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अशोक गहलोत का नामांकन हो सकता है रद्द ! यह हो गई गलती, अब फैसले का इंतजार

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अशोक गहलोत का नामांकन हो सकता है रद्द ! यह हो गई गलती, अब फैसले का इंतजार

Ashok Gehlot Nomination : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन में आपराधिक मामलों को छिपाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी मांगी है। भाजपा का आरोप है कि गहलोत ने अपने नामांकन में दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है।

 जोधपुर/जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन में आपराधिक मामलों को छुपाने की शिकायत सामने आई है। इसको लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सरदारपुरा रिटर्निंग ऑफिसर संजय कुमार बासु को मुख्यमंत्री की ओर से तथ्य छिपाने को लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने रिटर्निग ऑफिसर से मामले की जानकारी मांगी है। इधर, मुख्यमंत्री गहलोत के नामांकन में आपराधिक तथ्य छिपाने की बात से सियासत का पारा चढ़ गया है। वहीं बीजेपी इस मुद्दे को लेकर जमकर हमलावर बन गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री गहलोत का नामांकन रद्द हो सकता है! इसको लेकर कई सियासी अटकलें लगाई जा रही है।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने करवाई ऑनलाइन शिकायत

सीएम गहलोत ने 6 नवंबर को नामांकन की अंतिम तिथि के दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ता अब मुद्दा बनाने में जुटे हुए हैं। बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है। इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के दर्ज होने के बाद कांग्रेस की सियासत में हड़कंप मच गया है। वहीं तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि सीएम गहलोत ने चार नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, ताकि कोई गलती होने पर दूसरा पत्र माना जा सके।

बीजेपी का आरोप गहलोत ने छिपाए दो मामले

गहलोत के खिलाफ नामांकन पत्र में तथ्य छुपाने को लेकर ऑनलाइन शिकायत की गई है। इस शिकायत के बाद भाजपा की ओर से एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ ने बताया कि गहलोत के खिलाफ न्यायालय में पांच मामले चल रहे हैं। लेकिन गहलोत ने सभी मामलों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने तथ्य छुपाते हुए दिल्ली के दो मामलों को नहीं बताया है। जबकि उन्होंने अपने शपथ पत्र में पांच की जगह तीन मामलों का उल्लेख किया हैं। इनमें एक दिल्ली और दो जयपुर के बताए गए हैं। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इस मामले में ऑनलाइन शिकायत दर्ज हुई है। रिटर्निंग ऑफिसर से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद मामले की जांच होगी।

कौन से दो मामलों के तथ्य छिपाए गए है

शिकायत पत्र में बताया गया है कि पहला आपराधिक मामला 8 सितंबर 2015 का है। जो कि जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। पत्र में एफआईआर की संख्या 409/2015 बताई गई है। इसमें धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज हुआ हैं। इसके बारे में गहलोत ने अपने नामांकन में जानकारी नहीं दी है। यह मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 24 नवंबर 2023 को होनी है। जबकि दूसरा मामला 31 मार्च 2022 का बताया गया है। जिसमें शिकायतकर्ता के मुताबिक कोर्ट की ओर से अशोक गहलोत समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश था। शिकायत में मामला भी अभी राजस्थान उच्च न्यायालय में बताया है।

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