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गाइडलाइन में रोक,लेकिन गहलोत ने मांगे खड़गे के लिए वोट:गहलोत बोले- सबको साथ लेने की क्षमता वाला कांग्रेस अध्यक्ष बने, खड़गे को जिताएं

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गाइडलाइन में रोक,लेकिन गहलोत ने मांगे खड़गे के लिए वोट:गहलोत बोले- सबको साथ लेने की क्षमता वाला कांग्रेस अध्यक्ष बने, खड़गे को जिताएं

  • पद पर बैठे नेताओं पर कांग्रेस अध्यक्ष उम्मीदवाार के लिए वोट मांगने पर है रोक

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की वोटिंग से तीन दिन पहले कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष उम्मीदवारों को लेकर भेदभाव के शशि थरूर के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्किार्जुन खड़गे के लिए वोट मांगकर नई बहस शुरू कर दी है। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खड़गे को जिताने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज शेयर किया है। इसे खड़गे के पक्ष में खुलकर प्रचार माना जा रहा है जबकि कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार कोई नेता पद पर रहते हुए किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकता।

कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रस अध्यक्ष के चुनाव काे लेकर 30 सितंबर को ही 7 पॉइंट की गाइडलाइन जारी की थी। इस गाइडलाइन के अनुसार कांग्रेस के प्रभारी महासचिव,प्रभारी सचिव, राष्ट्रीय पदाधिकारी, विधायक दल के नेता, पार्टी के प्रवक्ता अध्यक्ष पद केकिसी उम्मीदवार का पद पर रहते हुए प्रचार नहीं कर सकते। अगर उन्हें किसी उम्मीदवार का प्रचार करना है तो पहले उन्हें पद छोड़ना होगा। इस गाइडलाइन के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलकर खड़गे का प्रचार किया है।

गहलोत बोले- बीजेपी से लड़ने सब पार्टियों को साथ लेने की क्षमता वाला कांग्रेस अध्यक्ष बने, इसलिए खड़गे को जिताएं

गहलोत ने वीडियो जारी कर कहा- कांग्रेस अध्यक्ष वो हो जो अनुभव के साथ संगठन, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क रखता हो। उसकी हैसियत ऐसी हो जो तमाम विपक्षी दलों से बातचीत कर सकता हो । केंद्र सरकार और बीजपी से अब सब दलों को मिलकर संघर्ष करना है। अब सब विपक्षी दलों को मिलकर बीजपेी के खिलाफ संघर्ष करनाहै, अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति बने जो सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। उनकी योग्यता देखकर हम उनके प्रस्तावक बने।

खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों

गहलोत ने कहा- मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे।कामयाब होने के बाद में वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे,कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी‌। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं है खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों। गहलोत ने कहा- मल्ल्किार्जुन खड़गे साहब अनुभवी व्यक्तित्व के धनी हैं। नौ बार विधानसभा और दो बार सांसद को मिलाकर उनका 50 साल से ज्यादा का अनुभव है। हम लोग उनके प्रस्तावक बने हैं। खड़गे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कांग्रेसकी नीतियों, विचारधारा और कार्यक्रमों को आत्मसात किया है। हिंदी अंगेजी में कमांड रखते हैं। संघर्षमय जीवन जीया है।

कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन, इसके तीसरे पॉइंट में लिखा है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, सीएलपी लीडर(CM), प्रभारी महासचिन, सचिव, प्रवक्ता पदों पर रहते हुए अध्यक्ष पद के किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकते। अगर कोई अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का प्रचार करना चाहे तो पहले संगठन के पद से इस्तीफा देना होगा।

कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन, इसके तीसरे पॉइंट में लिखा है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, सीएलपी लीडर(CM), प्रभारी महासचिन, सचिव, प्रवक्ता पदों पर रहते हुए अध्यक्ष पद के किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकते। अगर कोई अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का प्रचार करना चाहे तो पहले संगठन के पद से इस्तीफा देना होगा।

गहलोत के खड़गे का प्रचार करने से अब थरूर को सवाल उठाने का मौका मिलेगा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खड़गे का प्रचार करने और उनके लिए वोट मांगने पर अभी शशि थरूर की प्रतिक्रिया आना बाकी है। थरूर ने कल ही आरापे लगाया था कि राज्यों में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पदाधिकारी खड़गे को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। थरूर ने लेवल प्लेइंग फील्ड नहीं देने पर सवाल उठाए थे। अब गहलोत के इस कदम के बाद शशि थरूर को सवाल उठाने का मौका मिलेगा। इस मामले में अब सियासी विवाद होनातय माना जा रहा है।

गहलोत खड़गे के प्रस्तावक थे,लेकिन गाइडलाइन में छूट का जिक्र नहीं

अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने थे, इसलिए कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का तर्क है कि ऐसा करना गलत नहीं है। इसके बावजूद केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन में प्रस्तावक कोपद पररहते हुए प्रचार करने की छूट का जिक्र नहीं है। गाइडलाइन में साफ तौर पर लिखा है कि विधायक दल केनेता सेलेकर संगठन के किसी पद रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार का प्रचार नहीं किया जा सकता। इस मामले में अब केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की प्रतिक्रया का इंतजार है। अगर शशि थरूर या कोई नेता शिकायत करता है तो गाइडलाइन के उल्लंघन पर एक्शन लिया जा सकता है। प्राधिकरण नोटिस दे सकता है।

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