खेती की जान ट्रैक्टर अब दुश्मन पर दागेगा मिसाइल, सेना ने एंटी टैक गाइडेड मिसाइल सिस्टम लगाया, तस्वीरें वायरल
सेना ने ट्रैक्टर पर एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) सिस्टम लगाया है, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. टैक्टर किसी भी तरह के भौगोलिक क्षेत्र में चलने लायक होता है. इसे रेगिस्तान, दलदली इलाके या जंगल में आसानी से चलाया जा सकता है और काफी ज्यादा सामान उठाकर ले जाया जा सकता है.
सेना ने ट्रैक्टर पर एंटी टैक गाइडेड मिसाइल सिस्टम लगाया है.
किसानों के लिए खेती में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला उपकरण ट्रैक्टर है. ट्रैक्टर को किसानों का सबसे बड़ा औजार भी कहा जाता है. खेत की जुताई से लेकर बुवाई-कटाई और फसल ढुलाई समेत कई कृषि कार्य करने वाला ट्रैक्टर अब सेना की मिसाइल भी दाग सकेगा. सेना ने ट्रैक्टर पर एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) सिस्टम लगाया है, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि यह मोडीफाइड ATGM कैरियर ट्रैक्टर पंजाब और गुजरात से सटी पाकिस्तानी सीमा पर इस्तेमाल किया जा सकती है. जबकि, कुछ यूजर्स ने ट्रैक्टर के पहिए और इंजन को और मजबूत करने की बात कही.
भारतीय सेना को व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WHAP), फ्यूचरिस्टिक इंफैन्ट्री कॉम्बैट व्हीकल (FICV) की जरूरत है. नए, आधुनिक और ज्यादा मारक. बीएमपी-2 बख्तर वाहनों को अपग्रेड करने की जरूरत है. ऐसे में एक तस्वीर वायरल हो रही है. जिसमें दिखाया जा रहा है कि ट्रैक्टर को एंटी-टैंग गाइडेड मिसाइल कैरियर बना दिया गया है.
टैक्टर किसी भी तरह के भौगोलिक क्षेत्र में चलने लायक होता है. इसे रेगिस्तान, दलदली इलाके या जंगल में आसानी से चलाया जा सकता है. काफी ज्यादा सामान उठाकर ले जाया जा सकता है. ये पंजाब और गुजरात से सटे पाकिस्तान सीमा पर काफी मददगार साबित हो सकता है. इसे आसानी से कैमोफ्लॉज में में बदला जा सकता है. ताकि रेगिस्तानी या हरियाली वाले इलाके में यह छिप जाए. दुश्मन पर चुपके से हमला किया जा सके. दुश्मन के बंकर, टैंक या बख्तरबंद वाहनों को उड़ाया जा सके.
हालांकि इसे लेकर चर्चा ये हो रही है कि क्या ये सही है? इस तरह के प्रोजेक्ट्स शुरू करना ठीक है? तस्वीर वेस्टर्न कमांड की बताई जा रही है. इसे इंप्रोवाइज्ड ट्रैक्टर माउंटेड एटीजीएम (Improvised Tractor Mounted ATGM) बुलाया जा रहा है. कुछ लोग कह रहे हैं कि इसके टायरों को सुधारना होगा. इंजन को और ताकतवर बनाना होगा.
कुछ यूजर्स का का कहना है कि राजस्थान, पंजाब और गुजरात के सीमाई इलाकों में फील्ड ऑपरेशन के लिए यह ट्रैक्टर बेहतर ऑप्शन है. इसकी मदद से दूर तक नजर रखी जा सकती है. इससे हीट सिग्नेचर कम होता है, इसलिए इसपर दुश्मन को शक नहीं होगा. एक ट्रैक्टर को इस तरह से तैयार करने में करीब 60 हजार रुपए लगते हैं
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