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बीकानेर में भारतीय सेना करेगी US आर्मी के साथ ‘युद्ध अभ्यास’, स्ट्राइकर भी ले सकता है हिस्सा

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बीकानेर में भारतीय सेना करेगी US आर्मी के साथ ‘युद्ध अभ्यास’, स्ट्राइकर भी ले सकता है हिस्सा!

सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना अगले महीने अमेरिकी सेना के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज करने जा रही है। दोनों सेनाओं के बीच यह युद्ध अभ्यास का 20वां संस्करण होगा। भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास युद्ध अभ्यास हर साल आयोजित किया जाता है। जो एक बार अमेरिका में और दूसरी बार भारत में होता है।

भारतीय सेना अगले महीने सितंबर में अमेरिकी सेना के साथ ‘युद्धाभ्यास’ करने जा रही है। भारत और अमेरिकी सेना के बीच सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज आयोजित की जाती है। भारत, अमेरिकी सेनाओं के बीच यह युद्ध अभ्यास का 20वां संस्करण होगा। इस बार यह एक्सरसाइज राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस बार युद्ध अभ्यास-24 में अमेरिकी सेना अपना खास इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी) स्ट्राइकर समेत बड़े हथियार भी ला सकती है। बता दें कि भारतीय सेना स्ट्राइकर खरीदने की इच्छुक है। स्ट्राइकर में जैवलीन मिसाइल लगी है, जिसके साझा निर्माण के लिए अमेरिका ने भारत को ऑफर दिया है।  

15 दिन तक चलेगी मिलिट्री एक्सरसाइज!
भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास युद्ध अभ्यास हर साल आयोजित किया जाता है। जो एक बार अमेरिका में और दूसरी बार भारत में होता है। इस बार यह सालाना युद्धाभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया जाएगा। दोनों देशों के बीच यह युद्धाभ्यास 15 दिन तक चलेगा, 9 सितंबर से 23 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। ये युद्धाभ्यास भारत-श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास मित्र शक्ति-2024 के बाद आयोजित किया जा रहा है, जो 12 से 25 अगस्त तक श्रीलंका के सेना प्रशिक्षण स्कूल, मदुरू ओया में आयोजित किया गया था। मित्र शक्ति संयुक्त सैन्य अभ्यास भी हर साल श्रीलंका के साथ किया जाता है, तो एक साल भारत में और दूसरी बार श्रीलंका में आयोजित किया जाता है।      

अमेरिकी सेना भारत ला सकती है स्ट्राइकर
सूत्रों ने बताया कि इस अभ्यास में भारत की तरफ से तकरीबन 500 जवान हिस्सा लेंगे। बड़े स्तर पर आयोजित होने वाली इस मिलिट्री एक्सरसाइज में मैकेनाइज्ड इनफैंट्री फोर्सेज अपने साजो-सामान के साथ हिस्सा लेंगी। वहीं अमेरिका की तरफ से भी तकरीबन इतने जवान इस अभ्यास में शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि भारत की तरफ से इस अभ्यास में टैंक, बीएमपी, इनफैंट्री फाइटिंग व्हीकल (IFV), ऑर्मर्ड पर्सनल कैरियर (APC), ड्रोन, यूएवी हिस्सा लेंगे। जबकि अमेरिकी सेना दुनिया के सबसे आधुनिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी) स्ट्राइकर को भारत ला सकती है। बता दें, कि स्ट्राइकर को जेवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) मिसाइल से लैस किया जा सकता है। 

स्ट्राइकर को लेकर भारतीय सेना से चल रही बातचीत
भारतीय सेना पिछले कई दशक से रुस के बीएमपी व्हीकल इस्तेमाल कर रही है। लेकिन भारतीय सेना को अब आधुनिक आर्मर्ड पर्सनल कैरियर (एपीसी) की जरूरत है। गलवान झड़प (2020) के बाद से भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख में तेजी से मूवमेंट करने के लिए कम वजनी एपीसी की जरूरत महसूस हुई है। क्योंकि चीन के पास हम्वी गाड़ियां हैं, जो ऊंचाई और बेहद ही दुर्गम इलाकों तक में आसानी से पहुंच सकती हैं। भारतीय सेना को तकरीबन 530 एपीसी की जरूरत है। सेना में कुल 50 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियन हैं। इनमें से 10 सर्विलांस और सपोर्ट के लिए हैं, जबकि अन्य 40 स्टैंडर्ड मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियन हैं। 

यूएस आर्मी का अहम हिस्सा है स्ट्राइकर
वहीं पिछले दो दशक से स्ट्राइकर यूएस आर्मी का अहम हिस्सा बन गया है। क्योंकि अमेरिका ने अपनी इन्फैंट्री यानी पैदल सैनिकों की रेजीमेंट को लगभग खत्म कर पूरी तरह से स्ट्राइकर बेस्ड ब्रिगेड कॉम्बैट टीम (बीटीसी) में तब्दील कर दिया है। ये स्ट्राइक ब्रिगेड मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री की तर्ज पर बनाई गई हैं। स्ट्राइकर में 8-9 सैनिक सवार हो सकते हैं और एलएमजी (लाइट मशीन गन) के अलावा रॉकेट लॉन्चर से भी लैस है। इसकी बॉडी आर्मर्ड प्रोटेक्टेड (बख्तरबंद गाड़ी), जिससे इसमें सवार सैनिक गोलियों और बम-बारूद से सुरक्षित रहते हैं। साथ ही, ड्रोन के खतरों से निपटने के लिए इसमें शॉर्ट रेंज एयर-डिफेंस सिस्टम (एसएचओआरएडी) भी लगाया गया है। वहीं स्ट्राइकर के कई वैरिएंट हैं, जिन्हें इसके पेलोड को बदलकर मोबाइल अस्पताल, माउंटेड गन सिस्टम (105 मिमी मुख्य गन के साथ), परमाणु, जैविक, रासायनिक और टोही वैरिएंट, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और कमांड वैरिएंट में कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। 

पिछले साल अलास्का में हुआ था युद्ध अभ्यास
इससे पहले भारत और अमेरिकी सेना के बीच 2021 में यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास युद्ध अभ्यास अक्तूबर में संयुक्त बेस एल्मेंडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का (अमेरिका) में आयोजित किया गया था। जिसके बाद नवंबर 2022 में उत्तराखंड में उत्तराखंड के औली में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब आयोजित किया गया था। चीन ने एलएसी) के पास भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास का विरोध भी जताया था। वहीं, 2023 में एक्सरसाइज युद्ध अभ्यास का 19वां संस्करण 25 सितंबर से 8 अकतूबर 2023 तक फोर्ट वेनराइट, अलास्का, अमेरिका में आयोजित किया गया था। जिसमें भारत की तरफ से मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट से 350 कर्मियों की एक टुकड़ी और अमेरिका की ओर से पहली ब्रिगेड कॉम्बैट टीम की 1-24 इन्फैन्ट्री बटालियन ने हिस्सा लिया था।

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