पाकिस्तान में टैक्स डिफाल्टर्स के सिम ब्लॉक होंगे:5 लाख लोगों को 15 मई तक अल्टीमेटम; टैक्सपेयर 60 लाख से घटकर 40 लाख हुए
पाकिस्तान में 2 करोड़ सिम कार्ड यूजर्स, जिसमें से 5 लाख टैक्स डिफॉल्टर हैं।
आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (भारत में आयकर विभाग की तरह) ने टैक्स वसूली के लिए नया तरीका निकाला है। सरकार ने कहा है कि 15 मई तक टैक्स न जमा करने देश के 5 लाख से ज्यादा डिफाल्टर्स की सिम डिएक्टिवेट कर दी जाएगी।
फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने एक इनकम टैक्स जनरल ऑर्डर (ITGO) में कहा कि 2023 में 5 लाख से ज्यादा लोग टैक्स डिफॉल्टर रहे थे। एक्टिव टैक्सपेयर्स लिस्ट के मुताबिक, FBR को 1 मार्च तक 40 लाख टैक्सपेयर ने टैक्स दिया था, जबकि ये पिछले साल ये आंकड़ा 30 लाख 80 हजार था। 2022 में करीब टैक्सपेयर्स की संख्या 60 लाख थी।
टैक्स डिफॉल्टरों के पास 15 मई तक का टाइम, सर्विस प्रोवाइडर को सिम को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए है।
टैक्स जमा करते ही सिम चालू हो जाएगी
FBR के अधिकारियों के मुताबिक, जैसे ही डिफाल्टर्स टैक्स जमा कर देंगे, वैसे ही उनका सिम कार्ड चालू कर दिया जाएगा। इसके अलावा हर मंगलवार को, PTA लिस्ट देखी जाएगी, जिसके बाद टैक्स जमा करने वालों की लिस्ट सर्विस प्रोवाइडर को दे दी जाएगी।
तंगहाल पाकिस्तान को IMF से मिलेंगे ₹9 हजार करोड़
पाकिस्तान के PM शरीफ ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान साइडलाइन्स पर IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ बैठक की थी।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) ने आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की तीसरी किश्त को मंजूरी दी थी। यह किश्त 1.1 बिलियन डॉलर यानि 9 हजार करोड़ रुपए की है। IMF ने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। इस किश्त के बाद पाकिस्तान पर IMF का कुल कर्ज 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
भारत IMF बोर्ड की वोटिंग में शामिल नहीं हुआ
सोमवार 29 अप्रैल को वॉशिंगटन में IMF के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी। यह बैठक ग्लोबल लैंडर्स के पाकिस्तान की आर्थिक सुधार कार्यक्रम के दूसरे और आखिरी रिव्यू के बाद की गई थी। पाकिस्तान के इस आर्थिक सुधार कार्यक्रम को IMF के स्टैड इन अरेंजमेंट का सपोर्ट था। सभी सदस्य देशों ने पाकिस्तान को बेल आउट पैकेज देने का समर्थन किया, लेकिन भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
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