कौन हैं कृष्णा मडिगा, जो PM मोदी के कंधे पर सिर रख फूट-फूटकर रो पड़े; देखें इमोशनल Video
Krishna Madiga Tears in PM Modi’s Hyderabad Rally: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हैदराबाद के सिकंदराबाद में मडिगा आरक्षण पोराटा समिति ने एक सार्वजनिक रैली का आयोजन किया। इसमें समुदाय के नेता मंदा कृष्णा मडिगा प्रधानमंत्री के कंधे पर सिर रख रो पड़े तो उन्होंने गले लगाकर उन्हें सांत्वना दी।
हैदराबाद: विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बीच हैदराबाद के सिकंदराबाद में एक बड़ा ही अजीब परिदृश्य देखने में आया। यहां एक शख्स प्रधानमंत्री से बात करते-करते अचानक इतना भावुक हो गया कि सीधे उनके कंधे पर सिर रखकर फूट-फूटकर रो पड़ा। प्रधानमंत्री ने तुरंत हाथ पकड़कर सांत्वना देते हुए उसे संभाला। अब हर कोई जानना चाह रहा है कि यह शख्स कौन है और आखिर इस तरह सार्वजनिक रूप से रैली के मंच पर भावुक होने की वजह क्या रही। पता चला है कि इस शख्स का नाम मंदा कृष्णा मडिगा है और यह मडिगा आरक्षण पोराटा समिति (MRPS) के चीफ हैं।
1994 में मंदा कृष्णा के नेतृत्व में हुई थी मडिगा आरक्षण पोराटा समिति की स्थापना
बता देना जरूरी है कि जुलाई 1994 में जब तेलंगाना आंध्र प्रदेश का हिस्सा था तो उस वक्त प्रकाशम में जिले के एडुमुडी गांव के रहने वाले मंदा कृष्णा मडिगा और अन्य के नेतृत्व में मडिगा आरक्षण पोराटा समिति (MRPS) की स्थापना की गई थी। इस समिति का मकसद क्षेत्र के मैला ढोने वाले मडिगा समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) में आंतरिक आरक्षण दिलाना है। प्रधानमंत्री ने 2013 में इस मसले पर मंदा कृष्णा मडिगा के साथ बात की। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त अपने घोषणापत्र में इस वर्ग की मांग को पूरा करने का वादा किया था।
मडिगा आरक्षण पोराटा समिति ने किया रैली का आयोजन
अब जबकि तेलंगाना एक अलग राज्य की भूमिका में है और यहां विधानसभा चुनाव के लिए तमाम छोटी-बड़ी राजनैतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से वोटर्स को लुभाने में लगी हैं तो इसी बीच शनिवार को हैदराबाद के सिकंदराबाद में मडिगा आरक्षण पोराटा समिति की तरफ से एक सार्वजनिक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की, वहीं मडिगा आरक्षण पोराटा समिति नेता मंदा कृष्णा मडिगा ने उनके साथ मंच सांझा किया। इसी दौरान बात करते-करते मंदा कृष्णा मडिगा अचानक भावुक हो गए और प्रधानमंत्री के कंधे की तरफ झुकते हुए रो पड़े। इसके बाद पीएम मोदी ने मडिगा का हाथ पकड़कर उन्हें सांत्वना दी।
25 विधानसभा सीटों पर चुनावी नतीजों को पलट सकता है समुदाय
यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि यह रैली राजनैतिक दृष्टिकोण से बहुत अहमियत रखती है। तेलंगाना के दलित समुदाय (अनुसूचित जाति) में लगभग 60 प्रतिशत के साथ मडिगा समुदाय की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। राजनैतिक जानकारों का दावा है कि यह समुदाय राज्य की करीब 25 विधानसभा सीटों पर चुनावी नतीजों को पलटने की सामर्थ्य रखता है। शनिवार को प्रधानमंत्री तेलुगु राज्यों में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े घटकों में से एक मडिगा समुदाय के संगठन मडिगा आरक्षण पोराटा समिति की रैली को संबोधित करने पहुंचे थे।
‘BRS और कांग्रेस दोनों से बचकर रहें मडिगा समुदाय के लोग’
रैली के मंच पर समुदाय के नेता मंदा कृष्णा काे संभालने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद आपने देश में कई सरकारें देखी हैं। सिर्फ हमारी (भाजपा की) सरकार ही गरीब कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, वंचितों की वरीयता का सम्मान रखती है। भाजपा का मूल मंत्र सबका साथ-सबका विकास और इसके लिए सबका विश्वास-सबका प्रयास है। मडिगा समुदाय के लोगों को जितना BRS से सतर्क रहना है, उतना ही कांग्रेस से भी सावधान रहना है। दोनों पार्टियां दलित विरोधी हैं। BRS ने नए संविधान की मांग करके बाबा साहेब का अपमान किया है। कांग्रेस ने दशकों तक बाबा साहेब को भारत रत्न का सम्मान नहीं दिया।
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