पिता ने बेटे-बहू पर पेट्रोल छिड़का, मारने की कोशिश:माचिस की तिल्ली जलाते समय पोते ने दादा को पकड़ा, 6 महीने से थी प्लानिंग
जोधपुर
मकान खाली करवाने के लिए 75 साल के पिता ने बेटे और बहू पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की। माचिस से तिल्ली जलाता, इससे पहले ही पोते ने पीछे से आकर दादा को पकड़ लिया। बेटे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पिता को गिरफ्तार किया। बहू ने ससुर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। सीसीटीवी फुटेज में भी पिता पेट्रोल छिड़कते नजर आया है।
मामला जोधपुर के सदर कोतवाली थाने का है। एडीसीपी ईस्ट विरेंद्र सिंह ने बताया कि मौके से ही नेनाराम प्रजापत (75) को गिरफ्तार कर लिया गया था। आज कोर्ट में पेश कर ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा है।
मकराना मोहल्ला में रहने वाली ललिता प्रजापत ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह पति राकेश और छोटे बेटे रितिक के साथ शुक्रवार रात को मकान की दूसरी मंजिल पर सो रही थी। बड़ा बेटा प्रिंस तबीयत खराब होने के चलते जगा हुआ था और गली में टहल रहा था।
प्रिंस ने दादा नेनाराम प्रजापत को शुक्रवार तड़के 3 बजे पेट्रोल का केन लाते देखा। वे कमरे में आए और हम पर पेट्रोल डाल दिया। शरीर पर पेट्रोल गिरते ही हम तीनों जाग गए। ससुर माचिस की तिल्ली लेकर खड़े थे। बड़े बेटे ने पीछे से आकर उन्हें पकड़ लिया। बहू ने बताया कि पति और बेटे ने छीना झपट्टी कर माचिस और तिल्ली को नीचे गिरा दिया। शोर होने पर पड़ोसी भी जाग गए और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस गिरफ्त में 75 साल का नेनाराम।
पिता-बेटे के बीच मकान का विवाद
नेनाराम प्रजापत और उसके बेटे राकेश कुमार के बीच मकान के मालिकाना हक को लेकर विवाद है। मकान नेनाराम प्रजापत की पत्नी के नाम था, जिसे उसने बेटे राकेश को गिफ्ट किया था। पिता इससे नाराज था और बेटे-बहू और उनके परिवार को मकान से निकालना चाहता था। पिता नेनाराम स्वयं निचली मंजिल में रहता है। नेनाराम की पत्नी की कोरोना के दौरान मौत हो गई थी।
6 महीने से कर रहा था पेट्रोल इकट्ठा
मामले की जांच कर रहे एसआई पुखराज ने बताया कि करीब 6 महीने से नेनाराम पेट्रोल इकट्ठा कर रहा था। वह मौके की तलाश में था। पूछताछ में सामने आया कि बेटा-बहू की ओर से उसका ख्याल नहीं रखने के कारण मन-मुटाव बढ़ गया।
बेटे-बहू के खिलाफ कोर्ट में पहुंचा था
नेनाराम पहले भी कोर्ट में बेटे-बहू के खिलाफ मजिस्ट्रेट के सामने पेश हो चुका है। कोर्ट में कहा था कि बेटा-बहू उसका ख्याल नहीं रखते। इस पर मजिस्ट्रेट ने 1600 रुपए मासिक बेटे को पिता को देने का आदेश दिया था।
इसके बाद फिर से वह मकान को लेकर कोर्ट में याचिका दायर चुका है और उसमें बताया गया कि मकान उसने बनाया और वह एक कमरे में अकेले रहता है। परिवार उसका ध्यान नहीं देता। यह मामला कोर्ट में लंबित है।
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