भारत और उज्बेकिस्तान के बीच युद्ध अभ्यास, जानिए किस पर है फोकस
भारत और उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास का 5वां संस्करण चल रहा है. इस युद्ध अभ्यास के दौरान सैनिकों को छोटी टीम के रूप में काम करने, फील्ड की एक्टिविटी करने, मॉनिटरिंग करने और टारगेट को खत्म करने जैसे गुण सिखाए जा रहे हैं.
भारत और उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास का 5वां संस्करण
भारत और उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास का 5वां संस्करण चल रहा है. भारत और उज्बेकिस्तान के बीच यह अभ्यास फिलहाल उज्बेकिस्तान के सुरखोंडार्यो क्षेत्र में टर्मेज आर्मी ट्रेनिंग एरिया में चल रहा है. इस साल के अभ्यास का भारत के सेना प्रमुख और उज्बेकिस्तान के लड़ाकू प्रशिक्षण के उप रक्षामंत्री ने 18 अप्रैल, 2024 को उद्घाटन किया था. हालांकि यह अभ्यास 28 अप्रैल 2024 तक चलेगा.
भारत-उज्बेकिस्तान के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का नाम DUSTLIK है जोकि उज्बेक में जारी है. इस रणनीतिक सहयोग का मकसद सैन्य सहयोग को मजबूत करना और सेना की आतंकवाद विरोधी क्षमता को बढ़ाना है. जिससे दोनों देशों की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को मजबूती मिलेगी. खास तौर पर पहाड़ी और छोटे शहरी इलाकों में सेनाओं को इस का फायदा मिलेगा.
सेना की रक्षात्मक क्षमता बढ़ाने में मिलेगी मदद
इस सैन्य अभ्यास के भारतीय दल में मुख्य रूप से दक्षिण पश्चिमी कमान की बहादुर जेटी रेजिमेंट और भारतीय वायुसेना के कुलीन गरुड़ शामिल हैं. उज्बेकिस्तान में जारी इस सैन्य अभ्यास में हार्ड फिजिकल एक्टिविटी से सैनिकों की रक्षात्मक क्षमता (Defensive Ability) बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस संयुक्त अभ्यास को आपसी तालमेल में इजाफे और विशेष हथियारों की हैंडलिंग को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है.
कौन से गुण सिखाए जा रहे हैं
युद्ध अभ्यास के दौरान सैनिकों को छोटी टीम के रूप में काम करने, फील्ड की एक्टिविटी करने, मॉनिटरिंग करने और टारगेट को खत्म करने जैसे गुण सिखाए जा रहे हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस तरह की सैन्य गतिविधि से भारत और उज्बेकिस्तान के बीच रक्षा साझेदारी को भी बल मिलेगा.
इससे पहले साल 2023 में भारत और उज्बेकिस्तान का 15 दिन का संयुक्त सैन्य अभ्यास हुआ था. जिसमें मल्टी-डोमेन ऑपरेशनों से लड़ने की बारीकियों पर फोकस किया गया था. यह 15 दिन का संयुक्त सैन्य अभ्यास अपनी युद्ध शक्ति का प्रदर्शन करने के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संपन्न हुआ था.
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