NATIONAL NEWS

चांदना बोले- नजरिए का टकराव आगे भी होता रहेगा:कहा- यू-टर्न नहीं लिया, कोई नया इश्यू आया तो गारंटी नहीं लेता

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

चांदना बोले- नजरिए का टकराव आगे भी होता रहेगा:कहा- यू-टर्न नहीं लिया, कोई नया इश्यू आया तो गारंटी नहीं लेता
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के खिलाफ मोर्चा खोलकर इस्तीफे की पेशकश करने वाले खेल मंत्री अशोक चांदना के अफसरों से विरोध को लेकर तेवर बरकरार हैं। बातचीत में चांदना ने कहा- मैं बैक नहीं हुआ, मेरा जो इश्यू था उसका समाधान कराकर आया हूं। मैंने एक अफसर का नाम लिया, उससे मतलब नहीं। जो इश्यू उठाया उसका इलाज होगा। मुख्यमंत्री जी से इसे लेकर बात हुई है, इससे पहले भी कई विषय सीएम को बताए हैं। उन्होंने प्यार से एक-एक बात सुनी है, जो मैं कहना चाह रहा था, वह सब सुना है। जब सच उनके पास पहुंच जाता है तो फिर उसका इलाज हो जाता है।चांदना ने क​हा- मुख्यमंत्री हमारे अभिभावक हैं। किसी एक अफसर की बात नहीं, मैंने जो बात उठाई उसका इलाज होगा। जनता हमें चुनकर भेजती है, जब पब्लिक का काम करने में दिक्कत होती है तो पीड़ा होती है। इसीलिए कांग्रेस परिवार के हमारे मुखिया के पास गया ।

यूटर्न लेने पर कहा- मेरे इश्यू का समाधान हो गया। समाधान हो गया तो बैक होने की तो कोई बात हीं नहीं है। हम भावुक जनता के भावुक लीडर हैं। पब्लिक से मिलते हैं। रोज उनका काम करना होता है। ऐसे मामलों में अफसरों और हमारे नजरिए में अंतर है। यह नजरिए का टकराव है, यह पहले भी होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। सीएम के न्याय पर विश्वास है। कल कोई दूसरा इश्यू कहीं हो तो इसकी गारंटी नहीं लेता।

हमेशा टेंशन और दबाव में रहना चाहिए
दबाव और टेंशन में बयान देने के सवाल पर चांदना ने कहा- टेंशन तो करना ही चाहिए। अगर आदमी टेंशन नहीं करेगा तो लापरवाह हो जाएगा। लापरवाह हो जाएगा तो खुद की लीडरशिप और पार्टी का नुकसान करेगा। इसलिए हमेशा दबाव और टेंशन में रहना चाहिए। लाखों लोगों के वोट लेकर आए हैं, लोगों को सरकार से आशाएं हैं तो बिल्कुल इस पर टेंशन में रहना चाहिए।

मैं बैक नहीं हुआ, समाधान कराकर आया
चांदना ने कहा- रिजल्ट तो आ गया क्योंकि इश्यू का समाधान हो गया। अब घर में लड़ने वाला तो घर का दुश्मन होता है। वह कभी भी सहयोग नहीं कर सकता। मैं इन चीजों से दूर रहता हूं। मेरे बारे में कौन क्या सोचता है, इसकी जगह पब्लिक का काम होना चाहिए, मेरा फोकस इस पर है। जहां तक बैक होने की बात है तो मैं बैक कहां हुआ? इश्यू का समाधान कराकर आ गया, समाधान ही मकसद था।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!