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जम्मू-कश्मीर के डोडा में सेना-आतंकियों के बीच 2 बार फायरिंग:कल यहीं कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हुए थे, सर्च ऑपरेशन का आज तीसरा दिन

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जम्मू-कश्मीर के डोडा में सेना-आतंकियों के बीच 2 बार फायरिंग:कल यहीं कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हुए थे, सर्च ऑपरेशन का आज तीसरा दिन

डोडा

सीमा पार से घुसपैठ कर डेसा जंगल में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। - Dainik Bhaskar

सीमा पार से घुसपैठ कर डेसा जंगल में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा इलाके में मंगलवार (16 जुलाई) देर रात आतंकियों और सेना के बीच 2 बार गोलीबारी हुई। सर्च ऑपरेशन के दौरान रात 10:45 बजे डेसा फोरेस्ट बेल्ट के कलां भाटा में फिर रात 2 बजे पंचान भाटा इलाके में फायरिंग हुई। हालांकि इसमें किसी नुकसान की खबर नहीं है। आर्मी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

दरअसल, 15 जुलाई को सेना और पुलिस को इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जहां आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग की और भाग निकले। वे घना जंगल होने की वजह से बच निकले। 15 जुलाई को ही रात 9 बजे उन्होंने फिर गोलीबारी की। इसमें कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हुए। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई थी। कुल 5 लोगों की जान गई।

इसके बाद राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया। इसी दौरान कल यानी 16 जुलाई को देर रात आतंकियों- जवानों के बीच 2 बार फिर गोलीबारी हुई। आज 17 जुलाई को तीसरे दिन भी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। ड्रोन और हेलिकॉप्टर की मदद से आतंकियों को ढूंढने की कोशिश की जा रही है।

आतंकी हमले और सर्च ऑपरेशन वाली जगह मैप में देखें…

दार्जलिंग के रहने वाले थे शहीद कैप्टन बृजेश, राजस्थान के 2 जवानों ने भी जान गंवाईं

शहीद हुए जवानों को जम्मू एयरपोर्ट पर मंगलवार को श्रद्धांजलि दी गई।

शहीद हुए जवानों को जम्मू एयरपोर्ट पर मंगलवार को श्रद्धांजलि दी गई।

शहीद हुए राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में कैप्टन बृजेश थापा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के और सिपाही बृजेंद्र, सिपाही अजय राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले थे। नायक डी राजेश की जानकारी सामने नहीं आई है।

1. कैप्टन बृजेश थापा: आर्मी डे के दिन जन्म हुआ, इंजीनियरिंग की, पर सेना को चुना

कैप्टन बृजेश थापा 2019 में सेना में भर्ती हुए थे। पासिंग आउट परेड के दौरान पिता कर्नल भुवनेश थापा और मां नीलिमा बेटे को बैज लगाते हुए।

कैप्टन बृजेश थापा 2019 में सेना में भर्ती हुए थे। पासिंग आउट परेड के दौरान पिता कर्नल भुवनेश थापा और मां नीलिमा बेटे को बैज लगाते हुए।

कैप्टन बृजेश थापा (27) का जन्म 15 जनवरी को आर्मी डे के दिन हुआ था। उनकी मां नीलिमा ने बताया कि आखिरी बार रविवार (14 जुलाई) को बेटे से बात हुई थी। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे के बलिदान पर गर्व है। अगर हम अपने बेटे को सीमा पर नहीं भेजेंगे, तो देश के लिए कौन लड़ेगा।

कैप्टन बृजेश के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) बोले- जब मुझे बताया गया कि वह अब नहीं रहा तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ। वह मेरी सेना की ड्रेस पहनकर घूमता था। इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था। उसने एक बार में ही परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया।

मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है। दुख की बात यह है कि हम उससे दोबारा नहीं मिल पाएंगे, अन्यथा मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। रात 11 बजे हमें उसकी खबर मिली। मैं भी फौजी रहा हूं, जंगल में आतंकियों को देख पाना बड़ा मुश्किल होता है। जंगल बहुत घने होते हैं।

2. सिपाही अजय सिंह: तीन दिन बाद घर आने वाले थे

सिपाही अजय सिंह नरूका (26) का अंतिम संस्कार आज भैसावता कलां (झुंझुनूं) में होगा। अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। कमल सिंह 2015 में रिटायर हुए थे। शहीद अजय सिंह नरूका की शादी 21 नवंबर 2021 को शालू कंवर (24) से हुई थी। मां सुलोचना देवी गृहिणी हैं।

अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के AIMS में डॉक्टर है। पत्नी शालू कंवर ने इसी साल चिड़ावा के कॉलेज से MSc. क्लियर किया है। शहीद के चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजिमेंट में सिक्किम में तैनात हैं। उन्हें 2022 में सेना मेडल से नवाजा गया था।

परिजनों ने बताया- अजय सिंह दो महीने पहले छुट्‌टी पर घर आए थे। इसके बाद ड्यूटी पर वापस लौट गए थे। दो दिन बाद 18 जुलाई को छुट्‌टी लेकर गांव आने वाले थे। इससे पहले मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहीद अजय के गांव के रास्तों की साफ-सफाई की जा रही है। घर तक जाने वाली गली ऊबड़-खाबड़ है।

3. बिजेंद्र सिंह: 5 दिन पहले घर आने वाले थे, लेकिन छुट्‌टी कैंसिल हो गई

बिजेंद्र सिंह 2018 में आर्मी में भर्ती हुए थे। 2019 में उनकी शादी अंकिता के साथ हुई थी। उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक चार साल का, जबकि दूसरा एक साल का है। शहीद का छोटा भाई दशरथ सिंह भी आर्मी में हैं। अभी उनकी तैनाती लखनऊ में है। परिवार में तीन बहनें और माता-पिता भी हैं।

बिजेंद्र सिंह फरवरी में एक महीने की छुट्‌टी पर अपने घर आए थे। पांच दिन पहले घर आने वाले थे, लेकिन आतंकी घटनाओं के चलते छुट्‌टी कैंसिल हो गई थी। सेना के अधिकारियों का कॉल दशरथ सिंह के पास आया था। इसी के बाद उनको बिजेंद्र के शहीद होने की जानकारी हुई। दशरथ सिंह को फौरन छुट्‌टी देकर लखनऊ से गांव के लिए भेज दिया गया है।

4. नायक डी राजेश: शहीद सिपाही नायक डी राजेश के बारे में जानकारी सामने नहीं आई है

शहीद नायक डी राजेश (25) का जन्म आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में हुआ था। उन्होंने 6 साल पहले आर्मी जॉइन की थी। सेना जॉइन कर देश की सेवा करना डी राजेश का बचपन का सपना था। डी राजेश के माता-पिता उनकी इसी साल शादी करवाना चाहते थे।

5. नोट: इन 4 जवानों के अलावा आतंकियों से मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मी की भी जान गई है। उनकी जानकारी सामने नहीं आई है।

आतंकी संगठन का दावा- 12 जवान मारे गए
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से बात की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से मुठभेड़ की जानकारी ली है। जम्मू डिवीजन के डोडा में 34 दिन में यह पांचवां एनकाउंटर है। इससे पहले 9 जुलाई को एनकाउंटर हुआ था। यहां 26 जून को एक और 12 जून को 2 हमले हुए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों-आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 3 आतंकी मारे गए थे।

सेना पर हमला आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने किया है। आतंकियों को पकड़ने के लिए जंगल में सर्चिंग तीसरे दिन भी जारी है।

सेना पर हमला आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने किया है। आतंकियों को पकड़ने के लिए जंगल में सर्चिंग तीसरे दिन भी जारी है।

जम्मू रीजन में 78 दिन में 11 आतंकी हमले

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