श्रीनगर: श्रीनगर के हैदरपोरा में एक मुठभेड़ में मारे गए दो आम नागरिकों के परिवार के सदस्यों को मध्यरात्रि के करीब पुलिस ने धरना स्थल से बलपूर्वक हटा दिया और उनमें से कुछ को हिरासत में भी ले लिया. वे यहां प्रेस एन्क्लेव में धरने पर बैठे थे, अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. प्रदर्शनरत परिवार बुधवार की सुबह से धरने पर बैठे थे और उन्होंने दिन भर प्रदर्शन करने के बाद रात में मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध जताया था. वे अपने परिजनों के शव उन्हें लौटाए जाने की मांग को लेकर कड़कड़ाती ठंड के बीच प्रेस एन्क्लेव में धरने पर बैठे थे.
अधिकारियों ने बताया कि बहरहाल, पुलिस ने मध्यरात्रि के आसपास धरनास्थल से प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटा दिया. उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों के आने से पहले ही इलाके में बिजली की आपूर्ति काट दी गयी, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है. पुलिस कार्रवाई की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि निर्दोष नागरिकों के शव सौंपने के बजाय पुलिस ने अपने प्रियजनों के शवों की मांग करने के लिए परिवार के सदस्यों को ही गिरफ्तार कर लिया. अविश्वसनीय रूप से क्रूरता और संवेदनहीनता. कम से कम वे फौरन शव लौटा सकते हैं.
पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि प्रशासन अपना ‘‘अमानवीय और बदसूरत चेहरा’’ पेश करने पर आमादा है, उन्होंने ट्वीट किया कि प्रशासन को क्या हो गया है ? वे मानवीय रुख क्यों नहीं अपना सकते ? वे अमानवीय और बदसूरत चेहरा दिखाने पर आमादा क्यों हैं ?’नेशनल कांफ्रेंस के नेता रुहुल्ला मेहदी ने ट्वीट किया कि जम्मू कश्मीर पुलिस, जनरल डायर को आप पर बहुत गर्व होगा.
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