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बीकानेर की सोनाली को साहित्य अकादेमी अवार्ड:नागौर के प्रह्लाद झोरड़ा को राजस्थानी का बाल साहित्य का अवार्ड, सभी भाषाओं के अवार्ड घोषित

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बीकानेर की सोनाली को साहित्य अकादेमी अवार्ड:नागौर के प्रह्लाद झोरड़ा को राजस्थानी का बाल साहित्य का अवार्ड, सभी भाषाओं के अवार्ड घोषित

साहित्य अकादेमी नई दिल्ली ने विभिन्न भाषाओं में साहित्य के अवार्ड घोषित कर दिये हैं। जल्द ही दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ये अवार्ड दिए जाएंगे। हर साल ये अवार्ड साहित्य अकादेमी की ओर से दिए जाते हैं।

बीकानेर की राजस्थानी युवा कवयित्री, चित्रकार सोनाली सुथार को साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का इस वर्ष का युवा साहित्य पुरस्कार घोषित हुआ है। वहीं नागौर के प्रहलाद सिंह ‘ झोरड़ा ‘ को अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार मिला है। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ने आज पुरस्कार घोषित किये हैं। सोनाली सुथार को उनकी काव्य कृति ‘ सुध सोधूं जग आँगणे ‘ पर ये पुरस्कार मिला है। सोनाली सुथार सुविख्यात वास्तुविद आर के सुथार की सुपुत्री है। सोनाली चित्रकार भी हैं। प्रहलाद सिंह को ये पुरस्कार उनकी बाल काव्य कृति ‘ म्हारी ढाणी ‘ पर दिया गया है। प्रहलाद राजस्थानी के विख्यात कवि कानदान कल्पित के परिवार से है। बीकानेर के साहित्यकारों ने सोनाली सुथार व प्रहलाद झोरड़ा को पुरस्कार मिलने पर को बधाई दी है।

राजस्थानी कवि प्रहलाद सिंह झोरड़ा मूल रूप से नागौर के रहने वाले हैं। उनके काव्य संग्रह “म्हारी ढाणी” में उन्होंने ग्रामीण परिवेश का चित्रण किया है। वहीं पशु-पक्षी की पीड़ा को भी बताने का प्रयास किया है। राजस्थानी भाषा साहित्य को आगे बढ़ाने की दृष्टि से प्रहलाद की कविताओं को महत्वपूर्ण माना गया है।

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