एअर इंडिया पर 30 लाख जुर्माना:80 साल के बुजुर्ग को व्हील चेयर नहीं दी, टर्मिनल जाते वक्त मौत हुई थी
नई दिल्ली
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने 80 साल के बुजुर्ग की मौत के मामले में एअर इंडिया पर 30 लाख का जुर्माना लगाया है। घटना 16 फरवरी को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुई थी।
DGCA ने एयर इंडिया को शोकॉज नोटिस भेजा था। जवाब आने के बाद DGCA ने एयरलाइन को दोषी मानते हुए उस पर जुर्माना लगाया है। कपल न्यूयॉर्क से मुंबई आया था।
एयरलाइन ने जवाब में कहा- हमने उन्हें इंतजार करने को कहा था
एयरलाइन ने DGCA से कहा था कि दोनों ने व्हीलचेयर की डिमांड की थी। उनकी पत्नी व्हीलचेयर पर थीं। वे अपनी पत्नी के साथ इमिग्रेशन क्लीयरैंस की प्रॉसेस पूरी कर रहे थे। उस दिन व्हील चेयर की डिमांड भी बहुत ज्यादा थी। इसके चलते हमने उन्हें थोड़ा इंतजार करने को कहा ताकि हम दूसरी व्हीलचेयर का इंतजाम कर सकें। लेकिन, वो पत्नी के साथ पैदल ही चल पड़े।
कुछ देर चलने के बाद बुजुर्ग गिर गए। उन्हें मुंबई एयरपोर्ट पर मेडिकल सुविधा देने के बाद नानावती हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था।
एयरपोर्ट के एक सूत्र ने बताया था कि फ्लाइट में 32 व्हीलचेयर पैसेंजर्स थे। जबकि, एयरपोर्ट पर सिर्फ 15 व्हीलचेयर मौजूद थीं।
उस दिन एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर की किल्लत थी
भारतीय मूल के बुजुर्ग के पास US का पासपोर्ट था। वे अपनी पत्नी के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट AI-116 की इकोनॉमी क्लास में आए थे। ये फ्लाइट 11 फरवरी को न्यूयॉर्क से रवाना हुई थी और 12 फरवरी को मुंबई पहुंची थी।
कपल ने पहले से व्हीलचेयर पैसेंजर्स के रूप में टिकट बुक की थी। हालांकि, मुंबई एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर की किल्लत के कारण उन्हें सिर्फ एक व्हीलचेयर मिली। बुजुर्ग ने अपनी पत्नी को उस पर बैठाया और खुद पैदल चलने लगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपोर्ट के एक सूत्र ने बताया कि जिस फ्लाइट से कपल मुंबई आए थे, उसमें 32 व्हीलचेयर पैसेंजर्स थे। हालांकि, एयरपोर्ट पर इस फ्लाइट के लिए सिर्फ 15 व्हीलचेयर मौजूद थीं।
एयर इंडिया ने मामले पर दी थी सफाई
एयर इंडिया ने पूरे मामले को लेकर सफाई दी थी। एयरलाइन कपंनी ने कहा था- व्हीलचेयर की भारी मांग के कारण उन्होंने बुजुर्ग पैसेंजर को इंतजार करने के लिए कहा था। हालांकि, उन्होंने अपनी पत्नी को व्हीलचेयर पर बिठाकर खुद पैदल चलने का विकल्प चुना था।
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