NATIONAL NEWS

IPS सुशील पर मंगेतर ने लगाए थे रेप के आरोप:IAS के साथ मिलकर की थी होटल में मारपीट, दोनों अफसरों समेत 8 सस्पेंड ! देखे आदेश पड़े खबर

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

IPS सुशील पर मंगेतर ने लगाए थे रेप के आरोप:IAS के साथ मिलकर की थी होटल में मारपीट, दोनों अफसरों समेत 8 सस्पेंड

अजमेर में होटल कर्मचारियों से मारपीट के मामले में आईएएस गिरधर व आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है। गेगल थाने में अब तक अज्ञात के खिलाफ ही मामला दर्ज है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सभी आरोपी चिह्नित हो चुके हैं।

आरोपियों में से आईएएस-आईपीएस समेत आठ को अब तक सस्पेंड कर दिया गया है। डीजीपी उमेश मिश्रा के निर्देश पर एडीजी (विजिलेंस) बीजू जॉर्ज जोसफ मामले की जांच कर रहे हैं।

वहीं, आईपीएस सुशील कुमार को लेकर नए खुलासे भी हो रहे हैं। साल 2018 में यूपीएससी में सिलेक्शन के बाद उनके ऊपर दो बार रेप के आरोप लग चुके हैं।

मंगेतर ने दर्ज कराया था मुकदमा

आईपीएस सुशील कुमार पर रेप का आरोप भी लग चुका है। दरअसल, दिसंबर 2019 में एक युवती ने जोधपुर के देवनगर थाने में रिपोर्ट दी थी कि साल 2017 में उसकी सगाई बीकानेर के लालगढ़ रामपुरा कॉलोनी निवासी सुशील कुमार से हुई थी।

2018 में सुशील सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी के लिए जोधपुर आया। यहां उसने पीड़िता से रेप किया। इसी दौरान उसका आईपीएस में चयन हो गया। जून 2019 में ट्रेनिंग के दौरान सुशील ने पीड़िता को सगाई तोड़ने का मैसेज किया। परिजनों ने भी समझाइश का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।

पुलिस ने आरोपी आईपीएस के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया था। युवती के परिजनों ने आरोपी पर 40 ग्राम सोना और करीब आठ लाख रुपए हड़पने का आरोप भी लगाया। हालांकि, जांच के बाद पुलिस ने एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी।

पीड़िता व उसके पिता दो बार डीसीपी से मिले

मंगेतर के रेप केस करने पर एक माह में पीड़िता व उसके पिता दो बार डीसीपी से मिलने गए। 22 दिसंबर 2019 को केस दर्ज हुआ था। फिर डीसीपी से मिलने पर 2 जनवरी को 164 के बयान हुए थे।

डीसीपी ने जांच अधिकारी सीआई सत्यप्रकाश विश्नोई को पीड़िता व उसके पिता के सामने बुलाया था। इसके बाद 7 जनवरी को पीड़िता के पिता को नोटिस देते हुए सगाई व उसके बाद की सभी जानकारियां मांगी गई थी, जो दे दी गई थी।

पिता का आरोप था कि मामले में रेप की घटना जहां हुई थी, उस कमरे के मालिक को एक बार भी थाने नहीं बुलाया गया था। न ही कोई बयान हुए थे। जबकि प्रशिक्षु आईपीएस पर दुष्कर्म के आरोप के बाद उनके दोस्त के भी बयान होने थे। वहीं, पुलिस ने एक बार भी प्रशिक्षु को थाने नहीं बुलाया था।

न ही उनकी कॉल डिटेल निकलवाई गई थी। पीड़िता के पिता का कहना है कि सगाई के दौरान फोटो व वीडियो सहित मौजूद लोगों की सूची मांगी गई थी, वो पुलिस को दे दी थी। सवा माह में एक भी व्यक्ति को थाने से फोन कर पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया था।

करीब तीन साल पहले भी बिहार की रहने वाली एक युवती ने भी प्रशिक्षु सुशील कुमार के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाया था।

युवती की ओर से दिल्ली सेंट्रल स्थित रंजीत नगर थाने में 14 दिसंबर 2020 को केस दर्ज करवाया था। मामले में आगे की जांच क्राइम ब्रांच ने की थी। इसके बाद केस में एफआर लग गई थी।

होटल में तोड़फोड़ और स्टाफ के साथ मारपीट

दरअसल, सुशील कुमार विश्नोई एडिशनल एसपी सिटी अजमेर के पद पर तैनात थे। रविवार को शहर के एक रेस्टोरेंट में उन्हें विदाई पार्टी दी गई। पार्टी खत्म होने के बाद 11 जून को रात 2 बजे कुछ दोस्तों के साथ वह होटल में खाना खाने पहुंचे थे। यहां मारपीट व विवाद हुआ।

होटल के स्टाफ उमेश कुमार, महेंद्र गुर्जर और अन्य स्टाफ के साथ मारपीट, गाली-गलौज करने लग गए। फिर वापस चले गए। घटना की सूचना स्टाफ के द्वारा मुझे दी गई। इसके बाद गेगल थाने को सूचना दी।

रात 2.30 बजे आईपीएस सुशील कुमार, ASI रुपाराम पुलिसकर्मियों के साथ होटल पर आए। उन्होंने रेस्ट रूम में जाकर स्टाफ के साथ लाठी, हॉकी, डंडों से मारपीट शुरू कर दी। रात 2.45 बजे वे लोग यहां से निकले। इसकी शिकायत रात 3 बजे फिर गेगल पुलिस को दी गई। पुलिस के द्वारा मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

होटल मालिक महेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि सुशील बिश्नोई अपने 4-5 साथियों के साथ प्राइवेट गाड़ी में होटल आए थे। होटल के बाहर बैठे एक कर्मचारी से पूछा यहां कैसे बैठे हो। उसने कहा- होटल का स्टाफ हूं, सोने जा रहा हूं। इसके बाद आईपीएस ने थप्पड़ मार दिया।

होटल के बाहर लगे कैमरे में दिखे आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई (दाएं से पहले)

होटल के बाहर लगे कैमरे में दिखे आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई (दाएं से पहले)

पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया था मामला

तेजपाल सिंह पुत्र लालसिंह राजपूत (22) ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 12 जून को रात 2.25 बजे के आसपास वह और उसके साथ करने वाले भूपेन्द्र सिंह, उमेश मेहता, नारायणसिंह, सलीम, मोनू खलीफा व अन्य साथी स्टाफ रूम के बाहर बैठे थे। तभी दो गाड़ियों में 6-7 लोग उतर कर आए।

बाथरूम के लिए पूछा और उसके बाद उन लोगों ने हमारे ऊपर हमला कर दिया। उनके पास सरिया, डंडे थे। वे लोग हमारे स्टाफ रूम घुसे और पूरे स्टाफ के साथ मारपीट की।

जो लोग सो रहे थे, उनको भी मारा था। इनके काफी चोटें आई हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच जांच एएसआई महेन्द्रपाल को सौंपी थी।

खुद गाड़ी से लाठियां निकाल कर बताई जब्ती
पीड़ित पक्ष के मुताबिक दूसरी बार में जब आईपीएस के साथ गेगल थाने के एएसआई और सिपाही पहुंचे एएसआई ने खुद पुलिस की गाड़ी से निकालकर लाठियां सिपाहियों को दी थीं। होटल स्टाफ की पिटाई करने के बाद सभी लाठियां गाड़ी में रख लीं और उन्हें होटल से जब्ती में दिखा रहे हैं।

पुलिस ने पहले मामला दबाने का किया प्रयास

घटना के बाद 12 जून को पुलिस मामले को दबाने में जुटी रही। पुलिस ने मामला भी अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया। जब वीडियो सामने आया। राजपूत समाज ने रोष जताया। इसके बाद मामला सरकार की जानकारी में आया और कारवाई हुई।

होटल में हुई मारपीट की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। इन्हीं सबूतों के आधार पर कार्रवाई की गई है।

होटल में हुई मारपीट की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। इन्हीं सबूतों के आधार पर कार्रवाई की गई है।

अब तक इनको किया गया है सस्पेंड…

  • अजमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त आईएएस गिरधर
  • नवगठित गंगापुर जिले के ओएसडी आईपीएस सुशील बिश्नोई
  • गेगल थाने के ASI रुपाराम, कॉन्स्टेबल गौतम और मुकेश यादव
  • टोंक के पुलिस कॉन्स्टेबल मुकेश जाट
  • टोंक जिले में तहसील के कनिष्ठ सहायक हनुमान प्रसाद
  • टोंक पटवारी नरेंद्र सिंह दहिया

इनको किया शांति भंग में गिरफ्तार

टोंक निवासी कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक हनुमान प्रसाद, नागौर निवासी सुरेंद्र जाट, सीकर निवासी मुकेश जाट और टोंक पटवारी को पुलिस ने शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया था। इनको एसडीएम कोर्ट में पेश किया और जेल भेजा।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

होटल कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। होटल मालिक महेंद्र सिंह के द्वारा सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध करवाए गए थे। सीसीटीवी में आईपीएस सुशील बिश्नोई दोस्त के साथ ही वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी मारपीट करते दिखाई दे रहे थे।

कांग्रेस नेता शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ ने ट्वीट किया कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता कहां जाए? राठौड़ ने अजमेर पुलिस कार्यप्रणाली में बदलाव लाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने व मामले में उचित कार्रवाई की मांग राज्य सरकार से की।

कांग्रेस नेता शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ ने ट्वीट किया।

कांग्रेस नेता शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ ने ट्वीट किया।

कृषि वैज्ञानिक रहे हैं आईपीएस बिश्ननोई

बीकानेर के रामपुरा बस्ती के रहने वाले सुशील बिश्नोई आईपीएस बनने से पहले उत्तरखंड के अल्मोड़ा में कृषि वैज्ञानिक थे। सुशील के पिता गणपतराम आरएएसी में हवलदार थे। पहली बार 2015 में परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें दो साल सफलता नहीं मिली। तीसरे प्रयास में 2017 में इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन अंतिम चयन सूची में स्थान नहीं मिला।

सुशील कुमार विश्नोई का हाल ही में नया बने जिले गंगापुर सिटी में ओएसडी लगे थे।

सुशील कुमार विश्नोई का हाल ही में नया बने जिले गंगापुर सिटी में ओएसडी लगे थे।

साल 2019 में उनका चयन यूपीएससी में हुआ। सुशील कुमार विश्नोई का हाल ही में नया बने जिले गंगापुर सिटी में ओएसडी पद पर ट्रांसफर हुआ है। इससे पहले वे एएसपी अजमेर सिटी के पद पर कार्यरत थे।

गिरधर बेनीवाल ने आरएएस 2016 में 413वीं रैंक हासिल की थी।

गिरधर बेनीवाल ने आरएएस 2016 में 413वीं रैंक हासिल की थी।

गिरधर बेनीवाल की थी 61वीं रैंक

नागौर के खींवसर के गांव ईशरनावड़ा के रहने वाले गिरधर बेनीवाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2019 में 61वीं रैंक हासिल की थी। इससे पहले उन्होंने आरएएस 2016 में 413वीं रैंक हासिल की थी। वे इंजीनियर भी रहे हैं। गिरधर वर्तमान में अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त पद पर पोस्टेड थे। इससे पहले उपखंड अधिकारी टोंक व भवानी मंडल झालावाड़ भी रह चुके हैं।

पीड़ित से मिलने पहुंचे विधायक वासुदेव देवनानी।

पीड़ित से मिलने पहुंचे विधायक वासुदेव देवनानी।

आईजी-एसपी और पीड़ित से मिले देवनानी

मामले को लेकर अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी बुधवार को आईजी डॉक्टर लता मनोज कुमार और एसपी चुनाराम जाट से मिले। मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की। बाद में होटल मकराना राज पहुंचे। पीड़ितों से बात कर घटना की जानकारी ली। देवनानी ने मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। साथ ही आईपीएस और इस की ओर से इस तरह के कृत्य को निंदनीय बताया।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!