नई दिल्ली।केंद्रीय माल और सेवा कर आयुक्तालय, दिल्ली पूर्व के अधिकारियों ने विस्तृत विश्लेषण किया और फर्जी निर्यातकों के नेटवर्क का पता लगाया है जो जीएसटी के तहत 134 करोड़ रुपये के नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहे हैं और धोखाधड़ी से IGST रिफंड का दावा करने के इरादे से काम को अंजाम दे रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जोखिम विश्लेषण के आधार पर निर्यातक वाइब ट्रेडेक्स की जांच के लिए पहचान की गई। वाइब ट्रेडेक्स पान मसाला, चबाने वाले तंबाकू, एफएमसीजी सामानों के निर्यात में लगा हुआ है। फर्जी निर्यातकों का नेटवर्क ब्रिटेन के सुंदरलैंड विश्वविद्यालय से एमबीए चिराग गोयल द्वारा संचालित किया जा रहा था।
उसके सहयोगी के स्वामित्व वाली 2 आपूर्तिकर्ता फर्मों/कंपनियों द्वारा उत्पन्न ई-वे बिलों के विश्लेषण पर यह पाया गया कि जिन वाहनों के लिए माल की कथित आपूर्ति के लिए ई-वे बिल तैयार किया गया था, उनका उपयोग दूर के शहरों में किया जा रहा था और उक्त के दौरान कभी भी दिल्ली में प्रवेश नहीं किया था।
इनके द्वारा नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया गया और उपयोग किया गया 134 करोड़ रुपये है। चिराग गोयल ने सरकार को ठगने की गहरी साजिश रची। उन्हें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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