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अपनी बीमारियां उंगलियों पर नहीं गिन पा रहा आसाराम:कोर्ट ने कहा- पुणे भेजा तो लॉ एंड आर्डर बिगड़ने का खतरा, जोधपुर में ही इलाज करवाएं

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अपनी बीमारियां उंगलियों पर नहीं गिन पा रहा आसाराम:कोर्ट ने कहा- पुणे भेजा तो लॉ एंड आर्डर बिगड़ने का खतरा, जोधपुर में ही इलाज करवाएं

जोधपुर

जोधपुर की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को पुणे के माधवबाग आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना इलाज करवाने की अनुमति नहीं मिली है। हाई कोर्ट ने लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की आशंका जताई है। साथ ही यह भी कहा है कि पुणे से अच्छा इलाज आसाराम को जोधपुर के ही एम्स में मिल सकता है। मंगलवार को हुई सुनवाई में आसाराम की याचिका सुनने से इनकार कर दिया गया। साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) से कहा- जोधपुर स्थित आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आसाराम के इलाज के लिए क्या व्यवस्था है उसे 22 मार्च को रिपोर्ट करें।

पिछले 11 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम सलाखों से बाहर आने के लिए कई बीमारियों की दलीलें दे चुका है।

पिछले 11 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम सलाखों से बाहर आने के लिए कई बीमारियों की दलीलें दे चुका है।

29 नवंबर को स्वास्थ्य का हवाला देकर लगाई थी SOS याचिका

आसाराम चाहता है कि उसका इलाज पुणे के माधवबाग आयुर्वेदिक अस्पताल में कराया जाए। इसके लिए पहली याचिका 29 नवंबर 2023 को लगाई गई थी। आसाराम के वकील देवदत्त कामत की ओर से जोधपुर हाईकोर्ट में अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट से SOS की याचिका लगाई गई थी। पहली तारीख 11 दिसम्बर थी। उस दिन सरकारी वकील ने रिप्लाई फाइल करने के लिए समय मांगा। इसके बाद हाई कोर्ट ने अगली तारीख 18 दिसम्बर दी। लेकिन, उस दिन आसाराम के वकील देवदत्त कामत नहीं पहुंच सके और उनके जूनियर ने अगले दिन की तारीख मांगी। इस पर हाई कोर्ट ने अगली तारीख 5 जनवरी दी।

आसाराम ने कोरोना होने पर आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने के लिए भी जमानत याचिका लगाई थी।

आसाराम ने कोरोना होने पर आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने के लिए भी जमानत याचिका लगाई थी।

आसाराम के वकील ने जताया था एंजियोग्राफी में खतरा

5 जनवरी को आसाराम की ओर से कामत ने उसकी उम्र का हवाला देते हुए और 10 वर्ष से अधिक जेल में काटने का कह कर उनके इलाज के लिए बेल मांगी। उन्होंने कहा कि आसाराम को हार्ट की बीमारी है और उसकी तबीयत खराब होती जा रही है। उन्होंने बताया कि उसे पिछले साल 2023 के नवंबर और दिसंबर में अटैक आया था। 8 नवंबर को तो उनकी हालत बहुत नाजुक थी। जोधपुर एम्स के डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी के लिए कहा है। लेकिन, आसाराम की किडनी खराब होने से एंजियोग्राफी में खतरा बताया गया है।

आसाराम को पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। देश में पहली बार किसी दुष्कर्मी को पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

आसाराम को पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। देश में पहली बार किसी दुष्कर्मी को पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

सरकारी वकील की दलील- एम्स में मिल सकता है बेहतर इलाज

इसी पेशी के दौरान सरकार की ओर से डबल एजी अनिल जोशी ने कहा- आसाराम का इलाज एम्स में चल रहा है। एम्स में बेहतर डॉक्टर हैं। जोधपुर में करवड आयुर्वेदिक हॉस्पिटल भी है। आसाराम जोधपुर में ही अपना इलाज करवा सकता है। जोशी ने यह भी कहा कि आसाराम की तीन बार बेल एप्लीकेशन खारिज हो चुकी है। ऐसे में इस एप्लिकेशन को भी खारिज किया जाए।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 5 जनवरी को हाई कोर्ट आसाराम को उपचार के लिए माधवबाग हॉस्पिटल भेजने के लिए राजी हुई। लेकिन, साथ में यह भी आदेश दिए कि आसाराम अपना इलाज पुलिस कस्टडी में करवाएंगे और खर्च स्वयं उठाएंगे। 9 जनवरी को इसका एफेडेविट पेश करने को कहा।

आसाराम ने अपनी पैरवी के लिए देश के कई नामी वकीलों की सेवाएं लीं, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया।

आसाराम ने अपनी पैरवी के लिए देश के कई नामी वकीलों की सेवाएं लीं, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया।

बीमारी उंगलियों पर नहीं गिन पा रहा

9 जनवरी को आसाराम की ओर से एक नया एफिडेविट फाइल हुआ। जिसमें आसाराम ने बताया कि जब वो जेल से बाहर था। तब उसे सिर्फ दो ही बीमारी थी, एक त्रिनाड़ी शूल और दूसरा पीठ का दर्द। लेकिन, जेल के वातावरण और पुलिस हिरासत के तनाव के कारण स्वास्थ्य इतना बिगड़ गया है कि वो अब अपने शरीर की बीमारियां उंगलियों पर गिन भी नहीं पाता, इसलिए उपचार के लिए 14 दिन की जमानत दी जाए।

आसाराम पुलिस कस्टडी में इलाज कराने और इलाज का खर्च भी स्वयं उठाने को राजी नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने आसाराम की चौथी SOS एप्लिकेशन भी खारिज कर दी।

इस एप्लिकेशन के खारिज होने के बाद आसाराम सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो वहां भी सुनवाई से इनकार कर दिया और केस को दोबारा जोधपुर हाई कोर्ट में ही सुनवाई की बात कही गई। अब आसाराम ने फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने भी आसाराम को पुणे में इलाज से इनकार कर दिया।

जोधपुर में इलाज होगा

जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत माथुर की डबल बेंच ने आज मंगलवार को सुनवाई के दौरान आसाराम को पुणे के अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा की अनुमति से इनकार कर दिया। पुणे पुलिस ने आसाराम के वहां के माधवबाग हॉस्पिटल में इलाज के दौरान लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की आशंका जताई है।

इसलिए हाईकोर्ट ने जोधपुर स्थित आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आसाराम को इलाज कराने के लिए कहा है। साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता को आसाराम की चिकित्सा संबंधी सुविधा आयुर्वेद विश्वविद्यालय में उपलब्ध है या नहीं, इसका पता लगाकर परसों 22 मार्च की सुनवाई में रिपोर्ट करने को कहा है। इस याचिका में आसाराम ने पुणे के माधवबाग हॉस्पिटल से आयुर्वेद चिकित्सा करने की अनुमति मांगी थी।

राजस्थान में नए नियम के अनुसार पॉक्सो के केस में दोषी कैदियों को पैरोल नहीं मिलती है।

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15 मार्च की सुनवाई में मांगी थी डिटेल

आसाराम के इलाज को लेकर हाईकोर्ट में 15 मार्च को हुई सुनवाई में पुणे के माधवबाग हॉस्पिटल से डिटेल लाने को कहा था। कोर्ट ने कहा कि अस्पताल इलाज क्या करेगा और कितने दिन लगेंगे, इसकी जानकारी आगामी 20 मार्च की अगली सुनवाई में पेश करें। साथ ही हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को भी मौखिक निर्देश दिए कि वह जोधपुर पुलिस कमिश्नर और मुंबई के पुलिस कमिश्नर से लॉ एंड ऑर्डर की डिटेल लेने को भी कहा था।

आसाराम के वकील की दलील-

  • वह महाराष्ट्र के मल्टी डिसीप्लिनरी कार्डियक केयर क्लिनिक माधवबाग हॉस्पिटल में इलाज करवाना चाहते हैं।
  • इस हॉस्पिटल में आसाराम का आयुर्वेदिक व आधुनिक मेडिकल साइंस से इलाज होगा।
  • डॉक्टरों ने इलाज और संपूर्ण हृदय शुद्धिकरण में 7 दिन का समय बताया है।
  • इसके लिए 14 दिन की पैरोल मांगी थी।
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