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चुनाव में हार, गर्लफ्रेंड की हत्या, लॉरेंस कैसे बना गैंगस्टर:नाबालिग लड़कों का स्लीपर सेल बनाया, 700 शूटर्स; सिद्दीकी की हत्या की ली जिम्मेदारी

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चुनाव में हार, गर्लफ्रेंड की हत्या, लॉरेंस कैसे बना गैंगस्टर:नाबालिग लड़कों का स्लीपर सेल बनाया, 700 शूटर्स; सिद्दीकी की हत्या की ली जिम्मेदारी

NCP अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। उसकी गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा है, ‘सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को छोड़ेंगे नहीं।’

इस पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप और अनमोल बिश्नोई को हैशटैग किया गया है। फिलहाल पुलिस पोस्ट की जांच कर रही है। लॉरेंस अभी गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। इसी साल 14 अप्रैल को सलमान के घर के बाहर फायरिंग में भी उसका नाम आया था।

लॉरेंस बिश्नोई कौन है, वह गैंगस्टर कैसे बना, जेल में रहते हुए भी वह कैसे बड़े अपराधों को अंजाम देता है, आइए जानते हैं …

12 फरवरी 1993, जगह पंजाब का फाजिल्का। एक पुलिस कॉन्स्टेबल के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। बच्चा गोरा-चिट्टा था। मां ने उसका नाम रखा लॉरेंस। लॉरेंस एक क्रिश्चियन नाम है, जिसका मतलब साफ और चमकता हुआ सफेद होता है। हालांकि पुलिस रिकॉर्ड में लॉरेंस का नाम सतविंदर सिंह है।

लॉरेंस बचपन से ही काफी एक्टिव और स्पोर्टी था। वह कुश्ती लड़ता था, लेकिन उसके पिता का सपना था कि बेटा IAS ऑफिसर बने। अबोहर से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद लॉरेंस चंडीगढ़ चला गया। यहां उसने डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया।

धीरे-धीरे उसने छात्र राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू की और यहीं उसकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से हुई। वही गोल्डी बराड़, जो विदेश में बैठकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता है।

लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली सहित दो दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली सहित दो दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

2011 में लॉरेंस ने चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया। नाम रखा ‘स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी’ यानी एसओपीयू। इसी बैनर तले उसने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। हार के बाद लॉरेंस अपमानित महसूस करने लगा। उसके मन में बदला लेने का भूत सवार हो गया। उसी साल उसने एक रिवॉल्वर खरीदी और उस गैंग से जा भिड़ा जिसके हाथों उसकी हार हुई थी।

दोनों गैंग के बीच बहस और हाथापाई हुई। इसी बीच लॉरेंस ने फायरिंग कर दी। तब पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया था। लॉरेंस के खिलाफ ये पहला मामला था।

इसके बाद लॉरेंस ने अवैध गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया। वह गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और रॉकी फाजिल्का की गैंग से जुड़ गया। भगवानपुरिया गुरदासपुर का रहने वाला था। उसने लॉरेंस को न केवल धंधे के गुर सिखाए बल्कि उसे अपने कामों में खुली छूट भी दी।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लॉरेंस की एक लड़की से दोस्ती थी, जो बाद में प्यार में बदल गई। चुनाव हारने के बाद होने वाली गैंगवार में उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या हो गई। जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।

कॉलेज चुनाव में मिली हार के बाद हुई हिंसा में लॉरेंस को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

कॉलेज चुनाव में मिली हार के बाद हुई हिंसा में लॉरेंस को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

आगे चलकर लॉरेंस की दोस्ती संपत नेहरा से हुई। संपत पुलिस इंस्पेक्टर का बेटा था। उसे भी स्पोर्ट्स में खासी दिलचस्पी थी। लॉरेंस, गोल्डी और संपत ने मिलकर पंजाब के साथ-साथ हरियाणा में भी अपराध को अंजाम देना शुरू किया। इस तिकड़ी ने हरियाणा में काला जठेड़ी और दिल्ली में जितेंद्र गोगी के साथ गठबंधन किया। राजस्थान में आनंदपाल और बाद में उसकी शिष्या अनुराधा साझेदार बन गए।

यहीं से लॉरेंस बिश्नोई ऑर्गनाइज्ड क्राइम में शामिल हो गया। वो शराब माफिया, ड्रग स्मगलर्स और बिजनेसमैन से फिरौती मांगने लगा। 2012-13 में उस पर केस दर्ज हुए, तो उसने घर छोड़ दिया। फिर ग्रुप के साथ अलग-अलग शहरों में रहने लगा।

2014 में लॉरेंस बिश्नोई को राजस्थान में गिरफ्तार करके भरतपुर जेल भेजा गया था। हालांकि वह ज्यादा दिनों तक पुलिस गिरफ्त में नहीं रह सका।

जब उसे पेशी के लिए मोहाली ले जाया जा रहा था तो वो वहां से पुलिस हिरासत से फरार हो गया। वह भागकर नेपाल पहुंच गया। कई महीनों तक वह नेपाल में रहा और वहीं से अपनी गतिविधियां चलाता रहा। 2016 में लॉरेंस को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। तब से अभी तक वह जेल में बंद है।

लॉरेंस के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली सहित दो दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। ईडी और एनआईए उसके खिलाफ जांच कर रही हैं। 30 अगस्त 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉरेंस के ऊपर सीआरपीसी की धारा 268 (1) भी लगा दी थी, ताकि उसे किसी भी हाल में साबरमती जेल से एक साल तक बाहर लाया ही न जा सके। उसकी पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती है।

लॉरेंस बिश्नोई 2016 से ही जेल में बंद है। अभी वो साबरमती जेल में है। इससे पहले तिहाड़ जेल में था।

लॉरेंस बिश्नोई 2016 से ही जेल में बंद है। अभी वो साबरमती जेल में है। इससे पहले तिहाड़ जेल में था।

जिन वारदातों से जुड़ा लॉरेंस गैंग का नाम

1. सिद्धू मूसेवाला की हत्या, एक मिनट में 24 गोलियां बरसाईं

29 मई 2022, मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला थार में बैठकर चाट खाने के लिए जा रहे थे। ये गाड़ी उनके एक फैन ने दी थी। कुछ दूर चलने के बाद मूसेवाला को लगा कि कोई उनका पीछा कर रहा है, लेकिन उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। चंद मिनटों में एक गाड़ी ओवरटेक करते हुए सिद्धू के गाड़ी के आगे आ गई। एक युवक ने सिद्धू पर बंदूक तान दी।

फौरन सिद्धू ने भी फायर करना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से करीब एक मिनट तक फायरिंग होती रही। इस गोलाबारी में सिद्धू की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिद्धू के शरीर पर 24 गोलियों के निशान मिले थे।

लॉरेंस के साथी गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसने तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर मूसेवाला की हत्या की पूरी प्लानिंग की और फिर अपने शूटरों के जरिए हत्या को अंजाम दिया।

मूसेवाला की हत्या के बाद गोल्डी बरार (नीली टी-शर्ट में) ने सोशल मीडिया पोस्ट किया और हत्या की जिम्मेदारी ली।

मूसेवाला की हत्या के बाद गोल्डी बरार (नीली टी-शर्ट में) ने सोशल मीडिया पोस्ट किया और हत्या की जिम्मेदारी ली।

2. जयपुर के जी क्लब पर 10 मिनट तक फायरिंग करते रहे

जनवरी 2023, राजस्थान की राजधानी जयपुर के जी क्लब में पार्टी चल रही थी। रात करीब साढ़े 11 बजे कुछ बदमाश यहां पहुंचे। पार्टी कर रहे लोगों से उनकी कहासुनी हुई तो वे बदमाश वापस लौट गए। कुछ ही मिनट के बाद दो बदमाश बाइक पर सवार होकर आए और क्लब के गेट पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। करीब 10 मिनट तक वे लगातार फायरिंग करते रहे। जी क्लब के सुरक्षा गार्डों ने अंदर और बाहर का मुख्य गेट बंद कर दिया था। ऐसे में फायरिंग के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। बाद में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रितिक बॉक्सर नाम के एक शख्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके हमले की जिम्मेदारी ली।

3. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या

5 दिसंबर 2023, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी के घर तीन बदमाश घुसे और दनादन गोलियां चलाने लगे। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को गंभीर हालत में मानसरोवर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस हमले में एक शूटर की भी जान चली गई। लॉरेंस गैंग के रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके हमले की जिम्मेदारी ली।

4. सलमान खाने के घर को निशाना बनाया, 5 राउंड फायरिंग की

14 अप्रैल 2024, सुबह का 4.51 का वक्त। दो बाइक सवार अभिनेता सलमान खाने के बांद्रा वाले गैलेक्सी अपार्टमेंट पहुंचे। दोनों ने 5 राउंड फायरिंग की। इस फायरिंग में एक गोली सलमान के घर की दीवार पर लगी, वहीं एक गोली सलमान के घर पर लगे नेट को चीरती हुई उनके ड्राइंग रूम की दीवार पर लगी। फायरिंग के बाद दोनों शूटर्स अपनी बाइक मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए। बाद में लॉरेंस के भाई अनमोल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हमले की जिम्मेदारी ली थी।

लॉरेंस बिश्नोई भगत सिंह को अपना आइकन बताता है।

लॉरेंस बिश्नोई भगत सिंह को अपना आइकन बताता है।

लॉरेंस गैंग में 700 से ज्यादा शूटर्स, विदेशों से मंगाते हैं हथियार

लॉरेंस गैंग में पेशेवर निशानेबाज शामिल हैं। वे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से काम करते हैं और उनका नेटवर्क दुनिया भर में फैला हुआ है।

कहा जाता है कि उसके गिरोह में 700 से ज्यादा शूटर्स हैं, जिनमें 300 से ज्यादा पंजाब से जुड़े हैं। हालांकि गैंग सिर्फ दो लोगों के आदेश पर चलती है। पहला लॉरेंस बिश्नोई और दूसरा गोल्डी बराड़। बड़ा क्राइम करने का फैसला लॉरेंस बिश्नोई का होता है।

जेल में रहते हुए लॉरेंस हवाला के जरिए अपने शूटर्स तक पैसे पहुंचाता है। लॉरेंस के गुर्गे शराब कारोबारियों, व्यापारियों और सटोरियों के नंबर जेल में उसके पास पहुंचाते हैं। लॉरेंस धमकी देकर इन लोगों से करोड़ों की वसूली करता है। जांच एजेंसी एनआईए को बताया था कि उसने तिहाड़ के अलावा राजस्थान के भरतपुर और पंजाब के फरीदकोट जेल में रहते हुए भी कई कारोबारियों से करोड़ों की वसूली की थी।

लॉरेंस गैंग पहले पंजाब तक ही सीमित था। बाद में उन लोगों ने सोशल मीडिया को प्रचार का जरिया बनाया। लॉरेंस बिश्नोई ने अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया। बिश्नोई गैंग अब पूरे नॉर्थ इंडिया में, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड तक फैल चुका है।

रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार के अलावा पाकिस्तान बॉर्डर से लगे पंजाब से इनके पास हथियार पहुंचते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान, USA, रूस, कनाडा और नेपाल से भी ये लोग हथियार मंगाते हैं।

नाबालिगों का ब्रेनवॉश, स्लीपर सेल की तरह काम करता है

लॉरेंस बिश्नोई और उसके गुर्गे सोशल मीडिया के जरिए नाबालिगों को स्लीपर सेल के रूप में भर्ती कर रहे हैं। वे नाबालिगों का ब्रेनवॉश करते हैं। इसी साल फरवरी में राजस्थान के बाल सुधार गृह से 22 अपचारी भाग गए। उसमें लॉरेंस का एक गुर्गा भी शामिल था, जिसने 2023 में जयपुर के जी क्लब पर फायरिंग की थी।

कहा जाता है कि लॉरेंस के गुर्गे ने बाल सुधार गृह के भीतर गैंग बना रखी थी। इसे बाहर से चायवाला और गार्ड सामान पहुंचाते थे। पिछले साल जयपुर पुलिस ने अपनी चार्जशीट में लॉरेंस के स्लीपर सेल का जिक्र किया था।

लॉरेंस के एक गुर्गे ने पुलिस को बताया था कि हमें एक टारगेट को पूरा करने के लिए 10 लाख रुपए तक मिलते हैं। अगर टारगेट पूरा करने से पहले वे पकड़े जाते हैं, तो जेल से छूटने के बाद उन जगहों पर फिर से फायरिंग करते हैं, जहां उन्होंने पहले रेकी की थी।

स्लीपर सेल से जुड़े गुर्गे पुलिस और जांच एजेंसियों से बचने के लिए बॉक्स कॉल के जरिए संपर्क में रहते हैं। बॉक्स कॉल करने से कॉल इंटरसेप्ट नहीं की जा सकती है, और ना ही कॉल लोकेट हो पाती है।

गैंग में शामिल होने के लिए लड़कों को ब्रांडेड कपड़े, पैसे और विदेश में सेटल होने का लालच दिया जाता है। नए मेंबर फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए जोड़े जाते हैं।

लॉरेंस सीधे किसी से बात नहीं करता, शूटर्स भी एक-दूसरे से अनजान

NIA की रिपोर्ट में दावा है कि लॉरेंस बिश्नोई सीधे किसी शूटर से बात नहीं करता है। वो गोल्डी बराड़, सचिन बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई के जरिए अपना मैसेज शूटर्स तक पहुंचाता है। लॉरेंस के बाद गैंग में उसका सबसे करीबी दोस्त गोल्डी बराड़ है। इसके बाद उसका चचेरा भाई सचिन बिश्नोई है। इसके अलावा यूएई में रहने वाला विक्रम बराड़ यूएसए में रहने वाला दरमनजोत कहलवां का उसकी गैंग में अहम रोल में हैं।

लॉरेंस गैंग में कई ऐसे शूटर्स भी हैं, जो एक साथ किसी क्राइम में शामिल होते हैं, लेकिन एक-दूसरे को जानते नहीं हैं। ये लोग किसी के जरिए खास जगह मिलते हैं। फिर टारगेट पूरा करते हैं। इसके पीछे उनका मकसद होता है कि अगर कोई शूटर पकड़ा भी जाता है, तो वो दूसरे के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाता।

लॉरेंस के गिरोह में 700 से ज्यादा शूटर्स हैं, जिनमें 300 से ज्यादा पंजाब से जुड़े हैं।

लॉरेंस के गिरोह में 700 से ज्यादा शूटर्स हैं, जिनमें 300 से ज्यादा पंजाब से जुड़े हैं।

लॉरेंस बिश्नोई के लिए जेल सबसे सुरक्षित जगह, जमानत के लिए अप्लाई नहीं करता

लॉरेंस ने जमानत के लिए अभी अप्लाई नहीं किया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा वह जानबूझकर कर रहा है। उसे पता है कि उसके लिए सबसे सुरक्षित जगह जेल ही है।

तिहाड़ जेल के पूर्व महानिदेशक संजय बेनीवाल एक मीडिया रिपोर्ट में बताते हैं, ‘लॉरेंस बिश्नोई की नेटवर्किंग जेल से बाहर जबरदस्त है। वह जेल को खुद के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानता है। इसलिए वह कभी बाहर नहीं जाना चाहता। वो तो चाहता है कि उसे हमेशा हाई-सिक्योरिटी वाली जेल में ही रखा जाए, ताकि जेल से बाहर मौजूद उसके दुश्मन उस तक न पहुंच सके।

NIA ने भी पिछले साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि लॉरेंस का नेटवर्क जेल के अंदर रहते हुए ज्यादा मजबूत हुआ है। जेल में रहते हुए उसकी दूसरे गैंगस्टर से दोस्ती हुई। फिर इनके गुर्गों ने आपस में मिलकर जेल के बाहर नेटवर्क मजबूत किया। उसी नेटवर्क से फिरौती और टारगेट किलिंग करने लगे।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमाई के तरीके- फिरौती, ड्रग्स और हथियार

लॉरेंस बिश्नोई की फंडिंग पर सीनियर जर्नलिस्ट आलोक वर्मा बताते हैं, ‘वसूली इस गैंग का सबसे बड़ा हथियार है। इससे गैंग करोड़ों रुपए कमाती है। ये अब ड्रग्स कारोबार से भी जुड़े हैं। पाकिस्तान से ड्रग्स की सप्लाई पंजाब और दूसरे राज्यों में कराने का सिंडिकेट भी चला रहे हैं।’

‘ये लोग पाकिस्तान से आई ड्रग्स बेचकर पैसा कमाते हैं, वो पैसा पाकिस्तान भेजकर हथियार मंगाते हैं। पाकिस्तान के रास्ते पंजाब में आए विदेशी और आधुनिक हथियारों का ये गैंग इस्तेमाल करती है। ये हम सिद्धू मूसेवाला मर्डर में देख चुके हैं। इसमें विदेशी हथियारों का इस्तेमाल हुआ था।’

अभिनेता सलमान खान के पीछे क्यों पड़ा है लॉरेंस बिश्नोई

सितंबर 1998, राजस्थान के जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग चल रही थी। सलमान खान इस फिल्म में लीड एक्टर थे। 27-28 सितंबर की रात कांकाणी गांव में एक खेत के पास गाड़ी की लाइट चमकी। गांव वालों फौरन अपने घरों से निकले। उन्हें सफेद जिप्सी दिखी। वे भांप गए कि कोई शिकार करने आया है। इसी बीच गोली चलने की आवाज आई।

गांव वाले उस तरफ भागे, जहां से आवाज आई थी। पास पहुंचे तो जिप्सी को तेजी से वहां से भागते देखा। कुछ नौजवानों ने जिप्सी का पीछा भी किया, लेकिन वो भागने में कामयाब रहे.

अगले दिन अखबारों में इस घटना की खबर छपी। एक चश्मदीद ने दावा किया कि उसने भागती हुई जिप्सी में बैठे सलमान खान को पहचान लिया था। मामले की छानबीन शुरू हुई और वन विभाग की टीम घोड़ा फार्म्स पहुंच गई, जहां सलमान समेत ‘हम साथ साथ हैं’ के क्रू ठहरे थे। वहां काला हिरण के अवशेष मिले।

2 अक्टूबर को ‘बिश्नोई समाज’ ने इस मामले में सलमान खान के खिलाफ FIR दर्ज कराई। सलमान खान की गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल जाना पड़ा।

दरअसल बिश्नोई समाज में हिरण की पूजा करता है। वे हिरण के लिए कुछ भी कर गुजरने पर उतारु हो जाते हैं। 2018 में बिश्नोई समाज से आने वाले लॉरेंस बिश्नोई ने ऐलान किया कि काले हिरण के शिकार के लिए वो सलमान खान से बदला लेकर रहेगा और उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगा।

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