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विदेश में नौकरी का झांसा देकर बीस लाख ठगे:कनाडा में नौकरी का वादा करके बैंकाक बुलाया; भारत आकर मुकदमा दर्ज कराया

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विदेश में नौकरी का झांसा देकर बीस लाख ठगे:कनाडा में नौकरी का वादा करके बैंकाक बुलाया; भारत आकर मुकदमा दर्ज कराया

कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर दो युवकों से करीब बीस लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में रहने वाले दो युवकों को कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर बैंकाक बुलाया गया। यहां बकाया रुपए लेने के बाद दो युवकों को अंगूठा दिखा दिया। जैसे-तैसे वापस भारत लौटे इन युवकों ने अब श्रीडूंगरगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया है। इस धोखाधड़ी के मामले में नई दिल्ली के एक शख्स के साथ ही श्रीडूंगरगढ़ के दो युवकों पर आरोप लगाए गए हैं।

पुलिस को मिली रिपोर्ट के मुताबिक श्रीडूंगरगढ़ के कल्याणसर नया गांव में रहने वाले औंकार मल लखारा और श्रीराम जाट को इनके ही गांव के भंवरलाल गिवारियां और उसके बेटे मामराज ने नई दिल्ली के एक शख्स से मिलाया। बताया गया कि वो विदेश में नौकरी लगवा देगा। इन पिता-पुत्र ने महावीर नामक एक व्यक्ति को औंकार और श्रीराम के मोबाइल नंबर दे दिए। दोनों के पास नई दिल्ली में रहने वाले महावीर का फोन आया। महावीर ने दस-दस लाख रुपए में कनाडा में नौकरी लगवाने का वादा किया।

साढ़े चार हजार डॉलर का वादा

महावीर ने उन्हें कनाडा में 4,500 डॉलर (3 लाख 75 रुपए) महीने की नौकरी पांच साल के वर्क वीजा के साथ दिलवाने का वादा किया। आरोपी ने अपना आधार कार्ड भेजा जिस पर उसका पता महावीर पुत्र सत्यवान, डी 1/9 ए, पालम कुंज, द्वारका, सेक्टर 9, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली लिखा था। दोनों युवकों को गांव के मामराज व भंवरलाल ने महावीर को जानने का विश्वास दिलवाया। 22 फरवरी को दोनों ने 6 लाख रुपए नगदी गांव के ही खिंयाराम पुत्र रामचंद्र जाट व रामनारायण पुत्र रेवंतराम जाट के सामने मामराज व भंवरलाल को दे दिए। महावीर द्वारा बताए गए बैंक खाते में 23 फरवरी को 6 लाख रुपए, 8 मार्च को 1 लाख 60 हजार रुपए, 13 मार्च को 40 रुपए, यस बैंक की शाखा श्रीडूंगरगढ़ में जमा करवा दिए।

कनाडा के बजाय बैंकाक बुलाया

महावीर ने उन्हें 29 मार्च को दिल्ली एयरपोर्ट बुलाया और टिकट बना देने की बात कही। युवक 29 मार्च को दिल्ली पहुंचे तो उन्हें बैंकॉक का टिकट व टूरिस्ट वीजा थमाकर महावीर ने थाईलैंड में मिलने की बात कही और वही कनाडा की टिकट वर्क वीजा के साथ उपलब्ध करवाने की बात कही। युवक बैंकॉक पहुंचे तो आरोपी उन्हें वहां नहीं मिला। उसने एक होटल में उनकी व्यवस्था कर दी। आरोपी ने 2 अप्रैल को तय हुए दस-दस लाख रुपए में से शेष 6 लाख जमा करवाने की बात कही। तब युवकों के घर वालों ने यस बैंक के महावीर के खाते में 6 लाख रुपए ओर जमा करवा दिए। एक-दो दिन आरोपी दोनों को इधर-उधर घुमाता रहा। बाद में दो लाख रुपए ओर मांगे तो परिवादी ने कहा 20 लाख रुपए पूरे दे दिए हैं तो आरोपी उनसे गाली गलौज करने लगा। युवकों ने अपने रुपए लौटाने की बात कही तो उसने मना कर दिया। पीड़ितों ने अपने गांव के मामराज को फोन किया तो उसने कॉल ही उठाने बंद कर दिए।

जैसे-तैसे वापस भारत पहुंचे

तब दोनों ने घरवालों को विदेश में फंस जाने की सूचना दी। सब के होश उड़ गए। अब बैंकॉक से वापस भारत बुलाने के लिए भी रुपयों का जुगाड़ करना पड़ा। परिजनों ने उन्हें वापसी का टिकट करवाकर दिया और वे 15 अप्रैल को अपने घर लौट पाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एसआई इंद्रलाल को सौंप दी है।

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