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कर्नाटक में CM तय करने के दो फॉर्मूले चर्चा में, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे आज फाइनल कर सकते हैं नाम

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कर्नाटक में CM तय करने के दो फॉर्मूले चर्चा में, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे आज फाइनल कर सकते हैं नाम

Who will be Karnataka CM: कर्नाटक सीएम पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति का चुनाव करना कांग्रेस के लिए बहुत टेढ़ा काम हो गया है। आलाकमान किसी को भी नाराज नहीं करना चाह रहा है। न तो सिद्धारमैया को, न ही डीके शिवकुमार को। अब सबकी मंशा है कि, ऐसा कोई फार्मूला निकले जिससे दोनों खुश हो जाएं। हालांकि चर्चा में है कि पर्ची से फैसला कर लिया जाए। वहीं ये भी सुझाव आया है कि सीएम कार्यकाल को दो हिस्से में बांट दिया जाए

तो क्या पर्ची से होगा फैसला, कौन होगा कर्नाटक का CM?

Who will be Karnataka CM: कर्नाटक सीएम पद को लेकर कांग्रेस में माहौल गरम है। इस बात को लेकर काफी उत्सुकता है कि खरगे कर्नाटक सीएम का चुनाव कैसे करेंगे। वजह यह है कि कर्नाटक सीएम पद के दोनों दावेदार सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार पार्टी के लिए बेहद अहम हैं। मामला इस कदर पेचीदा हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान कोई फार्मूला तलाश कर रहा है। ऐसा फार्मूला जो दोनों दावेदारों को मान्य हो। इसी बीच कुछ दिग्गज कांग्रेस नेताओं का मानना है कि सीएम पद के लिए नाम का ऐलान 17 मई को और शपथ ग्रहण समारोह 18 मई को होगा।


पार्टी नेताओं का कहना है कि कर्नाटक में सिद्दारमैया व शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री कार्यकाल साझा किया जा सकता है तो कुछ का मानना है कि पर्ची निकाल कर फैसला कर लिया जाए। बताया जा रहा है की पद साझा करने का फार्मूला सिद्दारमैया ने ही सुझाया है।

यह दोनों फार्मूले कांग्रेस दफ्तरों में चर्चा का मुद्दा बने हुए हैं। इस पर आलाकमान का फैसला कुछ भी हो लेकिन बड़ा सच यह है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच तगड़ा मुकाबला है। माना यह भी जा रहा है कि आज ही इसका फैसला हो सकता है।

मुख्यमंत्री कार्यकाल साझा करने की संभावना

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश के बाद कांग्रेस, सिद्दारमैया और डी.के.शिवकुमार के मुख्यमंत्री पद के खुले दावों के बाद इसे अंतिम रूप देने में जुटी है। एआईसीसी के सूत्रों के अनुसार, सिद्दारमैया ने एक सुझाव दिया है कि वह शिवकुमार के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने के इच्छुक हैं।

सूत्रों का कहना है कि सिद्दारमैया पहला कार्यकाल चाहते हैं। वह पहले दो वर्षों के बाद शेष कार्यकाल के लिए शिवकुमार के लिए पद छोड़ देंगे।बताया यह भी जा रहा है कि AICC कार्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने बैलेट के जरिए रायशुमारी होगी।

कांग्रेस ने नियुक्त किए तीन पर्यवेक्षक

कर्नाटक के लिए नया सीएम चुनने में मदद करने के लिए कांग्रेस ने तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए। जिनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह (एआईसीसी जीएस) और दीपक बाबरिया (पूर्व एआईसीसी जीएस) शामिल है। सूचना है कि आज AICC के पर्यवेक्षक कर्नाटक से दिल्ली लौट आएंगे। कांग्रेस के तीनों पर्यवेक्षक व सांसद के. सी. वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली वापसी कर रहे हैं।

पार्टी आलाकमान पर छोड़ा फैसला – शिवकुमार

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि हमने एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया है। हमने इसे पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। मैंने दिल्ली जाने का फैसला नहीं किया है, मेरा आज जन्मदिन है तो यहां पर पूजा है और मैं मंदिर जाऊंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसके लिए तैयार हूं।

रिपोर्ट तैयार, कांग्रेस अध्यक्ष को देंगे – पर्यवेक्षक भंवर जितेंद्र सिंह

सभी विधायकों से राय ली गई है। हम अब दिल्ली जा रहे हैं, हम रिपोर्ट बनाकर AICC अध्यक्ष को पेश करेंगे। विधायक दल का नेता कौन होगा यह अध्यक्ष तय करेंगे।

रायशुमारी में सिद्धारमैया को बढ़त

सूत्रों के अनुसार विधायकों की रायशुमारी में सिद्धारमैया को बढ़त है। कांग्रेस विधायकों में दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी, ओबीसी विधायक सिद्धरामैया के पक्ष में हैं। विधायकों से अपनी पसंद पर्चे पर लिख कर देने को कहा गया था। खरगे के सामने रिपोर्ट के साथ ये पर्चे भी खोले जाएंगे। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर गांधी परिवार से चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे फैसला लेंगे।

18 मई को होगा नए सीएम का शपथ ग्रहण समारोह!

इसी बीच सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि डी के शिवकुमार और सिद्दारमैया में से ही किसी एक के सीएम बनने की संभावना है। शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों का दावा मजबूत है। दोनों ही गांधी परिवार के बेहद करीब हैं। नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 18 मई यानी गुरुवार को होने की उम्मीद है।

135 सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटें में से 135 सीट पर कांग्रेस, 66 सीट पर भाजपा, 19 सीट पर जनता दल (सेक्युलर), दो सीटों पर निर्दलीय और एक-एक सीट पर कल्याण राज्य प्रगति पक्ष और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष को जीत हासिल हुई है।

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