेनिंग सेंटर में 12 पपीज भी लाए गए हैं। अभी यह दो से तीन महीने के हैं। चार महीने के होने पर इनकी ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी। सभी पपी जर्मन शेफर्ड नस्ल के हैं। डिप्टी कमांडेंट एवं वेटरनरी डॉक्टर चौपल का कहना है कि यह ब्रीड काफी तेज और आक्रामक होती है। बॉर्डर पर इनकी जरूरत ज्यादा है। सभी डॉग्स दोनों फ्रंटियर की अलग-अलग यूनिट्स से भेजे गए हैं। अपने हैंडलर के साथ ही रहते हैं। ट्रेनिंग पूरी होने पर हैंडलर सहित इन्हें वापस भेज दिया जाएगा। उसके बाद अगली खेप की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।
बीकानेर में ट्रेनिंग सेंटर इसलिए
राजस्थान और गुजरात फ्रंटियर के डॉग्स ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग सेंटर के लिए बीकानेर सेक्टर को चुनने के पीछे खास वजह है। वेटरनरी यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल है। यहां डॉग्स को ट्रेनिंग देने के लिए खुले इलाके हैं। एनआरसीसी का बड़ा कैंपस है। 150 से 200 किमी पर बॉर्डर है। सामरिक और भौगोलिक महत्व भी है।
आईपी असॉल्ट डॉग
छिपे हुए दुश्मन का पता लगाएगा। उसके बाद अटैक करेगा। दुश्मन को मारकर उसकी राइफल उठा ले जाएगा। घुसपैठियों को पकड़ेगा।नारकोटिक्स डॉग : हेरोइन, स्मैक, गांजा, एमडी आदि मादक पदार्थों का सूंघ कर पता लगाने में समक्ष। बॉर्डर पर तस्करी रोकने में मददगार बनेंगे।एक्सप्लोसिव डॉग : आईडी, टीएनटी, डायनामाइट, लैंड माइन सहित रासायनिक विस्फोटक का पता लगाने में सक्षम होंगे।राजस्थान की सीमा
राजस्थान की पश्चिमी सरहद श्रीगंगानगर के हिंदूमल कोट से लेकर शाहगढ़(बाड़मेर) तक करीब 1070 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसमें चार जिले कवर होते हैं।
गुजरात की सीमा
गुजरात में अंतरराष्ट्रीय सीमा 826 किमी लंबी है। यह बाड़मेर से लेकर कच्छ के रण होते सर माउथ तक है। इसके अलावा मेडी से जखौ तक का 85 किमी समुद्री तट है।
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