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आतंक फैलाने वालों को बख्शें नहीं,कश्मीरी और बाहरी सभी की सिक्योरिटी हो कड़ी’, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग की 10 बड़ी बातें

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*आतंक फैलाने वालों को बख्शें नहीं, कश्मीरी और बाहरी सभी की सिक्योरिटी हो कड़ी’, अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग की 10 बड़ी बातें*

#AmitShah reviews security situation in #J&K after series of targeted killings
#AjitDoval and #R&AW Chief leave after meeting Union Home Minister #AmitShah in #mha

*REPORT BY SAHIL PATHAN*
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक (High Lavel Meeting) में कश्मीर घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा (Security of Kashmiri Pandits) पर चर्चा की गई. शाह ने केंद्र शासित प्रदेश की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया. घाटी में आतंकी संगठनों, खासतौर पर लश्कर ए तैयबा द्वारा चुनिंदा तरीके से सिलसिलेवार हत्याएं किये जाने के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई थी. मृतकों में गैर मुस्लिम, सुरक्षा कर्मी, एक कलाकार और स्थानीय निवासी शामिल हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थलसेना प्रमुख मनोज पांडे तथा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा उन प्रमुख लोगों में शामिल थे, जिन्होंने इस बैठक में हिस्सा लिया. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर की संपूर्ण सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जिसमें घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया. शाह की अध्यक्षता में आज हुई यह बैठक पिछले एक पखवाड़े से भी कम समय में दूसरी ऐसी बैठक है. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह, सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख पंकज सिंह, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह सहित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया.बैठक में बताया गया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने अपनी रणनीति बदली है और अब वे सुरक्षाबलों पर बड़े हमलों की जगह इस तरह के हमले कर रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत ज्यादा फैले. आतंकवादी और उनको सहायता करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर गठजोड़ पर और कड़े प्रहार किए जाएं, जिससे आतंकवादियों को किसी तरह की कोई सहायता न मिल सकें.

जम्मू कश्मीर की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कश्मीरी हो या नॉन कश्मीरी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं. स्थानीय लेवल पर खुफिया और सुरक्षा दायरा और बढ़ाया जाए.

आतंक फैलाने वाले लोगों से सख्ती से निपटा जाए, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए. कश्मीर में ऐसे इलाकों को चिन्हित किया जाए जहां इस तरह की वारदात हो सकती है.

गृहमंत्री को बैठक के दौरान बताया गया कि इस पूरे मामले में एंटी टेररिज्म ग्रिड पूरी तरह से एक्टिव है. बैठक में स्पष्ट तौर से कहा गया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं.

अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर पोस्टिंग दी जा रही है. हालांकि सरकारी सूत्रों ने साफ़ कर दिया कि फ़िलहाल ऐसे सभी कर्मचारियों का ट्रांसफर जम्मू क्षेत्र में करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि ऐसा करना आतंकवादियों के मंसूबों को कामयाब बनाना होगा.

इससे पहले शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, रॉ सचिव सामंत गोयल और जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के साथ अनौपचारिक बैठक की थी. अधिकारी के मुताबिक इस बैठक में आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम का विषय भी उठा.

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 2012 में नियुक्त किये गये कश्मीरी पंडित, राहुल भट की हत्या के बाद से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे सामूहिक पलायन का खतरा उत्पन्न हो गया है. मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा में 12 मई को भट की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.

भट की हत्या की घटना के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर करीब 6,000 कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया है, जो उन्हें घाटी से बाहर ले जाने की मांग कर रहे हैं. बृहस्पतिवार को दो अलग-अलग घटनाओं में कश्मीर में एक बैंककर्मी एवं ईंट भट्टा मजदूर की हत्या कर दी गयी, जबकि एक अन्य मजदूर को घायल कर दिया गया.

एक मई के बाद से कश्मीर में बैंककर्मी की हत्या नौंवी तथा श्रमिक की हत्या चुनिंदा ढंग से की गयी दसवीं हत्या थी. मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की एक अध्यापिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

अठारह मई को उत्तरी कश्मीर के बारामूला में आतंकवादी शराब की एक दुकान में घुस गये थे और उन्होंने बम फेंककर जम्मू क्षेत्र के एक व्यक्ति को मार डाला था एवं तीन अन्य को घायल कर दिया था. श्रीनगर में 24 मई को पुलिसकर्मी सैफुल्लाह को उनके घर में ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी जबकि उसके दो दिन बाद ही बडगाम में अमरीन भट्ट को मौत के घाट उतार दिया गया था.

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