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कुछ करो सरकार, क्या इंसानों को मरने दें… कुत्तों के हमले में वाघ बकरी चाय के मालिक की मौत से हिल गया देश

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कुछ करो सरकार, क्या इंसानों को मरने दें… कुत्तों के हमले में वाघ बकरी चाय के मालिक की मौत से हिल गया देश

एक बड़ी चाय कंपनी के मालिक पराग देसाई की मौत हो गई है। हां, उस चाय कंपनी का नाम आपने जरूर सुना होगा। हो सकता है किचन में भी हो। वाघ बकरी चाय के मालिक कुत्तों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आखिरकार ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। 

नई दिल्ली: जब से वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई की दर्दनाक मौत की खबर आई है, कुत्तों की समस्या पर डिबेट छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर Wagh Bakri और Parag Desai ट्रेंड कर रहा है। बताते हैं कि पराग देसाई मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, रास्ते में कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। वह जान बचाने के लिए भागने लगे। सड़क पर फिसलकर गिर गए और कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। 50 साल के पराग को ब्रेन हेमरेज हुआ और अहमदाबाद के अस्पताल में उनकी मौत हो गई। करीबियों ने बताया है कि 15 अक्टूबर को गिरने के बाद कुत्तों के हमले में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। आज लोग आवारा कुत्तों की समस्या पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कश्मीरी पंडित खुशबू मट्टू ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं दो बच्चों की मां हूं। भारत में आप कहीं भी चले जाएं खूबसूरत कश्मीर हो या मुंबई, दिलवालों की दिल्ली या टेक-प्रो हैदराबाद, आवारा कुत्तों के हमले का खतरा बना रहता है। वाघ बकरी के मालिक की मौत का जिक्र करते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या हम कुत्तों को काटने दें? उन्होंने मांग की कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और उनकी आबादी पर नियंत्रण कानूनन अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।

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Wagh Bakri: कुछ करो सरकार, क्या इंसानों को मरने दें… कुत्तों के हमले में वाघ बकरी चाय के मालिक की मौत से हिल गया देश

अक्सर जब भी कुत्ते के काटने के मामले सामने आते हैं और लोग गुस्सा जताते हैं। एनजीओ के साथ कुछ डॉग लवर्स आगे आ जाते हैं। ऐसे में खुशबू ने कहा कि इस क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ का भी काम है कि आवारा कुत्तों की संख्या को सीमित किया जाए। उन्होंने लिखा, ‘हम नहीं चाहते कि देश की 1.3 अरब आबादी की जगह 1.3 अरब कुत्ते ले लें।’ आखिर में उन्होंने लिखा कि मैं भी डॉग लवर हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सड़क पर 100 कुत्ते आपका पीछा करने लगें।

उनके बड़े प्लान थे…सरकार कानून बनाए

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श्वेता ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वाघ बकरी के पराग देसाई के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। वह अभी 50 साल के थे। वह दूरदर्शी थे। उनकी बड़ी योजनाएं थीं। काफी विनम्र थे। दिमाग को सुन्न कर देने वाली त्रासदी। प्रमोद कुमार सिंह ने लिखा कि सरकार को कुत्तों की बढ़ती समस्या पर पॉलिसी बनानी चाहिए। रोहित ने उनके जवाब में लिखा कि सरकार कुछ करेगी तो कुछ डॉग लवर्स आ जाएंगे और रोना शुरू कर देंगे। प्रमोद ने जवाब में लिखा कि उन्हें करने दें लेकिन जिंदगी महत्वपूर्ण है। बिजनस जगत के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर पराग देसाई के इस तरह निधन पर गहरा दुख और हैरानी जताई है। कई लोग लिख रहे हैं कि सरकार कुछ तो कीजिए।

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