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PFI के जयपुर ऑफिस में भी लगा ताला:BJP प्रभारी अरुण सिंह बोले- राजस्थान के जिलों में हुए दंगों में रहा हाथ

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PFI के जयपुर ऑफिस में भी लगा ताला:BJP प्रभारी अरुण सिंह बोले- राजस्थान के जिलों में हुए दंगों में रहा हाथ

केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) संगठन पर बैन लगा दिया है। PFI के साथ ही इसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी 5 साल के लिए पाबंदी लगाई गई है। बैन लगाने की मांग कई राज्यों ने केंद्र सरकार से की थी। बुधवार को जयपुर के ऑफिस में भी ताला लगा रहा। बीजेपी शासित ज्यादातर राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी और बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां भी हाल ही में की थीं। राजस्थान में भी हाल ही जयपुर, कोटा, बारां में इस संगठन के ठिकानों पर छापेमारी की गई। भारत सरकार ने राजपत्र में गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर PFI और 8 संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगाया।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर PFI और 8 संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगाया।

अरुण सिंह, प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव, BJP

अरुण सिंह, प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव, BJP

राजस्थान में कई जिलों में हुए दंगों में PFI का हाथ- अरुण सिंह

बीजेपी राजस्थान के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बेंगलुरू से बयान जारी कर कहा है- राजस्थान में भी जिस तरह कई जिलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था। यहां (कर्नाटक में) पर भी जब सिद्धारमैया की सरकार थी उस वक्त भी 23 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई थी। देश को अखंड रखने के लिए इस पर (PFI) बैन जरूरी था।

जयपुर के एमडी रोड स्थित पीएफआई का ऑफिस। जहां 22 सितम्बर को NIA ने रेड डाली थी।

जयपुर के एमडी रोड स्थित पीएफआई का ऑफिस। जहां 22 सितम्बर को NIA ने रेड डाली थी।

जयपुर में पीएफआई के ऑफिस पर बुधवार को लगा लगा रहा।

जयपुर में पीएफआई के ऑफिस पर बुधवार को लगा लगा रहा।

राजस्थान के 3 शहरों में PFI ठिकानों पर 22 सितम्बर को हुई थी छापेमारी

PFI के जयपुर, कोटा, बारां में ऑफिसों और ठिकानों पर NIA, ईडी और पुलिस ने 22 सितम्बर को रेड मारी थी। सीआरपीएफ भी साथ में मौजूद रही। जयपुर के मोती डूंगरी रोड पर पीएफआई ऑफिस पर रेड के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय पीएफआई कार्यकर्ता विरोध में उतर आए थे। पीएफआई के झंडे लहराए गए। बाद में बैनर के साथ एनआईए की कार्रवाई का विरोध किया गया। कोटा और बारां से 2 गिरफ्तारियां भी हुई थीं। साथ ही सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था।

कोटा में 17 फरवरी 2022 को मनाया था PFI ने पॉपुलर फ्रंट डे। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति करने के आरोप लगाते हुए PFI जैसे संगठनों को बैन करने की मांग की थी।

कोटा में 17 फरवरी 2022 को मनाया था PFI ने पॉपुलर फ्रंट डे। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति करने के आरोप लगाते हुए PFI जैसे संगठनों को बैन करने की मांग की थी।

कोटा में 17 फरवरी 2022 को मनाया था PFI ने पॉपुलर फ्रंट डे

17 फरवरी 2022 को राजस्थान के कोटा के नयापुरा स्टेडियम में PFI ने अपने संगठन का पॉपुलर फ्रंट डे मनाते हुए बड़ी रैली और जनसभा की थी। कोटा जिला प्रशासन की तरफ से रैली की परमिशन दिए जाने के मामले में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण का आरोप लगाया था। साथ ही PFI जैसे संगठनों को बैन करने की मांग उठाई थी।

उदयपुर में 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर कन्हैया लाल तेली की धारदार हथियार से हमला कर हत्या का दी थी। बताया गया कि कन्हैया लाल के 8 साल के बेटे ने बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था।

उदयपुर में 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर कन्हैया लाल तेली की धारदार हथियार से हमला कर हत्या का दी थी। बताया गया कि कन्हैया लाल के 8 साल के बेटे ने बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था।

कन्हैयालाल हत्याकांड में भी सामने आया नाम

NIA ने कोटा और बारां से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। बारां से सादिक हुसैन नाम के शख्स को हिरासत में लिया गया। सादिक हुसैन SDPI का जिला सचिव है। उससे पूछताछ हुई, तो अजमेर के ब्यावर और सरवाड़ में बड़े नेटवर्क का पता चला। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड में PFI के शामिल होने की बात भी सामने आई।

PFI के ये 8 सहयोगी संगठन भी बैन

गजट नोटिफेकेशन में रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल सहित इनके सहयोगी संगठन और संबद्ध संस्थाओं को बैन किया गया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इंवेस्टीगेशन में पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाओं, फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के बीच साफ संबंध स्थापित हुआ है। रिहैब इंडिया फाउंडेशन पीएफआई के सदस्यों के जरिए फंड जुटाता है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, केरल के कुछ सदस्य PFI के भी मेम्बर हैं। पीएफआई के नेता जूनियर फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वीमेन फ्रंट की एक्टिविटीज की मॉनिटरिंग और कॉर्डिनेशन करते हैं।

PFI ने समाज के अलग-अलग वर्गों जैसे-युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों या समाज के कमजोर वर्गों के बीच अपनी पहंच को बढ़ाने के मकसद से इन सहयोगी संगठनों या संबंधद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों की स्थापना की है। जिसका इकलौता मकसद इसकी सदस्यता, प्रभाव और फंड जुटाने की कैपेसिटी को बढ़ाना है। इन सहयोगी संगठनों और जुड़ी संस्थाओं और PFI के बीच -हब और स्पोक जैसा संबंध है। जिसमें PFI हब के रूप में काम करते हुए सहयोगी संगठनों या संबद्ध संस्थाओं की जनता के बीच पहुंच और फंड जुटाने की कैपिसिटी का इस्तेमाल गैर कानूनी एक्टिविटीज के लिए अपनी कैपिसिटी बढ़ाने के लिए करता है। ये सहयोगी संगठन रूट और ब्रांचेज़ की तरह भी काम करते हैं। इनके जरिए PFI को फंड और पावर मिलती है।

15 राज्यों में PFI और सहयोगी संगठन एक्टिव हैं

PFI राजस्थान, दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है।

क्या है पूरा मामला ?

22 से 27 सितंबर के बीच NIA, ED ने अलग-अलग राज्यों में स्टेट पुलिस को साथ लेकर PFI और सहयोगी संगठनों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड मारी थी। पहले राउंड की रेड में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार किए गए। दूसरे राउंड में 247 PFI से जुड़े लोगों को पकड़कर गिरफ्तार किया या हिरासत में लिया गया। इंवेस्टीगेशन एजेंसीज को PFI के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने और कई सहयोगी संगठनों का फंडिंग और पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने के सबूत मिले। इसलीए इंवेस्टीगेशन एजेंसीज ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन संगठनों पर कार्रवाई की मांग रखी। एजेंसियों की सिफारिश पर ही गृह मंत्रालय ने PFI और सहयोगी संगठनों पर बैन लगाने का फैसला लिया है।

इन बड़ी घटनाओं में PFI लिंक

  • राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड और सिर तन से जुड़ा मॉल्यूल में परदे के पीछे रहकर काम किया।
  • पटना के फुलवारी शरीफ में गजवा-ए-हिन्द स्थापित करने के लिए बड़ी साजिश हो रही थी, इसे लेकर NIA ने हाल ही रेड मारी।
  • तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता पाया गया। NIA में इस मामले में भी छापा मारा।
  • कर्नाटक में प्रवीण नेत्तरू हत्याकांड केस में PFI कनेक्शन सामने आया। जिसमें NIA जांच जारी है।
  • हिजाब विवाद और हाल में हुए प्रदर्शनों के दौरान PFI के फंडिंग के रोल पर भी जांच हुई।
  • समान नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में PFI से जुड़े आरोपियों के ठिकानों पर आपत्तिजनक सामग्री, साहित्य और सीडी बरामद हुए। जिसे आधार बनाकर PFI को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेजा था।
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