सेहतनामा- कॉमेडियन भारती सिंह की गॉलस्टोन की सर्जरी हुई:जानिए क्यों होता है गॉलस्टोन, क्या हैं लक्षण और इसका इलाज क्या है

फेमस कॉमेडियन भारती सिंह अपने जोक्स से हिंदी जानने और समझने वाली एक बड़ी आबादी को हंसाती-गुदगुदाती हैं। करीब दो सप्ताह पहले उन्हें पेट में दर्द की शिकायत हुई। उन्हें लगा कि फूड पॉइजनिंग हुई है, लेकिन जांच में पता चला कि गॉलस्टोन की शिकायत है। मुंबई के कोकिलाबेन धीरू भाई अंबानी हॉस्पिटल में उनका ऑपरेशन हुआ और अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है।
क्लिनिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी के मुताबिक, दुनिया के करीब 6% लोगों को गॉलस्टोन की समस्या होती है। अमेरिका में यह आंकड़ा 15% के करीब है। यानी वहां लगभग 15% लोगों को गॉलस्टोन की समस्या है। अनुमान है कि आने वाले वक्त में यह समस्या और बढ़ जाएगी।
आज ‘सेहतनामा’ में गॉलस्टोन की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि
- क्यों होती है गॉलस्टोन की समस्या?
- ये कितने प्रकार का होता है?
- इसका इलाज क्या है?
क्यों होता है गॉलस्टोन?
गॉलस्टोन पित्त में पाए जाने वाले डाइजेस्टिव जूस के जमा होने से बनते हैं। ये आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल जैसे ठोस पदार्थों से बनते हैं। वर्ल्ड गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक दुनिया में 85% गॉलस्टोन कोलेस्ट्रॉल से ही बनते हैं। दिल्ली के सीनियर फिजिशियन डॉ. बॉबी दीवान कहते हैं कि गॉल ब्लैडर काफी कॉमन हैं और आमतौर पर इनके लक्षण भी नहीं दिखते हैं। अगर लक्षण दिख रहे हैं तो ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है।

गॉलस्टोन होने पर किस तरह के लक्षण दिखते हैं?
गॉलस्टोन की वजह से पेट के ऊपरी हिस्से में दाहिनी ओर या पेट के बीच में दर्द की शिकायत हो सकती है। गॉलस्टोन का दर्द जरूरी नहीं है कि हर समय बना रहे। अगर गॉलस्टोन है तो कई बार ज्यादा ऑइली चीजें खाने या बहुत तला-भुना खाने से भी पेट का दर्द बढ़ सकता है।गॉलस्टोन का दर्द आमतौर पर कुछ घंटो तक ही रहता है, लेकिन यह असहनीय होता है। अगर इसके लिए कोई दवा न ली जाए, इलाज न कराया जाए तो कंडीशन बिगड़ सकती है। इससे किस तरह के लक्षण दिखेंगे, ग्राफिक से समझते हैं।

डॉ. बॉबी दीवान कहते हैं कि गॉल ब्लैडर में किसी तरह का संक्रमण होने पर, लिवर या पैन्क्रियाज में सूजन होने पर भी शरीर इस तरह के संकेत देता है। इसलिए इन लक्षणों का मतलब यह नहीं है कि हमें गॉलस्टोन हो गए हैं। इसलिए सीधे गॉलस्टोन का इलाज शुरू करने से पहले इस बारे में किसी डॉक्टर से कंसल्ट करना आवश्यक है।
ज्यादातर गॉलस्टोन ए-सिंप्टमेटिक होते हैं
गॉलस्टोन कभी खुद दर्द का कारण नहीं होता है। अगर स्टोन की वजह से बाइल जूस पास होने में कोई समस्याा हो रही है। तभी दर्द महसूस होता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के मुताबिक, लगभग 80% लोगों को ‘साइलेंट गॉलस्टोन’ होता है। इसका मतलब है कि इन लोगों को दर्द का अनुभव नहीं होता या किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। इस तरह के मामले किसी दूसरे इलाज के सिलसिले में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड से या पेट की सर्जरी के दौरान गॉलस्टोन का पता चलता है।
क्या है गॉलस्टोन की वजह?
गॉलस्टोन का असल कारण गॉल ब्लैडर में बाइल के केमिकल इंबैलेंस के कारण होता है। हालांकि एक्सपर्ट्स अभी तक यह नहीं पता लगा पाए हैं कि यह केमिकल इंबैलेंस क्यों होता है। इसके कुछ संभावित कारण माने जाते हैं:
बाइल में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
यह तो सच है कि ज्यादातर गॉलस्टोन कोलेस्ट्रॉल जमा होने से बनता है। अगर हमारे बाइल में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत बढ़ जाए तो पीला कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और पथरी बन सकता है। अगर हमारा लिवर ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बना रहा है तो बाइल इसे घोल नहीं पाता है। यही ठोस हिस्सा जमता रहता है और स्टोन बन जाता है।
बाइल में बिलीरुबिन की मात्रा बहुत बढ़ जाने पर
बिलीरुबिन एक केमिकल है जो लाल रक्त कोशिकाओं के मृत होने पर बनता है। सामान्य रूप से यह हमारे लिवर से होकर गुजरता है और अंततः शरीर से बाहर निकल जाता है।
कुछ खास हेल्थ कंडीशन जैसे- लिवर डैमेज होने पर या ब्लड इंफेक्शन होने पर जरूरत से ज्यादा बिलीरुबिन जमा होने लगता है। इतनी मात्रा में जमा बिलीरुबिन को हमारा बाइल ब्रेक नहीं कर पाता है। यह जमा होने लगता है और गहरे भूरे या काले रंग का हार्ड स्टोन बन जाता है।
गॉल ब्लैडर में बाइल गाढ़ा होने से
हमारा गॉल ब्लैडर ठीक तरह से काम करे, इसके लिए इसका खाली होना जरूरी है। अगर इसका बाइल समय पर खाली नहीं होगा तो यह गाढ़ा होता चला जाता है। जो बहुत कॉन्सेन्ट्रेटेड होने पर स्टोन बनने लगता है।
किसे होता है गॉलस्टोन का ज्यादा खतरा?
गॉलस्टोन का सबसे अधिक जोखिम उन्हें हैं, जिनकी गॉलस्टोन की कोई फैमिली हिस्ट्री है। इसके अलावा डाइबिटिक लोगों को और लिवर इंफेक्शन से परेशान लोगों को इसका खतरा ज्यादा रहता है। आइए ग्राफिक में पूरी लिस्ट देखते हैं।

क्या है इसका इलाज?
डॉ. बॉबी दीवान कहते हैं कि जब तक गॉल ब्लैडर के स्टोन की वजह से दर्द न हो तो न तो इसका पता चल पाता है और न ही इलाज की जरीरत पड़ती है। कई बार तो हमें इसका पता भी नहीं चलता है और ये अपने आप निकल जाती हैं। लेकिन अगर दर्द हो रहा है तो डॉक्टर सर्जरी एडवाइस करते हैं।
- अगर गॉल ब्लैडर में स्टोन की वजह से या किसी इन्फेक्शन के चलते इंफ्लेमेशन है तो तुरंत सर्जरी नहीं की जाती है। पहले एंटीबायोटिक्स और ड्रिप्स देकर इसे ठीक किया जाता है। उसके बाद सर्जरी की जाती है। क्योंकि इंफ्लेमेशन के दौरान सर्जरी करने से गॉल ब्लैडर फट सकता है।
- डॉ. बॉबी दीवान बताते हैं कि अगर ओपन सर्जरी की जाती है तो आमतौर पर पूरा गॉल ब्लैडर ही रिमूव कर दिया जाता है। ऐसे में खानपान का बहुत ध्यान रखना होता है।
- बहुत हल्का भोजन करना चाहिए। छोटी-छोटी कई मील्स लेनी चाहिए। बहुत ऑइली और तली-भुनी चीजें खाने से बचना चाहिए।
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