कश्मीर में अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़:6 दिन से एनकाउंटर जारी, 6 आतंकी मार गिराए, 2 की अभी तलाश; 5 जवान भी शहीद
श्रीनगर
सेना को अभी भी गडूल कोकेरनाग के जंगलों में दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। उनकी तलाश की जा रही है।
कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार 18 सितंबर को छठे दिन भी एनकाउंटर जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह इस इलाके में चलने वाली अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़ है।
पिछले 6 दिनों में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच तीन जगहों पर मुठभेड़ हुई। इसमें कर्नल, मेजर और DSP समेत 5 जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि सेना ने अनंतनाग में 1, बारामूला में 3 और राजौरी में दो यानी कुल 6 आतंकियों को मार गिराया है।
सेना ने अनंतनाग से लापता जवान प्रदीप का शव भी आज बरामद कर लिया है। इसके अलावा, मुठभेड़ की जगह से एक अज्ञात शव भी मिला है, जिसके आतंकवादी होने का संदेह है। सेना को अभी भी गडूल कोकेरनाग के जंगलों में दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। सबसे एडवांस्ड ड्रोन हेरॉन मार्क-2 से उनके ठिकानों की तलाश की जा रही है।
इससे पहले 2020 में 18 घंटे तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में यह तीसरी सबसे लंबी चलने वाली मुठभेड़ है। इससे पहले जम्मू के पुंछ जिले में चलाया गया भट्टी धार वन ऑपरेशन 9 दिन चला था। 31 दिसंबर 2008 को शुरू हुआ ऑपरेशन 9 जनवरी 2009 को खत्म हुआ था।
जम्मू में अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़ 2021 में हुई थी। पुंछ जिले के डेरा की गली और भिम्बर गली के बीच जंगलों में 19 दिन तक ऑपरेशन चला था।
यह लापता जवान प्रदीप के शव की तस्वीर है। 14 सितंबर को मुठभेड़ के दौरान वो लापता हो गए थे।
किश्तवाड़ में तीन संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सोमवार को हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान तौसीफ-उल-नबी, जहूर-उल-हसन और रेयाज अहमद के रूप में हुई। तीनों को जेल भेज दिया गया है।
वहीं, किश्तवाड़ जिले में ही पुलिस और सुरक्षाबलों ने जॉइंट चेकिंग ऑपरेशन के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसकी कार से लगभग 70 किलोग्राम वजन की 560 जिलेटिन की स्टिक्स मिली हैं। किश्तवाड़ SSP खलील पोसवाल ने बताया कि सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटक पदार्थ को वो अवैध रूप से ले जा रहा था।
सर्च ऑपरेशन के दौरान CRPF जवान के पैर में गलती से गोली लगी
17 सितंबर को चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान CRPF जवान के पैर में गलती से गोली लग गई। हालांकि गोली किसकी राइफल से लगी थी, इसकी अभी जानकारी नहीं है। जवान की पहचान 164 बीएन CRPF के एचसी मनोज कुमार के रूप में हुई थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया था। सूत्रों ने मुताबिक, जवान रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) का हिस्सा था।
वहीं, जवानों की एक टुकड़ी ने 16 सितंबर को मारे गए एक आतंकी का जला हुआ शव बरामद किया था।
यह जवान के पैर में गोली लगने के बाद की तस्वीर है।
सेना ने पहली बार एडवांस्ड ड्रोन हेरॉन मार्क-2 का इस्तेमाल किया
कोकेरनाग में सेना ने 16 सितंबर को पहली बार किसी आतंकी ऑपरेशन में अपने सबसे एडवांस्ड ड्रोन हेरॉन मार्क-2 को अटैक के लिए उतारा था। ड्रोन ने आतंकी को ढूंढ़कर उस पर ग्रेनेड फेंका, जिससे वह ढेर हो गया। साथ ही सुरक्षाबलों ने कोकेरनाग में आतंकियों का ठिकाना भी ध्वस्त कर दिया।
मुठभेड़ के दौरान तेज बारिश में भी हेरॉन काम करता रहा। इसके अलावा क्वॉड कॉप्टर ड्रोन ने आतंकियों को खदेड़ने में मदद की। ये ड्रोन पांच तरफ से गोली और ग्रेनेड एक साथ बरसा सकता है। इसे 15 किलोमीटर दूर से ऑपरेट कर सकते हैं।
बारामूला में तीन में से 2 आतंकियों के शव मिले
पीर पंजाल ब्रिगेड के कमांडर पीएमएस ढिल्लन ने बताया- बारामूला में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास उरी, हथलंगा इलाके में 16 सितंबर को तीन आतंकियों को मारा गया था। ऑपरेशन सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और 8 घंटे बाद दोपहर 2 बजे खत्म हुआ।
कमांडर ढिल्लन ने बताया- 2 आतंकियों के शव मिले, तीसरे की लाश बॉर्डर के पास पड़ी थी, लेकिन पाकिस्तानी पोस्ट से लगातार फायरिंग के कारण हमारे सुरक्षाबलों को बॉडी नहीं मिल सकी। पाकिस्तानी फौज आतंकियों की मदद कर रही थी। फौज इन आतंकियों को कवर दे रही थी।
सेना-पुलिस ने बारामूला में मारे गए आतंकियों की तस्वीरें जारी कीं। हालांकि इनकी पहचान होना बाकी है।
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