NATIONAL NEWS

जागा निगम…. बीकानेर कार्यालय की पत्रावलियां बाहर मिलने की जांच के लिए कमेटी गठित

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

जागा निगम….कार्यालय की पत्रावलियां बाहर मिलने की जांच के लिए कमेटी गठित

नगर निगम की पट्टा पत्रावलियों के निगम कार्यालय से बाहर एक नगर मित्र के ऑफिस में मिलने के करीब एक सप्ताह बाद अब निगम प्रशासन जागा है। ऐसी दर्जनों पत्रावलियां निगम कार्यालय में भी छह-छह महीने से अधिक समय से धूल फांक रही है, जिनके पट्टे जारी नहीं किए गए है। अब निगम प्रशासन कार्यालय से बाहर मिली पट्टा पत्रावलियों के मामले की गहनता से जांच करने के साथ व्यवस्था में सुधार के लिए भी काम करेगा। इसके लिए निगम उपायुक्त की अध्यक्षता में एक विभागीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी एक माह में जांच कर रिपोर्ट आयुक्त को सौंपेगी। निगम आयुक्त केएल मीणा ने बुधवार को इसके आदेश जारी किए।

कमेटी में ये शामिल

निगम आयुक्त की ओर से गठित कमेटी में निगम उपायुक्त राजेन्द्र कुमार को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं राजस्व अधिकारी कंचन राठौड़, सहायक लेखाधिकारी आशिफ कोहरी व कनिष्ठ सहायक प्रभाग गहलोत को सदस्य के रूप में शामिल किया गया हैं।

यह होगी जांच

आयुक्त के अनुसार निगम की पट्टा पत्रावलियों के कार्यालय से बाहर मिलने के कारण एवं समय पर पट्टा पत्रावलियों का निस्तारण नहीं करने, कुछ पट्टों के पत्र प्रेषण नम्बर अलग-अलग रजिस्टरों से दर्ज होने जैसे कई मामले जांच का विषय है। पट्टा पत्रावलियों के संधारण की प्रक्रिया में कमियां रही है। प्रक्रिया में सुधार और कार्मिक व अधिकारी की भूमिका की जांच की जानी आवश्यक है। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है।

कमेटी खानापूर्ति, एसीबी से हो जांच

निगम आयुक्त पट्टा पत्रावलियों से संबंधित मामले की वास्तविक हकीकत सामने लाना चाहते है तो इस मामले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच करवाए। कांग्रेस पार्षद जावेद पड़िहार के अनुसार आयुक्त की ओर से गठित की गई कमेटी महज खानापूर्ति है। इस कमेटी से पूरी सत्यता सामने नहीं आएगी। निगम में चल रहे भ्रष्टाचार का खेल सामने नहीं आएगा। इस मामले में महापौर भी अपनी चुप्पी तोड़े।

पहले कार्मिक-अधिकारी बदलें, फिर हो जांच

निगम में प्रशासन शहरों के संग अभियान से जुड़े हुए सभी कार्मिक-अधिकारी इस कार्य से हटाकर जांच की जाए। जानकारों का कहना है कि मामले के दौरान जो कार्मिक-अधिकारी इस कार्य में जुड़े रहे थे, उनके रहते वास्तविकता सामने आना संभव नहीं। आयुक्त वास्तव में व्यवस्था सुधारना चाहते है और पत्रावलियां बाहर मिलने की जांच करवाना चाहते है तो पट्टा संबंधित कार्य के लिए नए अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त करें।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!