*अब पाकिस्तान की नापाक नजर पर ध्रुव का पहरा*
*BSF की बढी हवाई ताकत:BSF राजस्थान फ्रंटियर को मिला स्वदेशी हेलिकॉप्टर AHL, मुख्यालय पर बनाया बड़ा हेलिपेड*
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स BSF को पश्चिमी मोर्चे पर हवाई ताकत मिली है। उनको अपना एक हेलिकॉप्टर मिल गया है।अब तक BSF एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर्स पर निर्भर थी। लेकिन अब स्वयं का हेलिकॉप्टर मिलने से राजस्थान से सटी सीमा की चौकसी के साथ ऑपरेशनल दक्षता बढ़ गई। करीब एक दशक का बाद बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर को स्वयं का स्वदेशी हेलिकॉप्टर मिला है। अब जल्दी ही एक और एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर मिलेगा। राजस्थान फ्रंटियर को स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (एएचएल) मिला हैं। इसे एंटी नक्सल ऑपरेशन (एएनओ) से जोधपुर शिफ्ट किया गया हैं। वहां करीब 2000 घंटे की उड़ान पूरी कर चुका हैं। इसका उपयोग राजस्थान के साथ गुजरात फ्रंटियर के लिए हो सकेगा। इसके बाद जल्दी ही राजस्थान फ्रंटियर को एक ओर हेलिकॉप्टर मिलेगा। हेलिकॉप्टर के लिए लंबे समय से गृह मंत्रालय में कार्रवाई चल रही थीं। जोधपुर पहुंचने पर हेलिकॉप्टर की विधिवत पूजा की गई। मुख्यालय में ही इसके लिए बड़ा हेलिपेड व बेस बनाया गया हैं।
*Jaisalmer: अब पाकिस्तान की नापाक नजर पर ध्रुव का पहरा*
देश के पश्चिमी मोर्चे पर बढ़ी ताकत, 11 साल बाद BSF को मिला हेलीकॉप्टर, 1 हजार घोड़ों की ताकत वाला है ध्रुव हेलीकॉप्टर, आपात स्थिति में तुरंत सहायता के लिए कारगर है ध्रुव हेलीकॉप्टर, इसमे 8 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, 4 एयर टू एयर मिसाइल ले जाने की क्षमता, जोधपुर स्थित BSF के राजस्थान फ्रंटियर हैड क्वार्टर पर रहेगा ध्रुव हेलीकॉप्टर
*सालाना 30 फ्लाइंग हवर्स मिलते थे*
हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद बीएसएफ अफसर चौकसी व ऑपरेशनल उपयोग के लिए एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर्स का उपयोग करते थे। इसके लिए गृह मंत्रालय सालाना 30 हवर्स राजस्थान फ्रंटियर को आवंटित करता था। इस आधार पर रक्षा मंत्रालय के मार्फत एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर्स आईजी के अलावा डीजी को बॉर्डर की विजिट करता था। राजस्थान का इलाका बड़ा होने के कारण यहां ज्यादा फ्लाइंग हवर्स दिए जाते थे। जबकि पंजाब व गुजरात फ्रंटियर को इससे कम हवर्स मिलते थे।
*सिरोही जिले में चेतक हेलिकॉप्टर हुआ था क्रैश :*
राजस्थान फ्रंटियर के पास पहले चेतक हेलिकॉप्टर था। मई 2011 में गांधीनगर से जोधपुर लौटते समय सिरोही जिले की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था। इस हादसे में पायलट समेत चार जनों की मौत हो गई थी। इसके बाद से लगातार हेलिकॉप्टर लेने के लिए प्रयास चल रहे थे, लेकिन बीएसएफ की एयर विंग में ही नए चॉपर की खरीद नहीं होने के कारण यह मामला अटका हुआ था। अब 11 साल बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में निर्मित एएलएच हेलिकॉप्टर मिला हैं।
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