अजमेर से 2 घुसपैठिए गिरफ्तार:बॉर्डर पर तारों के नीचे से घुसे थे, फर्जी आईडी बनाकर बिजनेस कर रहे थे भाई-बहन
अजमेर
अजमेर पुलिस ने दोनों भाई-बहन को डिटेनिंग सेंटर भेज दिया है।
अजमेर में पुलिस ने फर्जी आईडी बनाकर किराए पर रह रहे दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पहले भी फर्जी तरीके से भारत में आ चुके हैं।
दो महीने से अजमेर में थे दोनों
दरगाह थाना के इंस्पेक्टर नरेन्द्र सिंह के अनुसार फर्जी आईडी में दोनों ने अपने नाम नाहिद शेख और नादिया शेख लिखवा रखे हैं। युवती का असली नाम महमूद अख्तर(30) और युवक का असली नाम नाहिद हुसैन(21) है। दोनों भाई-बहन हैं। फर्जी आधार कार्ड में दोनों ने खुद को पं. बंगाल के चौबीस परगना इलाके का निवासी बताया हुआ है। दोनों करीब दो महीने से अजमेर में रहकर कपड़ों का कारोबार कर रहे थे। सीआईडी ने शक के आधार पर जांच की तो दोनों के घुसपैठिए होने का खुलासा हुआ। पूछताछ के बाद दोनों को अलवर के डिटेनिंग सेंटर भेजा गया। दोनों के असली आईडी कार्ड भी बरामद कर लिए गए हैं।
बांग्लादेशी घुसपैठिए भाई-बहन को अजमेर के दरगाह इलाके से पकड़ा गया है। दरगाह के बाहर भीड़ और तैनात पुलिसकर्मी।
युवती पहले भी आ चुकी अजमेर
पुलिस के मुताबिक दोनों घुसपैठिए बांग्लादेश के जिला मुंशीगंज के रहने वाले हैं। युवती पहले भी दो-तीन बार वीजा से अजमेर आ चुकी है, बाद में दोनों ने भारत का बोगस आईडी कार्ड बनवा लिया था।
पूछताछ में बोले- नौकरी के लिए आए थे भारत
बांग्लादेशी युवती ने कहा- वह नौकरी करने के लिए भारत आए थे। बांग्लादेश-भारत बॉर्डर पर एजेंट को 15 हजार रुपए देकर भारत में एंट्री की थी। युवती ने कहा कि बांग्लादेश और इंडिया दोनों बॉर्डर के बीच कई एजेंट रहते हैं। पहले भी पैसे देकर भारत में एंट्री ली थी।
एजेंट से सौदा तय होने के बाद वह बॉर्डर पर लगे तारों के नीचे से एंट्री कराते हैं। बांग्लादेश में काम नहीं मिलने के कारण या नौकरी करने आते हैं। पहले यहां नौकरी करते थे, अब यहां पर खुद का बिजनेस करते हैं। युवती महमूद अख्तर पहले दो बार वीजा पर भारत आ चुकी है। उस दौरान हैदराबाद, कलकत्ता, अजमेर समेत अलग-अलग जगह पर घूमकर काम किया था। कोविड से पहले वह वापस बांग्लादेश लौट गई थी। इस बार वीजा नहीं मिलने पर एजेंट के जरिए अवैध तरीके से भारत में एंट्री ली। दरगाह के पास दोनों घुसपैठिए भाई-बहन शर्ट बेचने का काम करते थे।
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