Kota: राजस्थान के कोटा में न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 3 घण्टे लाइट बन्द होने के मामले में बड़ा खुलासा उस वक्त हुआ जब मृतक महिला की बेटी ने कैमरे पर अंधेरी रात का स्याह सच बयां किया.
मृतका नंदू की बेटी मधु मौर्य ने बताया की अस्पताल प्रबंधन 3 घण्टे तक लाइट की कोई व्यवस्था नहीं कर पाया और उसकी मां की जिदंगी छीन ली गयी. मृतका नंदू बाई रावतभाटा की रहने वाली थी. जिसे घटना के दिन सुबह ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया था. नंदू बाई वेंटिलेटर रखी गयी थी.

शाम को करीब 7 बजे अचानक फाल्ट आने से अस्पताल में लाइट गुल हो गई. गर्मी में मरीज छटपटाने लगे. इधर कुछ देर तक वेंटिलेटर बैकअप पर चलता रहा लेकिन फिर बैटरी ने भी साथ छोड़ दिया और वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया.
इसी दौरान मोबाइल की लाइट में नंदू बाई की उखड़ती सांसों को सीपीआर दिया गया. जिसका वीडियो वायरल हुआ, लेकिन नंदूबाई की सांसें थम गई. अस्पताल अधीक्षक डॉ चंद्र शेखर सुशील ने बताया कि रविवार की शाम को अस्पताल के पैनल में बड़ा विस्फोट हुआ था और 3 घंटे लाइन नहीं थी. अस्पताल अधीक्षक के मुताबिक बिजली गुल होने पर किसी की जान नहीं गयी है.
लेकिन मृतक महिला नंदू बाई के परिजनों का दावा है कि लाइट बन्द होने से वेंटिलेटर बैकअप पर लिया गया और फिर बैकअप भी खत्म हो गया. जिससे नंदू बाई की मौत हो गयी.
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