बीकानेर। वर्तमान वैज्ञानिक एवं प्रोद्योगिकी युग में आडम्बरों की पोल खोलता चमत्कारों के पीछे का रहस्य विज्ञान है। इस विज्ञान में अलग-अलग रसायनों का उपयोग करके हमें पाखण्डियों के द्वारा भावनात्मक ठगा जा रहा है यह कहना था विज्ञानवेता डॉ. फारूक चौहान का। मौका था अजित फाउण्डेशन में आयोजित ‘‘चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या कार्यक्रम का।
अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विज्ञानवेता डॉ. फारूक चौहान ने अलग-अलग रसायनों का उपयोग करते हुए नारियल में आग लगाना, बिना आग लगाए हवनकुंड में अग्नि प्रवजलित करना, त्वचा के आर-पार सुई से छेद करके उसमें निंबु लटकाना, अग्नि स्नान करना, घडे से बार-बार पानी निकालना। आदि ऐसे अनेको प्रयोग करके उसमें छुपी विज्ञान को सभी प्रतिभागियों के सामने दिखलाया। इन प्रयोगों को देखकर आम जन में कौतुहल उत्पन्न हुआ वहीं उनकी जिज्ञासाएं भी शांत हुई।
संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने के पीछे समाज में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने तथा आडम्बरों एवं पांखण्डों से बचने हेतु जागृति लाना है। यह कार्यक्रम किसी धर्म एवं समाज के खिलाफ नहीं है वरन् बाहय आडम्बरों के खिलाफ है।
कार्यक्रम में गिरिराज पारीक, विजयशंकर आचार्य, सुनीता श्रीमाली, मोनिका यादव, रविदत्त व्यास, राजेष, चंद्रशेखर, दीपक, कन्हैयालाल सेवग, अयूब अली सहित 100 से ज्यादा बच्चों ने सम्मिलित हुए।
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