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‘आसमानी आंख’ में भारत पर भारी चीन, पाकिस्तान भी हमसे कोसों आगे, आखिर AWACS इतना जरूरी क्यों?

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‘आसमानी आंख’ में भारत पर भारी चीन, पाकिस्तान भी हमसे कोसों आगे, आखिर AWACS इतना जरूरी क्यों?

चीन और पाकिस्तान ने अवाक्स के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है। हाल में ही चीन ने केजे-600 अवाक्स का परीक्षण शुरू किया है। इसे फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट किया जाएगा। वहीं, पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में ही अपने नौवें अवाक्स को वायु सेना में कमीशन किया है।

बीजिंग: चीन इन दिनों अपने अत्याधुनिक एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS)डुअल-टर्बोप्रॉप कैरियर-बोर्न KJ-600 का परीक्षण कर रहा है। चीनी सोशल मीडिया इस नए अवाक्स की तस्वीरों से भरा हुआ है। चीन के पास अवाक्स विमानों का एक विशाल बेड़ा है, जो आसमान से दुश्मन की जासूसी करने में सक्षम है। यह बेड़ा भारत के मुकाबले कई गुना बड़ा है। बड़ी बात यह है कि अवाक्स के मामले में पाकिस्तान भी भारत से कोसों आगे है। पाकिस्तान ने तो मार्च में ही एक नए अवाक्स को अपने बेड़े में शामिल किया है। ऐसे में भारत की युद्धक तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं, जबकि वह दो तरफ से दुश्मनों से घिरा हुआ है।

चीन का AWACS बेड़ा कितना बड़ा

चीन में विभिन्न प्रकार के ऑपरेशनल AWACS प्लेटफॉर्म हैं। इनमें से एक KJ-2000 है, जो सबसे बड़ा AEW&C प्लेटफॉर्म है। KJ-2000 में एक स्वदेशी टाइप 88 रडार लगा हुआ है, जिसे शीआन एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा बनाए गए रूसी A-50 मेनस्टे विमान पर सेट किया गया है। चीन KJ-3000 प्रोजेक्ट को भी आगे बढ़ा रहा है। इसमें स्वदेशी रूप से विकसित Y-20A रणनीतिक परिवहन विमान पर लगे शक्तिशाली इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रोसेसर के साथ एक अधिक आधुनिक रडार शामिल है।

Y-8J अवाक्स चीनी नौसेना में तैनात

चीन के पास एक और AWACS प्लेटफॉर्म शानक्सी एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (SAC) का Y-8J है। इसे Y-8 टर्बोप्रॉप परिवहन विमान पर सेट किया गया है। वाई-8जे का इस्तेमाल चीनी नौसेना करती है। प्रोजेक्ट 515 के तहत विकसित और पहली बार 2000 में शंघाई के पास देखा गया, इसमें एक ब्रिटिश स्काईमास्टर निगरानी रडार है जो एक प्रमुख बल्बनुमा और आंशिक रूप से झुकी हुई नाक वाले रेडोम में स्थित है। Y-8J के बाद Y-8W/KJ-200 चीन का दूसरा सबसे छोटा सामरिक AEW&C है। KJ-200 Y-8 के क्लास III एयरफ्रेम पर आधारित है, जिसमें आगे की एक ठोस नाक के साथ री डिजाइन किया गया धड़ और लोडिंग रैंप को हटाकर एक नया टेल सेक्शन लगाया गया है।

चीनी वायु सेना करती है KJ-500 का इस्तेमाल

चीन के पास KJ-500 नाम से भी एक अवाक्स सिस्टम है। इसे Y-9 एयरफ्रेम पर लगाया गया है। इसका उपयोग PLA वायु सेना (PLAAF) और PLA नेवल एविएशन दोनों द्वारा किया जाता है। चीन के AWACS बेड़े में नवीनतम जुड़ाव KJ-600 है, जिसे एक ट्विन-टर्बोप्रॉप विमान पर सेट किया गया है। इसे खास तौर पर चीन के तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान या टाइप 003 से संचालन के लिए विकसित किया गया है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर अपने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लॉन्च सिस्टम (EMALS) के साथ, फिक्स्ड-विंग AWACS/AEW&C जैसे भारी विमानों को लॉन्च और लैंड करा सकता है।

भारत के पास कितने अवाक्स

भारतीय वायु सेना तीन रूसी IL-76 ‘फाल्कन’ अवाक्स और दो इंबरर नेत्र अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट को संचालित करती है। इनमें से अधिकतर अवाक्स का संचालन चीन और पाकिस्तान की सीमा पर किया जाता है। अगर कोई अवाक्स मेंटीनेंस के लिए जाता है तो इसकी संख्या और ज्यादा कम हो जाती है। इससे भारत की आसमान से दुश्मन पर नजर रखने की क्षमता भी प्रभावित होती है। अवाक्स सिस्टम दुश्मन के क्षेत्र में अंदर तक जानकारी जुटाने के लिए लंबी दूरी के रडार से लैस होता है। यह दुश्मन की हर एक हवाई गतिविधि के बारे में अग्रिम जानकारी प्रदान करके युद्ध के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

पाकिस्तान के पास कितने अवाक्स सिस्टम

पाकिस्तानी वायु सेना के पास अवाक्स सिस्टम का बेड़ा लगभग नौ हो गया है। इसमें से सबसे नए एरीआई अवाक्स से लैस साब-2000 विमान को 2024 की शुरुआत में पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल किया गया था। एरीआई अवाक्स को तीन आर्डरों में खरीदा गया है। पाकिस्तानी वायु सेना ने 2006 में छह अवाक्स के लिए 1.15 बिलियन डॉलर का पहला ऑर्डर दिया था। लेकिन, 2005 के भूकंप के बाद पाकिस्तान ने ऑर्डर घटाकर चार विमानों का कर दिया। पाकिस्तान ने SAAB एरीआई अवाक्स विमान का इस्तेमाल 27 फरवरी, 2019 को भारत के खिलाफ हवाई हमले के दौरान भी किया था।

अवाक्स या एयरबोर्न रडार के लाभ क्या हैं

अवाक्स प्लेटफॉर्म शक्तिशाली ग्राउंड बेस्ड रडार की सीमित क्षमताओं के पार जाकर जानकारी जुटाते हैं। अवाक्स गतिशील होते हैं और विभिन्न ऊंचाइयों पर उड़ सकते हैं। इससे उन्हें कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलों, विमानों या पृथ्वी की वक्रता के कारण जमीन पर मौजूद रडार की दृष्टि में न आने वाले वस्तुओं की पहचान भी कर पाते हैं। अवाक्स एक व्यापक मोर्चे को कवर कर सकता है, जिससे यह जमीन पर मौजूद रडार और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ समन्वय करके एक गहन नेटवर्क वाली एकीकृत वायु रक्षा (आईएडी) बना सकते हैं। यह दुश्मन के हवाई क्षेत्र पर भी नजर रख सकते हैं।

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