रिलायंस ने अरामको चेयरमैन को बोर्ड में नियुक्त किया:अल-रुमायन फिर से इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बने, कंपनी के 16% शेयरहोल्डर्स उनकी नियुक्ति के खिलाफ
मुंबई
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयरधारकों ने सऊदी अरामको के चेयरमैन यासिर ओथमैन एच अल-रुमायन को कंपनी के बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में 5 साल के लिए फिर से नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, 16% से ज्यादा शेयरधारकों ने इस प्रपोजल के खिलाफ वोट किया।
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में रिलायंस ने कहा कि उसके शेयरधारकों ने पोस्टल बैलेट के जरिए अल रुमायन की फिर से नियुक्ति के साथ-साथ हैग्रीव खेतान को बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।
पी.एम.एस प्रसाद को डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्त किया
शेयरधारकों ने लंबे समय से कंपनी के एग्जिक्यूटिव पद पर काम कर रहे पी.एम.एस प्रसाद को अगले 5 साल के लिए डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्त करने को भी मंजूरी दे दी है। अल रुमाय्यान की रीअपॉइंटमेंट के लिए प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके पक्ष में 83.97% वोट मिले। वहीं इसके विरोध में 16.02% वोट किए गए।
अल-रुमायन को पहली बार 2021 में रिलायंस बोर्ड में नियुक्त किया गया था
अल-रुमायन ने सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड को भी हेड किया है, जो दुनिया के सबसे बड़े सॉवरेन वेल्थ फंड्स में से एक है। अल-रुमायन को पहली बार 2021 में तीन साल के कार्यकाल के लिए रिलायंस बोर्ड में नियुक्त किया गया था। उनका पहला कार्यकाल 18 जुलाई 2024 को समाप्त हो रहा है। अब उन्हें 18 जुलाई 2029 तक फिर से नियुक्त किया गया है।
सऊदी अरामको के चेयरमैन अल-रुमायन को पहली बार 2021 में तीन साल के कार्यकाल के लिए रिलायंस बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था।
खेतान को पांच साल के लिए इंडिपेंटेंड डायरेक्टर नियुक्त किया गया
खेतान एंड कंपनी में पार्टनर खेतान को 1 अप्रैल 2024 से पांच साल के लिए इंडिपेंटेंड डायरेक्टर नियुक्त किया गया। हालांकि, उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ भी लगभग 13% शेयरधारकों ने मतदान किया। फाइलिंग के अनुसार, 87.15% शेयरधारकों ने उनकी नियुक्ति के पक्ष में वोट किया है। खेतान को बोर्ड को कानूनी ताकत देने के लिए लाया गया है।
कंपनी के बोर्ड में 2019 के बाद से कोई भी लीगल प्रोफोशनल मेंबर नहीं
कंगा एंड कंपनी के फाउंडिंग पार्टनर स्वर्गीय एम एल भक्त रिलायंस बोर्ड में आखिरी कानूनी व्यक्ति थे, जो लगभग 42 सालों तक कंपनी में रहे थे। उन्होंने 2019 में अपनी बढ़ती उम्र के कारण पद छोड़ दिया था। शेयरहोल्डर्स रेजोल्यूशन में कहा गया है कि कंपनी के बोर्ड में 2019 के बाद से कोई भी लीगल प्रोफोशनल मेंबर नहीं है।
प्रपोजल में कहा गया है कि अल-रुमायन और खेतान दोनों को बोर्ड और कमेटीज की मीटिंग में भाग लेने के लिए फीस के रूप में रिम्यूनरेशन का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड और अन्य मीटिंग में भाग लेने के लिए एक्सपेंसेस का रिम्बर्समेंट और प्रॉफिट रिलेटेड कमीशन दिया जाएगा।
प्रसाद को एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्त किया गया
72 साल के प्रसाद को एक स्पेशल रेजोल्यूशन के माध्यम से एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्त किया गया। क्योंकि, उन्होंने ऑर्डिनरी रेजोल्यूशन के माध्यम से डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए कंपनी के कानून में निर्धारित 70 साल की आयु सीमा को पार कर लिया था।
प्रसाद 21 अगस्त 2009 से कंपनी के बोर्ड में हैं और वर्तमान में रिलायंस के एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (E&P) और रिफाइनिंग एंड मार्केटिंग बिजनेसेस को लीड कर रहे हैं। फाइलिंग के मुताबिक, उनकी फिर से नियुक्ति के लिए प्रस्ताव 93.69% मतदान के साथ पारित हुआ, जबकि 6.3% ने इसके खिलाफ मतदान किया।
रिलायंस बोर्ड का नेतृत्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी करते हैं
रिलायंस बोर्ड का नेतृत्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी करते हैं। कंपनी के बोर्ड में मुकेश अंबानी के तीन बच्चे – ईशा, आकाश और अनंत के साथ-साथ चचेरे भाई हितल मेसवानी और निखी मेसवानी भी शामिल हैं।
कंपनी के बोर्ड में इंडिपेंटेंड डायरेक्टर्स में पूर्व फाइनेंस सेक्रेटरी रमिंदर सिंह गुजराल, बूज एंड कंपनी के पूर्व CEO शुमीत बनर्जी, SBI की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य, पूर्व CVC के.वी चौधरी और वेटरन बैंकर के.वी कामथ भी शामिल हैं।
Add Comment