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पेपर लीक मामले के तीन मास्टरमाइंड गिरफ्तार:दो को चेन्नई से पकड़ा; जोधपुर से महिला सरकारी टीचर भी गिरफ्तार

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पेपर लीक मामले के तीन मास्टरमाइंड गिरफ्तार:दो को चेन्नई से पकड़ा; जोधपुर से महिला सरकारी टीचर भी गिरफ्तार

जयपुर

पेपर लीक मामले में फरार चल रही महिला सरकारी टीचर समेत तीन बदमाशों को जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साइक्लोन टीम ने मोस्ट वांटेड ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल को चेन्नई से पकड़ा। पुलिस दोनों आरोपियों को मंगलवार रात 10:15 बजे जयपुर लेकर पहुंची। वहीं शमी विश्नोई को जोधपुर से डिटेन कर जयपुर लेकर आई, शमी सरकारी टीचर है, जो लंबे समय से फरार चल रही थी

इन सभी का नाम एसआई भर्ती समेत 6 से ज्यादा अलग-अलग परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल कराने में शामिल है। जोधपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों को एसओजी को सुपुर्द कर दिया है। अब एसओजी बुधवार को पूरे मामले का खुलासा करेगी। ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपए, शमी बिश्नोई पर 70 हजार रुपए और सुनील बेनीवाल पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। तीनों पेपरलीक के मास्टमाइंड है, इनकी तलाश राजस्थान पुलिस को काफी समय से थी।

जयपुर एयरपोर्ट पर आरोपियों को लेकर पहुंची पुलिस।

जयपुर एयरपोर्ट पर आरोपियों को लेकर पहुंची पुलिस।

ओम प्रकाश पर पेपर बेचने का आरोप
एसओजी अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में हुए अलग-अलग पेपर लीक में इन तीन आरोपियों का नाम शामिल है। ओम प्रकाश ढाका पेपर लीक कर उसे बेचता था और मोटे पैसे वसूलता था। जबकि शमी विश्नोई सरकारी टीचर है। ये नकल कराने में एक्सपर्ट थी। वहीं सुनील बेनीवाल यूनिक भांभू का हैंडलर था। JEN भर्ती पेपर लीक में यूनिक का नाम सामने आया था।

फोटो यूनिक भांबू की है। वर्दी वाली उदयपुर की है। दूसरी फोटो जवाई लेपर्ड की है। वह फील्ड विजिट में ही खुद की कार में घूमने जाता था।

फोटो यूनिक भांबू की है। वर्दी वाली उदयपुर की है। दूसरी फोटो जवाई लेपर्ड की है। वह फील्ड विजिट में ही खुद की कार में घूमने जाता था।

एसओजी के खुलासे से तीन दिन पहले आया था ट्रेनिंग सेंटर
यूनिक भांबू चूरू से वनपाल में भर्ती हुआ था। अलवर में उसका ट्रेनिंग सेंटर था। भांबू की ट्रेनिंग अलवर के नारायण विलास में चल रही थी। गुरुजी की कोठी रूपबास में उसका हॉस्टल था। आखिरी बार ट्रेनिंग सेंटर में उसे 17 फरवरी को देखा गया था। एसओजी ने 20 फरवरी को पूरे मामले का खुलासा किया था। इससे पहले ही आरोपियों की धरपकड़ कर ली गई थी। यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि भांबू को एसओजी के खुलासे की तीन दिन पहले ही भनक लग गई थी।

4 फरवरी 2024 में जब जेईएएन पेपर लीक में भांबू का नाम सामने तो वह अलवर में वनपाल की ट्रेनिंग कर रहा था। 17 फरवरी को वह ट्रेनिंग सेंटर आया और अचानक से छुट्टी अप्लाई कर वहां से चला गया। इससे पहले 15 फरवरी को वह ट्रेनिंग सेंटर में ही था।

नकल गुरु की तर्ज पर भागा दुबई
राजेंद्र यादव और शिवरतन मोठ के जरिए ही यूनिक भांबू नकल गिरोह से जुड़ा था। फिर हर्षवर्धन मीणा से पहचान हो गई थी। इसके बाद पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड गुरु जगदीश बिश्नोई से भी पहचान हुई।

जगदीश बिश्नोई पेपर माफिया में सबसे कुख्यात नाम है। साल 2005 से उसने राजस्थान में कई पेपर लीक करवाए थे। यूनिक ने भी उसके साथ मिलकर कई पेपर लीक करवाए और लोगों को बेचे।

जगदीश बिश्नोई पेपर लीक होने के बाद विदेश भाग जाता था। इसकी गैंग से जुड़े दूसरे बड़े गुर्गें भी अंडरग्राउंड हो जाते थे। खुद जगदीश बिश्नोई नेपाल और दुबई जाकर फरारी काट चुका है। हाल ही में जैसे ही वह जयपुर आया तो एसओजी ने उसे पकड़ लिया था। अब उसी की तर्ज पर यूनिक भांबू भी दुबई भाग चुका है।

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