गढ़चिरौली: महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित (Naxalite Affected) गढ़चिरौली (Gadchiroli) जिले में शुक्रवार तड़के हुई एक मुठभेड़ (Encounter) में 13 नक्सली मारे गए हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक, अभी तक 6 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं. गढ़चिरौली के DIG (Deputy Inspector General of Police) संदीप पाटिल ने इसकी पुष्टि की है. अभी भी C-60 कमांडोज और नक्सलियों के बीच रुक-रुक के फायरिंग जारी है. पाटिल के मुताबिक, 6 नक्सलियों के शव महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर स्थित गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली के कटीमा के जंगल से बरामद हुए हैं.
नक्सलियों ने पिछले महिने गुट्टा थाने पर फेंका था बम:
नक्सलियों ने पिछले महीने गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली (Atapalli) तालुका के गुट्टा पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका था. विस्फोट नहीं होने के कारण हादसा टल गया. हालांकि, नक्सलियों द्वारा थाने को उड़ाने की कोशिश को एक बड़ी घटना माना जा रहा था. माना जा रहा है कि इसी के बाद C-60 कमांडोज (C-60 Commandos) ने यह कार्रवाई की है.
मार्च महिने में कुख्यात नक्सली रुसी राव मारा गया था:
नक्सलियों ने पिछले दो महिनोें सं जमकर उत्पात मचा रखा है. ऐसे में 29 मार्च को टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (Technical Counter Offensive Campaign) (TCOC) के लिए जुटे नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली रुसी राव सहित पांच नक्सली ढेर हो गए थे. वही पर 23 अप्रैल को रात करीब 12.30 बजे नक्सलियों ने कांकेर जिले की सीमा से महज 14 किमी दूर महाराष्ट्र के जांबिया गट्टा थाना (Zambia Gatta Police Station) में हमला कर दिया था. थाने के सामने बने मकानों की आड़ में करीब 100 से अधिक नक्सलियों ने फायरिंग की और राकेट लॉन्चर (Rocket Launcher) दागा था.
पिछले महिने पुलिस ने मार गिराए थे 8 लाख रूपए के दो इनामी नक्सली:
पिछले महिने की 28 अप्रैल को गढ़चिरौली जिले में C-60 फोर्स के कमांडोज ने करीब 4 घंटे चली इस मुठभेड़ में 8 लाख रुपए के दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया था. वही पर इससे महज दो दिन पहले ही यानी 26 अप्रैल को नक्सलियों ने भारत बंद (India Off) के दौरान 6 ट्रैक्टर और एक टैंकर में आग लगा दी. यह वाहन सड़क निर्माण कार्य में पर्मिली मेदपल्ली (Permili Medpally) इलाके में लगे हुए थे.
1990 में हुई थी C-60 फोर्स की स्थापना:
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थीं. इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP KP रघुवंशी (SP KP Raghuvanshi) ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की थी. उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला. नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया था. पहला उत्तर (North) विभाग, दूसरा दक्षिण (South) विभाग था.
प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं C-60 कमांडो:
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग (Special Training) दी जाती है. इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है. इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद (Training Hyderabad, NSG Camp Manesar, Kanker, Hazaribad) में होती है. नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों (Family, Non-Relatives) से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं. नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं.
2019 में नक्सली हमले में 15 जवान हुए थे शहीद :
इससे पहले 3 मई 2019 को घात लगाकर बैठे 100 से ज्यादा नक्सलियों ने अचानक हमला किया था. गढ़चिरौली में हुए IED (Improvised Explosive Device) ब्लास्ट में 15 QRT जवान शहीद हो गए थे. इस दुर्दांत हमले के पीछे उत्तरी गढ़चिरोली के CPI (M) का कमांडर भास्कर (Commander Bhaskar) हमले का मास्टर माइंड (Master Mind) बताया गया था.
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