जरूरत की खबर- कुवैत अग्निकांड में 45 भारतीयों की मौत:घर या बिल्डिंग में आग लगने पर क्या करें, ये 6 सावधानियां बचाएंगी जान
कुवैत के मंगाफ शहर में 6 मंजिला बिल्डिंग में आग लगने से 49 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों में 45 भारतीय मजदूर शामिल थे।
बीते बुधवार की रात कुवैत अग्निकांड जैसा एक मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से भी सामने आया, जहां तीन मंजिला बिल्डिंग में आग लगने से एक ही परिवार के 2 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत हो गई।
भले ही यह दोनों घटनाएं अलग-अलग देशों में हुईं हों, लेकिन शुरूआती जांच में कुवैत और गाजियाबाद के अग्निकांड में एक चीज कॉमन थी- बिजली का ‘शॉर्ट सर्किट’।
गर्मी के महीने में एसी, कूलर जैसे इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज का इस्तेमाल बढ़ जाता है। ऐसे में ओवरलोडिंग की वजह से बिजली की वायरिंग गर्म होकर जल जाती है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि आग लगने पर कैसे बचाव करें। साथ ही जानेंगे कि-
- शॉर्ट सर्किट या गैस सिलेंडर की आग को कैसे बुझा सकते हैं?
- आग लगने की स्थिति में किस तरह की गलतियां न करें?
एक्सपर्ट: रामराजा यादव, चीफ फायर ऑफिसर, बदायूं (उत्तर प्रदेश)
सवाल- भारत में आग की वजह से कितने लोगों की हर साल मौत हो जाती है?
जवाब- नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की दिसंबर, 2023 की रिपोर्ट ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया, 2022’ के मुताबिक साल 2022 में देश में आग लगने की 7566 घटनाएं हुईं। इनमें 7435 लोगों की मौत हो गई। वहीं 2020 में आग लगने की 9329 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 9110 लोगों की मौत हुई।
इन घटनाओं में 50% से ज्यादा मौतें घरों और बिल्डिंग्स में आग लगने की वजह से हुईं।
सवाल- आग लगने की बढ़ती घटनाओं के पीछे वजह क्या है?
जवाब- आयरलैंड के फायर सेफ्टी रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक मॉडर्न दौर में बनने वाले घर 50 साल पहले के घरों की तुलना में 8 गुना अधिक तेजी से आग पकड़ते हैं। इसका बड़ा कारण मॉडर्न फर्नीचर भी है। इसके अलावा घर में आग लगने की घटनाओं के यह कुछ मुख्य कारण हैं।
LPG सिलेंडर की वजह से आग
घर में आग की लगभग आधी घटनाएं रसोई से शुरू होती हैं। घरेलू सिलेंडर से गैस रिसाव या जलती गैस छोड़कर भूल जाने की वजह से घर में आग लगने की अधिकांश घटनाएं होती हैं।
इलेक्ट्रिक शॉर्ट-सर्किट
घर या बिल्डिंग में आग लगने के प्रमुख कारणों में दूसरा कारण इलेक्ट्रिक शॉर्ट-सर्किट है क्योंकि खराब क्वालिटी के केबल गर्मी के मौसम में तेज धूप झेल नहीं पाते हैं। इसके अलावा गर्मी में इलेक्ट्रिक सप्लाई का लोड बढ़ने से जल्दी गर्म होकर फट जाते हैं।
लापरवाही बरतना
कई बार घर में धूम्रपान करते समय लापरवाही बरतने की वजह से आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। बिस्तर, सोफा, फर्नीचर, पर्दे जैसी चीजों पर सिगरेट या माचिस की तीली से आग लग सकती है। इसके अलावा आयरन (इस्त्री), हीटर रॉड जैसे इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज को ऑन रखकर छोड़ने की वजह से भी आग लगने का खतरा रहता है।
सवाल- घर या बिल्डिंग में आग लगने पर किन बातों का ध्यान रखें?
जवाब- घर या बिल्डिंग में आग लगने पर सबसे पहले 101 नंबर पर कॉल करके फायर ब्रिगेड को घटना की जानकारी दें। इसके अलावा इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं।
हमेशा ध्यान रखें कि फायर ब्रिगेड टीम से फोन पर बात करते समय स्पष्ट आवाज में सही पता नोट कराएं। जिससे टीम आपके घर या बिल्डिंग तक जल्द-से-जल्द मदद के लिए पहुंच सके।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए।
सवाल- घर या बिल्डिंग में आग लगने पर अगर कोई अंदर फंस जाए तो खुद का बचाव कैसे कर सकता है?
जवाब- आमतौर पर हमारे वातावरण में ऑक्सीजन का लेवल 21% होता है। जब घर या बिल्डिंग में आग लगती है तो वहां ऑक्सीजन का लेवल घटने लगता है। जैसे-जैसे ऑक्सीजन का लेवल कम होता है, अंदर फंसे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
जब ऑक्सीजन का लेवल घटकर 4-6% रह जाता है तो कुछ ही सेकेंड में मौत हो सकती है।
चीफ फायर ऑफिसर रामराजा यादव बताते हैं कि आग लगने की स्थिति में अधिकांश लोगों की जलने की बजाय दम घुटने के कारण मौत होती है।
ऐसे में अगर कोई व्यक्ति घर या बिल्डिंग में फंस गया है और निकलने में असमर्थ है तो बचने के लिए इन तरीकों को अपना सकता है।
- बिल्कुल घबराएं नहीं, धैर्य बनाएं रखें क्योंकि आग लगने के कई मामलों में व्यक्ति की हार्ट अटैक या छत से कूदने की वजह से मौत हो जाती है।
- आग लगने पर घर की बिजली मेनस्विच से तुरंत कट कर दें क्योंकि बिजली के संपर्क में आने से आग खतरनाक रूप ले सकती है।
- बाहर से मदद न मिलने तक खुद को किसी कमरे में बंद कर लें।
- इसके बाद कमरे में धुएं को आने से रोकने का प्रयास करें। ।
- खिड़की, दरवाजों में लगे शीशे को तोड़कर निकलने का प्रयास न करें। इससे बाहर का धुआं कमरे में आ सकता है और दम घुट सकता है।
- बिल्डिंग की छत पर जाने का प्रयास न करें क्योंकि आग हमेशा ऊपर की ओर बढ़ती है।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि आग लगने पर बाहर से मदद न मिलने तक क्या कर सकते हैं।
सवाल- गर्मियों में शॉर्ट सर्किट की घटनाएं क्यों बढ़ जाती हैं?
जवाब- हर इलेक्ट्रिॉनिक डिवाइस या वायरिंग की ऑपरेटिंग करंट को सहन करने की एक क्षमता होती है, जो कि अधिकांश डिवाइस पर एम्पीयर में लिखी होती है। क्षमता से 1 एम्पीयर भी करंट का फ्लो ज्यादा हुआ तो वायरिंग गर्म पड़ जाएगी और शॉर्ट सर्किट हो जाएगा।
कई बार विद्युत कनेक्शन डायरेक्ट होने की वजह से भी शॉर्ट सर्किट होता है। गर्मियों में बाहरी तापमान ज्यादा होने की वजह से इलेक्ट्रिक वायरिंग गर्म हो जाती है। ऐसे में एक चिंगारी भी आग का कारण बन सकती है।
सवाल- शॉर्ट सर्किट की वजह से अगर आग लग जाए तो क्या करें?
जवाब- अगर घर में बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग जाए तो इन तरीकों को अपना सकते हैं।
- सबसे पहले घर की बिजली काट दें क्योंकि बिजली सप्लाई बंद होने से आपको बिजली का करंट लगने का खतरा नहीं रहेगा। साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज को आग के संपर्क में आने से रोका जा सकता है।
- बिजली का सोर्स बंद हो गया है या नहीं, यह कंफर्म करने के बाद ही आग को पानी से बुझाएं।
- विद्युत आग को रोकने के लिए ऑक्सीजन का सोर्स काट देें। यानी किसी कंबल या भारी कपड़े को आग के ऊपर डाल सकते हैं। ध्यान रखें कि ऐसा तभी कर सकते हैं, जब आग कम हो। अगर आग तेज है तो बुझाने के लिए आग के पास जाने की कोशिश न करें।
सवाल- घरेलू गैस का रिसाव होने पर क्या सावधानियां बरतें?
जवाब- चीफ फायर ऑफिसर रामराजा यादव बताते हैं कि गैस लीकेज की महक आने पर सबसे पहले घर के सभी खिड़की-दरवाजे खोल देने चाहिए।
साथ ही घर के किसी भी इलेक्ट्रिक स्विच को छूने से बचना चाहिए। जो जिस स्थिति में है, उसे उसी स्थिति में रहने दें क्योंकि इलेक्ट्रिक स्विच को चालू या बंद करने से माइक्रो स्पार्किंग होती है। घर के वातावरण में गैस होने की वजह से आग लग सकती है। इससे संभलने का मौका भी नहीं मिलेगा।
गैस सिलेंडर की आग को बुझाने के लिए अपनाएं ये तरीके
- गैस सिलेंडर के ऊपर गीला कंबल या बेडशीट जैसा कोई भारी कपड़ा लपेट दें। इससे ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाएगी।
- सिलेंडर में लगी आग को रेत डालकर भी बुझाया जा सकता है।
- गैस सिलेंडर में आग लगने पर कभी भी उसे टेढ़ा न करें। साथ ही मिट्टी या किसी अन्य चीज में दबाने की गलती न करें।
Add Comment