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अब गर्मी में भी CRPF और BSF के जवान रहेंगे ठंडा-ठंडा, कूल-कूल…आने वाली है नई वर्दी

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अब गर्मी में भी CRPF और BSF के जवान रहेंगे ठंडा-ठंडा, कूल-कूल…आने वाली है नई वर्दी

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का सालाना कारोबार 2023-24 में पहली बार 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. इस दौरान 10 लाख से अधिक रोजगार भी सृजित हुए हैं.

नई दिल्ली: आने वाले दिनों में पैरामिलिट्री फोर्स को भी खादी के कपड़े मिल सकते हैं. खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन मनोज कुमार ने कहा कि देश में खादी ग्रामोद्योग पैरामिलिट्री फोर्स के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि देश के जवानों को अच्छी क्वालिटी का कपड़ा मिले ताकि उन्हें पहनने में सहूलियत हो.

मनोज कुमार ने कहा कि हमारी सेना के जवान विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि उन जवानों के लिए एक बेहतर विकल्प खादी लेकर आ रहा है. भारत की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है. इसके लिए पैरामिलिट्री फोर्स के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकों का दौर जारी है.

मनोज कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से खादी की मांग और सप्लाई में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. पहली बार खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार हो चुका है. पिछले 10 वर्षों में उत्पादन में 315 प्रतिशत और बिक्री में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी के माध्यम से देश में एक बड़े तबके के लोगों को रोजगार मिल रहा है. 10 वर्षों में नये रोजगार सृजन के क्षेत्र में 81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही 10 वर्षों में खादी-ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली के कारोबार में रिकॉर्ड 87.23 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है.

खादी के कपड़ों का उत्पादन और बिक्री
मनोज कुमार ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये का था वहीं, 295.28 प्रतिशत के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2023-24 में 3206 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वित्त वर्ष 2022-23 में खादी कपड़ों का उत्पादन 2915.83 करोड़ रुपये का था. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं 2023-24 में 500.90 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 6496 करोड़ रुपये पहुंच गई. वित्त वर्ष 2022-23 में 5942.93 करोड़ रुपये के खादी के कपड़े बिके थे.

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