देश भर में आखातीज के त्यौहार पर पतंगबाजी शुरू से वृहद रूप से होती आयी है । देश के प्रांत राजस्थान सहित कई प्रदेशों में इस दिन पतंगबाजी की प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती है जिसमें परम्परागत सूती डोर की जगह पर डोर में प्रयुक्त होने वाले मांझे में वर्तमान में चाइनीज मांझा (ड़ोर) प्रचलन में है जो स्वछंद विचरण करने वाले पक्षियों की म्रत्यु का कारण बनता है ।
मांझा जल्दी से तोड़ने पर टूटता भी नही है व इसकी धार भी बेहद खतरनाक होती है जिससे उड़ने वाले (पखेरूओं) जीवों की इसकी जद में आते ही उनकी मृत्यु निश्चित हो जाती है।
दूसरी और इस घातक मांझे से व्यक्ति विशेष भी इसके लपेटे आने पर चोटिल हो जाते है पत्र पत्रिकाओं में इसकी खूब खबरे प्रकाशित भी होती रही है । मांझे की बिक्री व भंडारण पर रोक लगवाने की मांग भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के मानद प्रतिनधि श्रेयांस बैद ने अध्य्क्ष भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र प्रेषित कर की है ।
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