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रिलेशनशिप- हर बच्चे के जीवन में पापा उसके ‘पहले हीरो’:9 महीने कोख में रखती मां, पिता भी करते उतना संघर्ष, ऐसे जताएं उनका आभार

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रिलेशनशिप- हर बच्चे के जीवन में पापा उसके ‘पहले हीरो’:9 महीने कोख में रखती मां, पिता भी करते उतना संघर्ष, ऐसे जताएं उनका आभार

घर की चारदीवारी मां होती है, लेकिन घर की छत होते हैं पिता। त्योहारों पर सभी घरवालों को नए कपड़े दिलाकर खुद सबसे पुरानी कमीज पहनने वाले जो होते हैं, वो हैं पिता।

विज्ञान की भाषा में समझें तो सोचो क्या होता अगर धूप की रोशनी सीधा धरती पर आती? धूप और धरती के बीच हमारी रक्षा करने वाली ओजोन लेयर की तरह ‘रक्षक’ होते हैं पिता।

किसी भी बच्चे के जीवन में माता-पिता की सबसे बड़ी भूमिका होती है। इस दुनिया में हमें लाने वाले माता-पिता ही तो हैं। माता के गर्भ से और पिता की आत्मा से बच्चा जन्म लेता है। इसलिए ही तो बेटे को आत्मज और बेटी को आत्मजा कहते हैं।

मां से तो हम अपने प्यार और लड़कपन का इजहार कर लेते हैं, लेकिन पिता से उतना खुलकर जाहिर नहीं कर पाते। लेकिन हर बच्चे की नजर में पापा ही उनके पहले ‘सुपर हीरो’ होते हैं। एक ऐसे सुपर हीरो, जो किसी बैटमैन या स्पाइडर मैन की तरह हवा में उड़ते नहीं हैं, उनके पास कोई सुपर पॉवर नहीं होती, लेकिन फिर भी हमारी सारी इच्छाएं झट से पूरी कर देते हैं।

सुबह स्कूल छोड़ने से लेकर हमारी हर जिद्द पूरी करने वाले हमारे पापा ही तो होते हैं। जो एकदम शांत और सहज होकर हमारी हर जरूरतों को पूरा करते चले जाते हैं।

आज ‘फादर्स डे’ के मौके पर ‘रिलेशनशिप’ कॉलम में बात करेंगे हमारे जीवन में पिता की भूमिका और महत्व के बारे में। साथ ही जानेंगे कि इस दिन हम कैसे अपने पिता का आभार जताएं।

…लेकिन पिता बनने में पूरी जिंदगी लग जाती है

कोई भी व्यक्ति बच्चे का बाप बन सकता है, लेकिन पिता बनने में पूरी जिंदगी लग जाती है। पिता हर बच्चे के जीवन में एक ऐसी भूमिका निभाते हैं, जिसे कोई और नहीं निभा सकता। यह भूमिका बच्चे पर बहुत गहरा असर डालती है और उसे एक इंसान के रूप में ढालने में मदद करती है।

पिता से ही हमारी पहचान…

बेटा हो या बेटी, दोनों की पहचान उनके पिता से ही होती है। पिता का होना एकदम वैसा है जैसे हमारे घर पर छत का होना। जैसे छत हमें धूप, बारिश और आंधी-तूफान से बचाए रखती है, वैसे ही पिता भी सभी परेशानियां खुद सहन करके हम पर कोई आंच नहीं आने देते। हर बेटा बड़े होकर अपने पिता की तरह बनना चाहता है। वहीं, हर बेटी भी अपने लाइफ पार्टनर में कहीं-न-कहीं अपने पिता को ही देखती है।

जिंदगी के असली रोल मॉडल होते हैं पापा

सब कहते हैं, ‘पापा तो ऐसे ही होते हैं।’ न कुछ कहते हैं और न किसी की सुनते हैं। एक बार जो उन्होंने कह दिया, वो तो फिर होना ही है।

  • सुबह-सुबह जब स्कूल के लिए उठाने में मम्मी नाकाम हो जाती थीं, तब पापा की एक आवाज पर हम झट से उठकर टाइम पर रेडी हो जाते थे।
  • जब एग्जाम में कम मार्क्स आते थे तो हम पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में पापा की जगह मम्मी को ले जाने की जिद्द करते थे। यह कहकर कि अगली बार पक्का अच्छे से पढ़ेंगे। ऐसा ‘डर’ होते हैं पापा।
  • घर की पानी की मोटर से लेकर लाइट के फ्यूज तक, सब खुद ठीक कर लेते हैं। ऐसे होते हैं हमारे पापा, जो किसी परफेक्शनिस्ट से कम नहीं।
  • मन में जज्बातों का तूफान समेटे जिंदगी भर अपनी फीलिंग्स जाहिर नहीं करते पापा, लेकिन अपनी बेटी की शादी में विदाई पर अपने आंसू को रोक नहीं पाते पापा।
  • पिता और बेटी का रिश्ता तो लाड़-प्यार का होता है। वहीं, बेटे के साथ पिता का रिश्ता एक टीचर-स्टूडेंट से कम नहीं होता। लेकिन जब बेटा अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है तो उसे गले लगाए बिना नहीं रह पाते पापा।
  • बचपन में तो हम पापा के प्यार को समझ नहीं पाते। लेकिन जब बड़े होते हैं तो पापा के साथ बिताया वक्त हमें किसी पुरानी अलमारी में गुम किताबों सा लगता है।
  • किसी के लिए बेस्ट फ्रेंड होते हैं पापा, तो किसी के लिए डांट लगाने वाले ‘हिटलर’ होते हैं पापा। किसी के लिए प्रिंसिपल से कम नहीं होते पापा तो किसी के लिए मम्मी की डांट से बचाने वाले होते हैं पापा।
  • लेकिन जब हम बड़े होते हैं, तब समझ आता है कि हमारे असली रोल मॉडल होते हैं पापा।

पिता का आभार व्यक्त करना आसान नहीं, लेकिन एक दिन उनके लिए समर्पित

यह कहना गलत तो नहीं होगा कि पिता बच्चों कि जिंदगी में सांचे की तरह हैं। उनका ज्ञान, उनकी सीख और परवरिश ही हमें आकार देती है। पिता बचपन से लेकर बड़े होने तक अपने बच्चों की जो देखभाल करते हैं, वैसा प्यार कोई नहीं करता है।

बचपन में हमारे रोने पर रात-रात भर जागने से लेकर बड़े होने तक, पिता एक ढाल की तरह खड़े होते हैं। पूरा जीवन ही पिता हमारे लिए गुजार देते हैं। जब हमारे पास वक्त है और हम उनका आभार व्यक्त कर सकते हैं तो ऐसा क्यों नहीं किया जाए। माना कि आभार व्यक्त करना आसान नहीं, लेकिन एक दिन उनके लिए समर्पित किया जा सकता है।

तो अपने पिता को ये बताना न भूलें कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं और कहें शुक्रिया हमेशा साथ देने के लिए। आज उन्हें कहना न भूलें-

हैप्पी फादर्स डे पापा!

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