Theatre Command: थिएटर कमांड के लिए तीन अड्डों की हुई पहचान, नौसेना-IAF-थलसेना को एकजुट कर रहा सैन्य विभाग
सार
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के अधीन सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए) अब भविष्य के युद्धों के लिए तीनों सैन्य सेवाओं को एकजुट की तैयारी में है। इसके लिए 150 से अधिक बिंदुओं को लागू करने की दिशा में अपनी ऊर्जा केंद्रित कर रहा है।
सीडीएस अनिल चौहान और पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया कि थिएटर कमांड का निर्माण ट्रैक पर है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों थिएटर कमांड- साइबर कमांड, स्पेस कमांड और सशस्त्र बल विशेष संचालन प्रभाग की पहचान कर ली है। इनके मुख्यालय के रूप में लखनऊ, जयपुर और तिरुवनंतपुरम की पहचान की गई है। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने 2 जुलाई को संसद में कहा था कि थिएटर कमाड का निर्माण ट्रैक पर है। सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण पूरे जोरों पर है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के अधीन सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए) अब भविष्य के युद्धों के लिए तीनों सैन्य सेवाओं को एकजुट की तैयारी में है। इसके लिए 150 से अधिक बिंदुओं को लागू करने की दिशा में अपनी ऊर्जा केंद्रित कर रहा है। ताकि वहां एक संयुक्त संस्कृति और कार्य नीति तैयार की जा सके। डीएमए की योजना के अनुसार, पाकिस्तान पर निगरानी करने के लिए पश्चिमी थिएटर को जयपुर में स्थापित करने की योजना है, जबकि पूर्वी और उत्तरी पक्षों से खतरे से निपटने के लिए उत्तरी थिएटर को लखनऊ में स्थापित करने की योजना है। वहीं, भारतीय नौसेना की अध्यक्षता वाली मैरीटाइम थिएटर कमांड को केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थापित करने की योजना है, जो समुद्री सीमाओं से उत्पन्न होने वाले खतरों पर नजर रखेगी। विज्ञापन
भाजपा ने पार्टी घोषणापत्र में थिएटर कमांड बनाने का दिया था आश्वासन
सामान्य प्लेटफार्मों के लिए बलों की मरम्मत और रखरखाव सुविधाओं को भी एकीकृत किया जा रहा है। इसका नवीनतम उदाहरण अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, एएलएच ध्रुव और एके-203 असॉल्ट राइफलें हैं। वहीं, रक्षा मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे में भी इनमें से कई बिंदुओं पर सरकार अमल करेगी। मोदी सरकार और भाजपा ने अपने पार्टी घोषणापत्र में भविष्य के युद्धों से लड़ने की बेहतर तैयारी के लिए थिएटर कमांड बनाने का आश्वासन दिया है।
सीडीएस और तीनों सेनाओं ने आम सहमति से निकाला थिएटर कमांड निर्माण का रास्ता
थिएटर कमांड के निर्माण को एक कठिन कार्य के रूप में देखा गया था, लेकिन सीडीएस और तीनों सेनाओं ने आम सहमति से इसका रास्ता साफ कर दिया। यह परिकल्पना की गई है कि शीर्ष पर सीडीएस के साथ तीन थिएटर कमांड भविष्य में संचालन को कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए संसाधनों का उपयोग करने के लिए पूरी तरह से सशक्त होंगे।
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