चूरू के रहने वाले थे पुतिन के पूर्वज, बीकानेर से हैं बाइडेन !,जानें क्या है राजस्थान कनेक्शन?
Jaipur: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 10वां दिन है. युद्ध को लेकर एक तरफ पूरी दुनिया चिंतित है, वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कुछ मीम्स भी ट्रोल हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर पुतिन और बाइडेन से जुड़ी जानकारी वायरल हो रही है. ट्विटर पर मीम्स डाले जा रहे हैं. इनमें दोनों को भारत के राजाओं की नगरी राजस्थान से जोड़ा जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को राजस्थान के चूरू का बताया जा रहा है, तो वहीं, दूसरी ओर बाइडेन को बीकानेर से जोड़ कर देखा जा रहा है.
चूरू के रहने वाले थे पुतिन के पूर्वज!
ट्विटर हैंडल पर एक यूजर ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को लेकर एक पोस्ट शेयर किया. उसपर लोग मजे ले रहे हैं. उन्होंने लिखा कि पुतिन चूरू के राजगढ़ तहसील से 2 किलोमीटर पूरब की बरगद के पास स्थित पूनियों की ढाणी से पुतिन के जाट परदादा स्व. रामेश्रवर पूनिया जी रूस जाकर बस गए. भाषाई असमानता के चलते रशियन उच्चारण में पूनिया को पुतिन कहा जाता है. आज उन्हीं के पोते पुतिन जी जाट समाज के गौरव और रूस के राष्ट्रपति बलदेव पुनिया जी पर हमें गर्व है. उनके इस मीम्स पर लोग जमकर मजे ले रहे हैं. 4 यूजर्स ने स्माइल इमोजी लगाकर रिट्विट किया और 40 लोगों ने इसे लाइक भी किया है..
बीकानेर से हैं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन !
वहीं, बाइडेन का ट्वीट भी इसी अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसमें लिखा है कि राजस्थान के बीकानेर के चारण भाटो की वंशावली वाली बही से पता चला है कि उनके हुक्माराम जी बुडानिया दादा राजस्थान के बीकानेर के लुणकसागर की रोही से मूंगफली का निर्यात करने अमेरिका चले गए थे, उन्होंने अमेरिका की जलवायु की जानकारी के लिए अपने बेटे तेजोराम को अमेरिका की कृषि यूनिवर्सिटी में पढ़ाया, जहां उन्होंने जौ की खेती की शुरुआत की, जिसमें वह काफी सफल हुए . कुछ समय बाद उन्हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम उन्हेंने जोधाराम बुडानिया रख दिया, जो बाद में अमेरिकी एक्सेंट में #जो #बाइडेन के नाम से फेमस हो गए.
सोशल मीडिया पर लोग ले रहे हैं मजे
इस ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया पर दोनों की जमकर हंसी उड़ाई जा रही हैं. बाइडेन के ट्वीट पर एक अन्य यूजर ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया कि लो, अब जो बाइडेन भी बीकानेर के जोधाराम बुडानिया निकल आए. सारे वैश्विक नेता राजस्थान से ही निकले लगते हैं और सारे ही किसान कौम जाट समाज हैं. आनंद लीजिए, अन्य के पूर्वजों की जानकारी भी आती ही होगी. यह दावा कितना सच है, इस बात की पुष्टि जी राजस्थान ना तो करता है और ना ही इस तरह की अफवाहों पर विश्वास करता है. हां इतना जरूर है कि सोशल मीडिया पर ये दोनों ट्वीट जमकर वायरल हो रहे हैं. इसलिए हम अपने पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. सच्चाई से इसका कोई लेना देना नहीं है.
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