जिले खत्म होने पर भाजपाइयों ने दिए इस्तीफे,रोने लगे नेता:शाहपुरा में आज बाजार बंद, नीमकाथाना में जनआक्रोश सभा; सांचौर में कल से महापड़ाव

कांग्रेस सरकार के वक्त बने नए जिलों को खत्म करने का हर ओर विरोध शुरू हो गया है। गहलोत सरकार ने 17 नए जिले बनाए थे। भजनलाल सरकार ने इनमें से 9 जिलों और तीन संभागों को समाप्त करने का फैसला लिया है। इसकी नाराजगी अब सड़कों पर आ गई है। संबंधित स्थानों (जो जिले कैंसिल किए गए हैं) पर प्रदर्शन चल रहा है। जिलों को बहाल नहीं करने पर कांग्रेस समेत अन्य संगठनों और लोगों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। अनूपगढ़ जिले के खत्म होने के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं।
शाहपुरा में आज बंद का आह्वान किया गया है। रविवार को शाहपुरा जिला संघर्ष समिति के लोगों ने बाजार बंद करवाए। यहां बालाजी की छतरी, कुंड गेट, रामद्वारा, त्रिमूर्ति चौराहा, कलिजरी गेट सहित फुलिया गेट के चौराहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है।
शाहपुरा जिला बचाओ संगठन समिति के अविनाश शर्मा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर सोलंकी ने बताया- आज शाहपुरा स्वैच्छिक बंद रखा गया है। दोपहर को त्रिमूर्ति चौराहे पर सर्वदलीय बैठक होगी। शाहपुरा के वकीलों की सलाह पर फैसले के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर विचार किया जा रहा है।

शाहपुरा में रविवार सुबह से बाजार बंद रहे।
नीमकाथाना में आज आक्रोश रैली सांचौर में आज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा। सोमवार से कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव होगा। नीमकाथाना के रामलीला मैदान में आज जन आक्रोश रैली होगी। अनूपगढ़ में शनिवार रात को ही स्थानीय भाजपा नेताओं ने अपने इस्तीफे सौंप दिए। वहीं कनॉट पैलेस पर प्रदर्शन करने पहुंचे जिला बनाओ संघर्ष समिति अनूपगढ़ के महासचिव जरनैल सिंह रोने लगे। यहां आज दोपहर में विभिन्न संगठनों की बैठक के बाद आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने मार्च 2023 में प्रदेश में 19 नए जिले और 3 संभाग बनाने की घोषणा की थी। भाजपा सरकार ने इनमें से दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जिले को निरस्त कर दिया है।

शाहपुरा जिला संघर्ष समिति के रविवार सुबह बाजार बंद करवाए जा रहे हैं।

सांचौर में कल से महापड़ाव
सांचौर जिला समाप्त करने के विरोध में पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सरकार पर राजनीतिक विद्वेष के आरोप लगाए हैं। उन्होंने शनिवार को एक प्रेसवार्ता में कहा- सांचौर की जनता को लंबे संघर्ष के बाद जिला मिला था। जालोर जिला हमारे यहां से 250 किमी दूर था। पूर्व कांग्रेस सरकार ने लोगों को राहत देकर सांचौर को जिला बनाया था, लेकिन अब सरकार ने उसे निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ रविवार दोपहर एक बजे स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद सोमवार से कलेक्ट्रेट के बाहर महापड़ाव डाला जाएगा।

जिला रद्द करने के विरोध में पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई ने रविवार को महापड़ाव की घोषणा की।

जिला रद्द होने की खबर मिलते ही शाहपुरा (भीलवाड़ा) में शनिवार देर रात को ही लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
नीमकाथाना में होगी जन आक्रोश सभा नीमकाथाना जिले को निरस्त करने के विरोध में रविवार को नीमकाथाना के रामलीला मैदान में जन आक्रोश सभा होगी। इसके साथ ही यहां छात्र संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। वहीं संघर्ष समिति अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेगी।

नीमकाथाना जिले में संगठनों ने खेतड़ी मोड़ पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला फूंका।

अनूपगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के महासचिव जरनैल सिंह जिला रद्द होने पर रोने लगे। उन्होंने धरना देने की घोषणा की।
अनूपगढ़ में भाजपा नेताओं ने दिए इस्तीफे अनूपगढ़ जिला निरस्त करने के बाद यहां शनिवार देर रात से ही प्रदर्शन शुरू हो गए। यहां भाजपा नेताओं ने भी इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जताई है। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मुकेश शर्मा और नगर मंडल महामंत्री विनय चराया ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल राठौड़ को अपना इस्तीफा भेजा है। जिला बनाओ संघर्ष समिति के महासचिव जरनैल सिंह अनूपगढ़ जिला कैंसिल होने पर शनिवार रात कलेक्ट्रेट के सामने धरना स्थल करने पहुंचे। यहां जरनैल सिंह रोने लगे। इसके बाद कनॉट पैलेस चौक पर स्थानीय लोगों के द्वारा पुतला फूंका गया। राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वहां मौजूद लोगों ने राजस्थान सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा- सरकार ने अनूपगढ़ की जनता के साथ अन्याय किया है। इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा। यहां रविवार दोपहर 1 बजे विभिन्न संगठनों की बैठक होगी। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

शनिवार शाम करीब 7 बजे केकड़ी जिला बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामवतार सिखवाल ने अजमेरी गेट स्थित तीन बत्ती तिराहे पर मुंडन कराने पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
केकड़ी में जिला बचाओ संघर्ष समिति का प्रदर्शन भाजपा सरकार द्वारा केकड़ी जिले को समाप्त करने की घोषणा के बाद, जिला बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामवतार सिखवाल ने अजमेरी गेट स्थित तीन बत्ती तिराहे पर मुंडन कराने पहुंच गए थे। हालांकि, पुलिस के मौके पर पहुंचने से यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। केकड़ी के सावर उपखंड मुख्यालय पर रविवार को धरना दिया जाएगा। एडवोकेट गजेन्द्र गर्ग ने बताया कि सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसके खिलाफ हम आंदोलन करेंगे।

सरकार ने कहा- समाप्त किए गए जिलों की उपयोगिता नहीं थी सरकार ने ये फैसला पूर्व आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में गठित रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट और इसके बाद बनी मंत्री समूह की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक के के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। इसमें कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। इनकी उपयोगिता नहीं थी। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें भी नहीं थीं। ऐसे में सरकार ने नौ जिलों और तीन संभागों को समाप्त करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलोदी और सलूंबर जिले बने रहेंगे। इसके साथ ही पाली, सीकर, बांसवाड़ा संभाग भी खत्म कर दिए गए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद अब राज्य में 41 जिले ही रह जाएंगे। वहीं 10 संभाग की जगह 7 संभाग अस्तित्व में रहेंगे।
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