वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 48 से 50 घंटे मिशन चंद्रयान के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। नासा और इसरो के साथ काम कर चुके वरिष्ठ वैज्ञानिक संजीव सहजपाल कहते हैं कि जैसे-जैसे चंद्रयान चंद्रमा की सतह के नजदीक पहुंचता जाएगा, समूची दुनिया इस ऐतिहासिक घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाती जाएगी।
जैसे-जसे चंद्रमा की धरती पर चंद्रयान के उतरने की घड़ी नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि समूची दुनिया इस ऐतिहासिक घटनाक्रम पर बहुत करीब से नजर बनाए रखने की तैयारी में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसरो के बनाए गए 19 टेलिमेटरी एंड ट्रैकिंग सेंटर्स के माध्यम से इस ऐतिहासिक फल का साक्षी बनने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने पूरी तैयारी कर ली है। बेंगलुरु,श्रीहरिकोटा, पोर्ट ब्लेयर, तिरुअनंतपुरम समेत लखनऊ और ब्रूनई के साथ साथ पापुआ न्यूगिनी के समुद्री इलाके में मौजूद आईलैंड बियाक और मॉरीशस के टेलिमेटरी एंड ट्रैकिंग सेंटर्स के माध्यम से न सिर्फ एक सेकंड का हिसाब भी रखा जा रहा है बल्कि वैज्ञानिकों की पूरी टीम अगले 50 से 60 से घंटों के लिए कंप्यूटर पर निगाहें लगाकर बैठ गई है। इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले दो दिन न सिर्फ देश बल्कि समूची दुनिया के लिए चंद्रमा को खंगालने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो गए हैं।
इस तरह से हो रही है मजबूत तैयारियां…
वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 48 से 50 घंटे मिशन चंद्रयान के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। नासा और इसरो के साथ काम कर चुके वरिष्ठ वैज्ञानिक संजीव सहजपाल कहते हैं कि जैसे-जैसे चंद्रयान चंद्रमा की सतह के नजदीक पहुंचता जाएगा समूची दुनिया इस ऐतिहासिक घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाती जाएगी। वह कहते हैं कि इसरो के देश और दुनिया भर के अलग लगा हिस्सों के स्थापित “टेलिमेटरी ट्रैकिंग एंड कमांड सेंटर” के माध्यम से चंद्रयान के लैंडर की मॉनिटरिंग की जाएगी। वो कहते हैं कि इन अलग-अलग सेंटर से हर एंगल पर न सिर्फ लैंडर को मॉनिटर किया जाएगा बल्कि एक एक सेकंड के सौंवे हिस्से से भी कम में भी उसके पूरे मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। वह कहते हैं वैसे तो यह सभी सेंटर लगातार चंद्रयान की लॉन्चिंग के समय से ही इसको पूरी तरह से मॉनिटर कर रहे हैं, लेकिन जब मिशन के चंद्रमा की सतह पर लैंड करने का वक्त आता है तो इन देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैले कमांड सेंटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका भी होने लगती है।
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