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इटली में खालिस्तानी विरोध, कैसे होगी PM मोदी की सुरक्षा:प्लेन में मिसाइल, होटल में SPG तैनात; दौरे से पहले वहां गांधी प्रतिमा तोड़ी गई

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इटली में खालिस्तानी विरोध, कैसे होगी PM मोदी की सुरक्षा:प्लेन में मिसाइल, होटल में SPG तैनात; दौरे से पहले वहां गांधी प्रतिमा तोड़ी गई

तस्वीर पिछले साल मार्च की है, जब इटली की PM जियॉर्जिया मेलोनी स्टेट विजिट पर भारत आई थीं। - Dainik Bhaskar

तस्वीर पिछले साल मार्च की है, जब इटली की PM जियॉर्जिया मेलोनी स्टेट विजिट पर भारत आई थीं।

‘जब मैं फिलिस्तीन गया तो हेलिकॉप्टर जॉर्डन का था और मुझे इजराइल की फ्लीट (एयरफोर्स) सुरक्षा दे रही थी। तीनों की दुनिया अलग है, लेकिन मोदी की सुरक्षा के लिए आसमान में सब साथ थे। ऐसा तब ही होता है, जब आपके इरादे नेक हों। मैं चोरी छुपकर कुछ नहीं करता।’

विदेश दौरे पर अपनी सुरक्षा को लेकर ये बात PM नरेंद्र मोदी ने 17 मई को दिए एक इंटरव्यू में कही थी। अब तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने के बाद मोदी पहले विदेश दौरे पर इटली जा रहे हैं। उनके रवाना होने से एक दिन पहले खालिस्तानियों ने इटली में महात्मा गांधी की उस मूर्ति को तोड़ दिया, जिसका प्रधानमंत्री अनावरण करने वाले थे।

इसे सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि इटली में पीएम मोदी की सिक्योरिटी कैसी होगी और इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? इस स्टोरी में इन्हीं सवालों के जवाब जानते हैं…

जैमर, ऑटोमेटिक मिसाइल लॉन्चर से लैस होता है प्रधानमंत्री का विमान

  • रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा के मुताबिक पीएम मोदी जिस विमान से इटली या विदेश दौरे पर जाते हैं, उसका नाम बोइंग 777-300 ईआर है। इसे अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के पास जो विमान है, वो बोइंग 747 है, लेकिन इन दोनों ही विमानों में एक ही तरह की फैसिलिटीज मिलती हैं। भारत ने तीन विमान खरीदे हैं, जिनमें से दो VVIP के लिए हैं।
  • बोइंग 777-300 ईआर में सुरक्षा का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है। नए एयरक्राफ्ट में इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (AIDEWS) है, जो प्लेन को इलेक्ट्रॉनिक खतरों से बचाता है। इन विमानों में लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAICRM) सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट है, जो विमान की तरफ आने वाली मिसाइल को डिटेक्ट करने और उसे वहीं रोक देने में मदद करता है। ये सिस्टम स्पेशल पैकेज के तहत मिला है, जिसकी लागत 190 मिलियन डॉलर है।
  • इसमें 12 गार्जियन लेजर ट्रांसमिटर असेंबली, मिसाइल वार्निंग सेंसर और काउंटर-मेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम भी है। अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी ने भी इसे क्लियरेंस दिया है। इस विमान में लेटेस्ट सिक्योरिटी और कम्युनिकेशन सिस्टम हैं। ये विमान ग्रेनेड और रॉकेट हमला तक झेल सकता है। कुछ रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि इसमें हवा में ही फ्यूल भरा जा सकता है।
  • ये एयरक्राफ्ट मिनी पीएमओ की तरह काम करता है और इसमें सिक्योर मोबाइल और सैटेलाइट फोन और कम्युनिकेशन फैसेलिटी हैं। इस विमान में कॉन्फ्रेंसिंग के लिए भी अलग से जगह है। साथ ही VVIP और सीनियर अफसरों के बैठने के लिए अलग जगह हैं। इसमें किचन भी है। इस विमान में ऑन-बोर्ड मेडिकल स्टाफ के साथ एक छोटा ऑपरेशन थिएटर भी होता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह भारत के प्रधानमंत्री भी विदेश दौरे पर अपनी गाड़ी साथ ले जाते हैं?
नहीं, भारत में PM मोदी रेंज रोवर और मर्सिडीज-मेबैक S-650 गाड़ियों के काफिले में सफर करते हैं। जबकि सितंबर 2023 में जब पीएम मोदी अमेरिका गए थे तो वहां उनके लिए बख्तरबंद गाड़ियों की व्यवस्था वहां की सीक्रेट एजेंसी ने किया था। जिस देश के दौरे पर प्रधानमंत्री जाते हैं, वहां उनके काफिले से लेकर हर तरह की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी मेजबान देश की एजेंसियां संभालती हैं। हालांकि, कई बार पड़ोस के देश नेपाल, बांग्लादेश आदि में प्रधानमंत्री के दौरे से पहले उनके काफिले की गाड़ियां वहां भेजी गई हैं।

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