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अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाएगा

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अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाएगा

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। जिसमें समाज के लोगों ने 5 बड़े फैसले लिए। करीब 2 घंटे तक चली इस बैठक में सबसे बड़ा फैसला संरक्षक का पद खत्म करना था। साथ ही कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न वापस लेने का भी फैसला लिया गया है।

बता दें कि हाल ही में महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने के लिए एक पत्र जारी किया था जिसमें, लिखा है कि आपके बेटे ने अंतरजातीय विवाह किया है। इससे पूरे बिश्नोई समाज में भारी रोष है। ऐसे में आप इस पद पर नहीं रह सकते।

वहीं इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने भी प्रधान देवेंद्र बूड़िया को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उनकी जगह पर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान घोषित किया गया था। कुलदीप बिश्नोई ने उन्हें समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति बताया था।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा प्रधान की ओर से लिखा गया पत्र…

बैठक में लिए गए 5 बड़े फैसले

1. संरक्षक का पद खत्म कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से पदमुक्त कर दिया गया है। साथ ही फैसला लिया गया है कि अब महासभा के अंदर कोई संरक्षक होगा ही नहीं। यानी कि इस पद को ही खत्म कर दिया गया है।

2. लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव किया जाएगा महासभा में नए प्रधान का चुनाव अब लोकतांत्रिक तरीके से होगा। पहले संरक्षक प्रधान को चुनते थे।

3. चुनाव तक देवेंद्र रहेंगे प्रधान कुलदीप बिश्नोई ने ही देवेंद्र को प्रधान बनाया था और फिर उन्होंने ही एक पत्र जारी कर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया था, लेकिन कुलदीप के इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया। इस विवाद को खत्म करने के लिए समाज ने फैसला लिया है कि चुनाव तक देवेंद्र ही प्रधान बने रहेंगे।

4. बिश्नोई रत्न वापस लेने का फैसला बिश्नोई रत्न का सम्मान काफी खास है। आज तक ये सम्मान केवल दो ही लोगों को मिला है। एक पूर्व सीएम भजन लाल और दूसरा कुलदीप बिश्नोई को। उन्हें ये सम्मान चार साल पहले ही मिला है, लेकिन बैठक में फैसला लिया गया कि कुलदीप से ये सम्मान भी वापस लिया जाएगा।

5. कुलदीप बिश्नोई या उनके परिवार का सदस्य नहीं करेगा दखलअंदाजी कुलदीप बिश्नोई का समाज और महासभा पर अच्छा प्रभाव था, लेकिन बैठक में फैसला लिया गया है कि कुलदीप बिश्नोई या फिर उनके परिवार का कोई भी सदस्य महासभा में कोई भी दखलअंदाजी नहीं करेगा।​​​​​​​

कुलदीप बिश्नोई के लिखे पत्र की 3 खास बातें…

1. महासभा में प्रधान पद पर नई नियुक्ति की बीते कल कुलदीप बिश्नोई ने अपने X हैंडल पर पोस्ट कर देवेंद्र बूड़िया को हटाने की जानकारी दी। कुलदीप बिश्नोई ने पत्र में लिखा है कि “अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा सदैव गुरू जंभेश्वर भगवान के दिखाए आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए समाजसेवा की दिशा में अपने कर्तव्यों को पूरा करने का प्रयास करती आई है और हमेशा करती रहेगी।

व्यक्ति, पद और निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर हम सबको मिलकर समाज की एकजुटता की दिशा में कार्य करते रहना है। नई परिस्थितियों को देखते हुए समाज के सभी प्रबुद्ध जनों से विचार विमर्श करने के बाद महासभा में प्रधान पद पर नई नियुक्ति की गई है। मुझे पूर्ण विश्वास है की परसराम बिश्नोई स्वर्गीय रामसिंह जी के गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाते हुए महासभा को नई ऊंचाईयां प्रदान करेंगे”।

कुलदीप बिश्नोई ने परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया है।

कुलदीप बिश्नोई ने परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया है।

2. देवेंद्र बूड़िया को बताया समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति कुलदीप बिश्नोई ने मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया को समाज को तोड़ने वाला व्यक्ति बताया। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि देवेंद्र बूड़िया द्वारा पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में काफी तथ्यहीन, झूठी एवं समाज को बांटने वाली बातें कही जा रही हैं, जिससे समाज में बिखराव व टकराव की संभावनाएं नजर आ रही हैं।

मेरे पास निजी तौर पर भी समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों, साधु संतों एवं महासभा के पदाधिकारी व समाज के राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा काफी शिकायतें आ रही हैं। साथ ही साथ विभिन्न निर्माण कार्यों में टेंडर प्रक्रियाओं का पाल उनके द्वारा नहीं किया गया। समाज में एकता बनाए रखने, महासभा के पदाधिकारियों के प्रति विश्नास बना रहे, समाज में बंटवारा न हो और आपसी भाईचारा समाज में बना रहे इसलिए देवेंद्र बूड़िया को पद मुक्त कर रहा हूं।

3. बूड़िया के खिलाफ जांच को 5 सदस्यीय कमेटी बनाई कुलदीप बिश्नोई ने 5 सदस्यीय कमेटी का गठन सुभाष देहड़ू की अध्यक्षता में किया। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कमेटी का गठन कर रहा हूं जो पूरे मामले की जांच करके सारे तथ्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तब तक इनके स्थान पर परसराम विश्नोई को अगले चुनाव तक अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का प्रधान नियुक्त करता हूं।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संविधान के अनुसार प्रधान एवं समस्त कार्यकारिणी के चुनाव के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। जल्द ही अगले दिनों में पदाधिकारियों व प्रधान पद के लिए चुनावों की रूपरेखा के लिए विधिवत घोषणा करूंगा।

देवेंद्र बूड़िया ने फेसबुक लाइव कर बताया था रणधीर पनिहार ने उनके साथ गलत किया।

देवेंद्र बूड़िया ने फेसबुक लाइव कर बताया था रणधीर पनिहार ने उनके साथ गलत किया।

कैसे शुरू हुआ विवाद, किसने क्या कहा..

देवेंद्र बूड़िया ने कहा- मेरे साथ बुरा बर्ताव किया सोमवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर देवेंद्र बूड़िया ने कहा, “मुझे 2 दिन से रणधीर पनिहार दिल्ली बुला रहे हैं। मैं आज आया तो मेरे साथ ट्रैजेडी की और मेरे साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया।

ये सारी चीजें मैं समाज को बताउंगा। यह बहुत बड़ी घटना है और बहुत बड़ी मेरे साथ ट्रैजेडी हुई है। यह सब चीजें कैमरे में हैं। अब मैं आप लोगों को इतना ही बता पाऊंगा। मैं माफी चाहता हूं। कल मैं आपको सारी चीजें बता दूंगा। यह रणधीर पनिहार पता नहीं मुझसे क्या मांगता है।”

पनिहार ने कहा- बूड़िया मेरे दोस्त, ऐसा क्यों बोला, मुझे पता नहीं वहीं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर विधायक रणधीर पनिहार ने कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। मनगढंत आरोपों का मैं क्या जवाब दूं। हां, मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई। बूड़िया साहब आज भी मेरे अच्छे दोस्त हैं और उनसे मेरी अकसर मुलाकात होती रहती है। सोशल मीडिया पर उन्होंने ऐसा क्यों बोला मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं आज चंडीगढ़ जा रहा हूं।

बिश्नोई संत बोले-रणधीर पनिहार को छोड़ेंगे नहीं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया के आरोपों पर बिश्नोई समाज के संत लालदास योग गुरु ने तीखी प्रतिक्रिया दी। संत लालदास ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बुरा व्यवहार करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। संत ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर ही सब कुछ हुआ है।

कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष से करोड़ों रुपए की डिमांड कर रहे थे। वे इतने पैसे नहीं दे पा रहे तो उसे पद से हटाया जा रहा था, जिसका उन्होंने विरोध किया था। संत लालदास ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बहुत ही बड़ी घटना हुई है। रणधीर पनिहार के नाम वाले किसी व्यक्ति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ निंदनीय घटना की है। वह कुलदीप बिश्नोई ने कराई है।

संत लालदास योग गुरु ने कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ एकजुट होने को कहा।

संत लालदास योग गुरु ने कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ एकजुट होने को कहा।

संत लालदास ने कहा- कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कठोर फैसला लें बिश्नोई संत लालदास योग गुरु ने कुलदीप बिश्नोई पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलदीप बिश्नोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बूड़िया से करोड़ों रुपए मांगते हैं। कुलदीप कहते हैं कि करोड़ों रुपए दोगे तो अध्यक्ष रहोगे नहीं तो हटा देंगे। उनके पास करोड़ों रुपए नहीं थे, इसलिए उन्होंने लौटा दिया।

कुलदीप बिश्नोई कहते हैं कि मुझे और पैसे दोगे तो ही मैं आपको प्रधान रखूंगा, इसलिए आप इस्तीफा दो। इन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो प्रधान से बहुत बड़ी डिमांड की गई। मैं बिश्नोई समाज से निवेदन करना चाहता हूं कि आज देवेंद्र बूड़िया अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष हैं, कल को कोई और अध्यक्ष बन सकता है।

क्या कोई इस तरह की डिमांड करेगा। यह तो कुलदीप बिश्नोई का निजी व्यवसाय बन गया है। इसलिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी और बिश्नोई समाज को मिलकर कठोर फैसला लेना चाहिए, ताकि समाज की इज्जत रह सके।

बूड़िया ने कहा- मैं जोधपुर जा रहा हूं, 2 बजे लाइव आउंगा वहीं इसी विवाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर संदेश दिया है कि ” मैं अभी 12.50 बजे दिल्ली से जोधपुर की फ्लाइट होने के कारण अभी 11 बजे लाइव नहीं आ पाऊंगा। एयरपोर्ट पर शोर (आवाज) अधिक होने के कारण लाइव नहीं हो पाउंगा। मैं 2 बजे जोधपुर पहुंचकर आप सबके बीच में आकर लाइव आऊंगा एवं पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दूंगा। मैं अपनी बात पर अडिग था और रहूंगा। आप सबके सहयोग की अपेक्षा रहेगी। इसके बाद वे जोधपुर पहुंचे।

देवेंद्र बूड़िया ने पंचायत में कहीं 3 बड़ी बातें… 1. विधानसभा चुनाव के बीच 10 करोड़ रुपए मांगे देवेंद्र बूड़िया ने जोधपुर पहुंचकर कहा कि विधानसभा चुनाव के समय से ही संरक्षक महोदय (कुलदीप बिश्नोई) और मेरे बीच खटपट चल रही थी। मुझे कहा गया कि आपको 10 करोड़ का टारगेट दिया जाता है कि आप समाज से चंदा एकत्रित करके लाकर दो। उसमें मैं असफल रहा। लोगों ने मुझे दिए नहीं। मुझसे कहा लिस्ट दे दो, मैंने लिस्ट शुरुआत में दी। मेरे से जो हो सका मैंने किया।

2. कुलदीप ने कहा- सीएम के आगे मेरे नाम नहीं लिया बिश्नोई समाज का धरना समाप्त होते ही मेरे पास फोन आया कि आपने सीएम के सामने मेरा नाम नहीं लिया। मैंने बताया कि मेरा ज्यादा नंबर बोलने का आया नहीं और धरना समाप्त करने में क्या नाम लेना था, मगर मैंने फिर भी सॉरी बोला। इसके बाद मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैंने कहा मैं रास्ते में इस्तीफा नहीं दूंगा, मैं मिलकर दूंगा। चुनाव से पहले भी मेरे सामने कहा था। मैं दूसरा अध्यक्ष बनाऊंगा। मैंने कहा आपकी मर्जी है जी, जिसे बनाओ।

3. कुलदीप ने भजनलाल की कसम खाई और कहा इस्तीफा लूंगा कुलदीप ने चौधरी भजनलाल की तस्वीर के सामने हाथ रखकर कहा कि मैं पिता जी कि कसम खाता हूं आपको प्रधान नहीं रहने दूंगा। मैंने कहा ऐसा क्या हो गया जी। बस मुझे आपको नहीं बनाना है, आप इस्तीफा दो। मैंने कहा कि मैं इस्तीफा मिलकर दूंगा। फिर उन्होंने कहा ठीक है आप टिकट बुक करवाओ। मैं टिकट बुक करवाकर दिल्ली पहुंच गया।

देवेंद्र ने पनिहार और उनके बीच हुई घटना के बार में बताया… 1. रणधीर पनिहार ने हरियाणा भवन बुलाया देवेंद्र बूड़िया ने कहा कि मेरे पास रणधीर पनिहार का फोन आया कि आप कब आओगे। मैंने कहा मुझे तकलीफ है। मैं पहले मेदांता में दिखाऊंगा, फिर आऊंगा। पनिहार ने कहा नहीं, आप पहले यहां आओ। हरियाणा भवन में 30 व 31 नंबर में आ जाना। मैं वहां गया। अंदर बैठे रणधीर पनिहार ने कहा आओ अंदर। मुझसे चाय पूछी और कहा आगे क्या करना है। मैंने कहा कि इस्तीफा देना है। पनिहार ने कहा कि आपने कमिटमेंट पूरी नहीं की। मैंने कहा कि मुझसे हो नहीं पाया।

2. पनिहार ने इस्तीफा लिखवाना चाहा, मैंने नहीं लिखा पनिहार ने मुझे दो कागज दिए और कहा कि इस पर साइन कर दो। मैंने कहा मैं साइन तो बॉस (कुलदीप बिश्नोई) के आगे करूंगा। पनिहार ने कहा कि वो तो आपका मुंह नहीं देखना चाहते। मैंने कहा मैं ऐसे साइन नहीं करूंगा।

मैं साइन बॉस के सामने करूंगा। इसके बाद तू तड़ाक हुई। मुझसे पनिहार ने कहा कि आपको साइन करने पड़ेंगे। मैंने कहा मर जाऊंगा, मगर साइन नहीं करूंगा। वह 5 लोग थे, मैं अकेला। मैंने कहा आप ऐसा करो आप गाड़ी में चलो। उसने कहा चलो। इसके बाद एक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और दूसरा मेरा वीडियो बनाने लगा। वहां से चलने के बाद मैं फुटपाथ पर आकर बैठ गया।

3. कुलदीप बिश्नोई को फोन मिलाया, मगर फोन नहीं उठाया बूड़िया ने आगे कहा- मैंने कुलदीप जी को फोन मिलाया, उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैंने भव्य जी को फोन मिलाया। नहीं उठाया, मगर उनका बाद में बैक कॉल आया। उन्होंने कुछ नहीं कहा और फोन काट दिया। इसके बाद मैंने कुलदीप बिश्नोई को वॉयस मैसेज वॉट्सऐप पर भेजे और कहा कि मेरे साथ इस तरह की घटना हो रही है और यह लोग मेरे साथ गलत कर रहे हैं।

इसके बाद रणधीर पनिहार ने कहा कि इसको गाड़ी में डालो। इसके बाद मैंने देखा वहां मंत्रियों की गाड़ियां थी और पुलिस वाले भी थे। मैंने शोर मचाया तो वह गाड़ी दौड़ाकर भाग गए। मेरे पास टैक्सी थी। मैं वहां से निकल आया। मैंने इसके बाद कुलदीप जी को फोन किया तो उनका नंबर स्विच ऑफ आया।

4. जिस इंसान को इतना माना, उसने 15 घंटे बाद भी फोन नहीं किया देवेंद्र बूड़िया ने कहा कि इस घटना के बाद मुझे लगा कहीं रात को मुझे कोई मार ना दे, इसलिए लाइव के माध्यम से मैंने आप लोगों को सब कुछ बताया। 3 साल में हम कोई पत्र भी लिखते हैं तो उनका नाम लिखना जरूरी है। भाषण देते हैं तो हम दुविधा में पड़ जा

ते हैं।

कुलदीप कहते हैं मेरा नाम लेना जरूरी है और आप कहते हो आप उसके चमचे हो। मगर मेरा उद्देश्य समाज सेवा था, मैं समाज सेवा करना चाहता था ताकि दूसरे समाज के आगे बिश्नोई समाज एक उदाहरण बने। मैंने उस इंसान (कुलदीप बिश्नोई) को काफी माना, मगर 15 घंटे बीतने के बाद भी उसका फोन नहीं आया कि क्या हुआ।

विधानसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने रणधीर पनिहार का नामांकन भरवाया था।

विधानसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने रणधीर पनिहार का नामांकन भरवाया था।

कुलदीप बिश्नोई ने दिलवाया रणधीर पनिहार को टिकट रणधीर पनिहार पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के दोस्त हैं। कुलदीप बिश्नोई ने ही लॉबिंग कर रणधीर पनिहार को भाजपा का टिकट दिलवाया था। इतना ही नहीं, रणधीर के लिए प्रचार भी किया। इस विधानसभा चुनाव में रणधीर पनिहार की जीत हुई, लेकिन आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई अपनी पैतृक सीट हार गए। इसके अलावा, कुलदीप बिश्नोई के भाई दुड़ाराम बिश्नोई भी फतेहाबाद से चुनाव हार गए। हालांकि, रणधीर पनिहार कह चुके हैं वह कुलदीप बिश्नोई के लिए विधायक पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। वह चाहें तो उनके बेटे को मेरी जगह पर चुनाव लड़वा सकते हैं।

कुलदीप बिश्नोई के बेटे चैतन्य का हुआ है अंतरजातीय विवाह 2023 में कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई ने अंतरजातीय विवाह किया है। उनकी शादी सृष्टि अरोड़ा से हुई है। पिछले साल उनकी सगाई हुई थी। इस पर काफी बवाल मचा था और बिश्नोई समाज ने इस पर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। वहीं, इससे पहले भव्य की सगाई भी अंतरजातीय हुई थी, लेकिन जब विवाद बढ़ा तो भव्य की सगाई तोड़ दी गई और भव्य की शादी आईएएस परी बिश्नोई से कर दी गई।

बिश्नोई समाज के लोगों का कहना है कि कुलदीप बिश्नोई संरक्षक जैसे पद पर हैं और उन्हें और उनके परिवार को समाज के लिए एक मिसाल कायम करनी चाहिए। अंतरजातीय विवाह करके वह अपने समाज को कौन सी दिशा दिखा रहे हैं। बिश्नोई संतों ने इसका कड़ा विरोध किया था।

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