आरती और दीपदान के साथ कोलायत मेला संपन्न: आस्था और परंपरा का रहा अद्भुत संगम*
बीकानेर। सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि की तपोस्थली कोलायत में लगे मेले का समापन सोमवार को आरती और दीपदान के भव्य आयोजन के साथ हुआ। इस धार्मिक मेले ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों को परंपरा, आस्था और संस्कृति के अद्भुत मेल का अनुभव कराया। कार्तिक पूर्णिमा पर कोलायत सरोवर के पवित्र जल में स्नान करने और दीपदान करने के लिए हजारों श्रद्धालु देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे।
कोलायत मेला, जिसे कपिल मुनि मेला भी कहा जाता है, कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होता है। मान्यता है कि कपिल मुनि ने इसी स्थान पर तपस्या की थी। उनके नाम पर बना कोलायत सरोवर पवित्र माना जाता है, और यहां स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मेले के समापन अवसर पर श्रद्धालुओं ने दीपदान किया, जिससे कोलायत सरोवर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। सरोवर के किनारे दीपों की कतारों का अद्भुत नजारा देखते ही बनता था। श्रद्धालुओं ने अपने परिवार और समाज की समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
समापन की आरती में कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी सहित अनेक जनप्रतिनिधियों उद्योगपतियों तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मंत्रोच्चारण और आरती के सुरों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। पवित्र वातावरण में श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य को नमन किया और सुख-समृद्धि की कामना की।
कोलायत मेले में धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भजन संध्या भी आयोजित हुई जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और संगीत ने मेले में रंग भर दिया।
विजुअल6
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