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6 हफ्तों में हटेगा नसाऊ काउंटी स्टेडियम:106 दिन में बना था; सिर्फ आउटफील्ड और विवादित पिच बचेगी; यहीं टूटे सबसे धीमी बैटिंग के रिकॉर्ड

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6 हफ्तों में हटेगा नसाऊ काउंटी स्टेडियम:106 दिन में बना था; सिर्फ आउटफील्ड और विवादित पिच बचेगी; यहीं टूटे सबसे धीमी बैटिंग के रिकॉर्ड

स्पोर्ट्स डेस्क

इस स्टेडियम में 34 हजार दर्शक की क्षमता थी, यहां के स्टैंड्स फॉर्मूला-1 कॉम्पिटिशन से लाए गए थे।

पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप की सह मेजबानी कर रहे अमेरिका के न्यूयॉर्क का नसाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम अगले 6 हफ्तों में डिसमैंटल कर दिया जाएगा। उसके बाद यहां सिर्फ खाली मैदान दिखेगा। हालांकि, वर्ल्ड कप के दौरान इस्तेमाल आउटफील्ड और पिच बरकरार रहेंगे।

दरअसल, USA में कोई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम नहीं था। इसलिए यहां मॉड्युलर स्टेडियम बनाया गया। यह क्रिकेट का पहला मॉड्युलर स्टेडियम है। यानी इसकी पिच, स्टैंड एक टूर्नामेंट के लिए असेंबल किए गए। यहां पहले पार्क था, जिसे टूर्नामेंट के लिए असेंबल किया गया था।

अमेरिका में होने वाले वर्ल्ड कप के 16 में से 14 मैच शुक्रवार तक खेले जा चुके हैं। अब सिर्फ फ्लोरिडा में दो मैच बचे हैं। इसके बाद सुपर-8 से लेकर फाइनल तक के मैच वेस्टइंडीज में खेले जाएंगे।

न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी में बनाए गए अस्थाई स्टेडियम को हटाने का काम भी शुरू हो गया है। 106 दिन में बनकर तैयार हुए स्टेडियम को लगभग 6 हफ्तों में हटा दिया जाएगा। उसके बाद यहां फिर पार्क दिखेगा। हालांकि, वर्ल्ड कप के दौरान इस्तेमाल आउटफील्ड और पिच बरकरार रहेंगे।

इस धीमे आउटफील्ड और ड्रॉप-इन पिचों के असामान्य उछाल की काफी आलोचना यहां हुए 8 मैचों के दौरान हुई। मैदान के धीमेपन का आलम यह रहा कि नसाउ स्टेडियम अब टी-20 वर्ल्ड के सबसे धीमे ग्राउंड के रूप में दर्ज हो चुका है। यहां टी-20 वर्ल्ड कप के मैचों में औसत रन रेट सिर्फ 5.74 रन प्रति ओवर रहा, जो प्रतियोगिता के इतिहास के अब तक के 38 वेन्यू में सबसे कम है। इसी मैदान पर वर्ल्ड कप में 6 रन प्रति ओवर से कम रन बने हैं।

ऑस्ट्रेलिया में पिच बनी, नसाउ मैदान में फिट हुई
न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल किया गया। ड्रॉप-इन पिच को ग्राउंड से बाहर बनाया जाता है और फिर स्टेडियम में लगाया जाता है। नसाउ स्टेडियम की पिच को ऑस्ट्रेलिया में बनाया गया। इसी साल में जनवरी में 10 पिचों को समुद्र के रास्ते अमेरिका के फ्लोरिडा लाया गया, जहां 5 महीने तक तैयार करने के बाद उसे मई में ही नसाउ स्टेडियम में फिट भी कर दिया गया।

टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल किया गया। जिसे ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका तक पहुंचाया गया।

स्टेडियम से जुड़े कुछ रिकॉर्ड

  • 7.96 रन प्रति ओवर की रफ्तार से 97 रन का लक्ष्य हासिल किया था, भारत ने आयरलैंड के खिलाफ यहां। यहां खेली 16 में से वह एकमात्र पारी रही, जहां प्रति ओवर रन रेट 7+ का रहा।
  • नसाउ काउंटी स्टेडियम किसी भी टी-20 टूर्नामेंट का एकमात्र वेन्यू बन गया है, जहां 8+ मैच होने के बाद भी कोई टीम 140 रन का आंकड़ा पार करने में सफल नहीं हो सकी।
  • 113 रन बचाने में सफल रही अफ्रीकी टीम यहां बांग्लादेश के खिलाफ। यह वर्ल्ड कप के हुए मैच में बचाया सबसे छोटा स्कोर। उससे पहले इसी मैदान पर भारत ने पाक के खिलाफ 119 रन का स्कोर बचाया। वह सफलतापूर्वक बचाया संयुक्त रूप से दूसरा सबसे छोटा स्कोर था।
  • 26 रन की ओपनिंग साझेदारी की थी आयरलैंड ने कनाडा के खिलाफ। इस मैदान पर पहले विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी। ओपनिंग पार्टनरशिप का औसत 12.18, जो टी-20 में किसी वेन्यू पर सबसे कम है। यह सिर्फ दूसरा मैदान, जहां कोई अर्धशतकीय ओपनिंग साझेदारी नहीं।
  • 137/7 सर्वोच्च स्कोर बना इस मैदान पर। वह स्कोर कनाडा ने आयरलैंड के खिलाफ बनाया। उसी मैच में आयरलैंड ने चेज में 125/7 का स्कोर बनाया और सिर्फ इन्हीं दो मौकों पर टीमें इस मैदान पर 120+ रन बनाने में सफल रहीं।
  • 05 फिफ्टी लगीं यहां पर। इनमें से 2 टी-20 वर्ल्ड कप इतिहास के सबसे धीमे अर्धशतक थे। रिजवान ने कनाडा के खिलाफ 52 और मिलर ने नीदरलैंड्स के खिलाफ 50 गेंदों में फिफ्टी जमाई। सूर्या की अमेरिका के खिलाफ 49 गेंदों पर फिफ्टी वर्ल्ड कप में संयुक्त तीसरी सबसे धीमी फिफ्टी।
  • 82 विकेट झटके तेज गेंदबाजों ने इस मैदान पर कुल 236.1 ओवर में और इस तरह यह मैदान पेसर्स का स्वर्ग साबित हुआ। उन्हें औसतन हर 15.71 रन और 17.2वीं गेंद के बाद विकेट मिला। स्पिनर्स का औसत यहां 25.46 रहा। उन्हें हर 24.5वीं गेंद पर विकेट मिला।

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