अजमेर-दरगाह पर याचिका लगाने वाले को गर्दन काटने की धमकी:शिव मंदिर होने का दावा किया था; हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष को विदेश से आया कॉल
अजमेर
अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को जान से मारने की धमकी मिली है।
गुप्ता ने बताया- उन्हें दो कॉल की गई है। एक भारत से और दूसरी कनाडा से आई है। कनाडा से आई कॉल में उन्हें धमकी दी गई कि आपने अजमेर दरगाह का केस फाइल कर बहुत बड़ी गलती कर दी। अब आपकी गर्दन काट दी जाएगी, सिर कलम कर दिया जाएगा।
उन्होंने दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की है। विष्णु गुप्ता ने कहा कि मैं ऐसी धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। हम सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं, हमने किसी भी भावना को आहत नहीं किया है। न ही किसी की भावना को आहत करना चाहते हैं। अजमेर दरगाह में शिव मंदिर है और कानूनी लड़ाई से उसको वापस लेंगे।
इधर, विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा- यह सच है कि 1100-1200 साल पहले कई श्रद्धा के केंद्र इधर-उधर हुए हैं। मामला कोर्ट में है और कोर्ट को इसका निर्णय करने दें। सभी उसकी पालना भी करें। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
वहीं गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा- लोगों की आस्था के केंद्र किसी कारण नष्ट किए गए या हमला करके नष्ट किए गए। ये सब कोर्ट का विषय है। जो कोर्ट निर्णय देगी, सरकार उसी की पालना करेगी। हमारा ध्येय है कि विरासत का संरक्षण हो, प्रदेश प्रगति के पथ पर चले।
याचिकाकर्ता ने कहा – रिटायर्ड जज हरबिलास शारदा की किताब में दिए गए तथ्यों को आधार बनाकर याचिका लगाई है।
देवनानी ने कहा- पहले भी ऐसे विवाद सामने आए हैं विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि पहले भी कई जगहों पर ऐसे विवाद सामने आए हैं। उनका कोर्ट के आधार पर निर्णय हुआ है। कुछ लोगों की भावना है तो कानून के अनुसार उसका समाधान होना चाहिए।
कांग्रेस ने हमेशा बांटने की कोशिश की गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्या बयान देती है, ये सब समझते हैं। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश की है।
शिक्षा मंत्री बोले- मंदिर के अवशेष मिलने की पूरी संभावना शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- अब तक के अनुभव और परिणाम यही दिखाते हैं कि भारत में सामान्यतया ज्यादातर मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। अजमेर दरगाह का फैसला कोर्ट करेगा। अगर खुदाई के आदेश होते हैं तो यहां भी मंदिर के अवशेष मिलने की पूरी संभावना है। जैसा अन्य जगहों पर हुआ है।
दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन की ओर से उपलब्ध कराई गई तस्वीर। यह तस्वीर किसी पेंटर ने हाथ से बनाई थी।
27 नवंबर को कोर्ट ने दी थी सुनवाई की तारीख अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका बुधवार (27 नवंबर) को अजमेर सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका लगाई गई है। इसे लेकर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा है। मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है। साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात कही गई है।
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