मौसेरे भाई-बहन का रोड एक्सीडेंट मर्डर का मामला निकला। जोधपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि युवक रमेश पटेल के मर्डर की प्लानिंग एक महीने पहले ही बना ली गई थी। इसके लिए आरोपी ने सेकेंड हैंड कार भी खरीदी थी।
बदमाशों के टारगेट पर रमेश ही था, जबकि कविता की इस दुश्मनी में बेवजह जान चली गई। इस डबल मर्डर में शंकर पटेल मुख्य आरोपी है। उसी ने साजिश रची थी। वह अभी फरार है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
DCP पश्चिम गौरव यादव ने बताया कि शंकर पटेल की रमेश पटेल से दुश्मनी थी। 1 महीने पहले उसने राकेश माली, राकेश सुथार और सोहन पटेल के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। वह कई दिनों से इनकी रैकी कर रहे थे। सोमवार को भी रमेश की रैकी की गई।
बाइक पर जा रहे मौसेरे भाई-बहन को सोमवार सुबह 9 बजे सर गांव के पास कार से टक्कर मार दी गई थी। दोनों के शव सड़क पर उछल कर गिरे। आरोपियों ने दोनों को करीब 200 मीटर तक घसीटा। परिजन व समाज के लोगों का आरोप था कि यह मर्डर है।
पुलिस ने बताया कि सोमवार सुबह करीब नौ बजे सर गांव निवासी रमेश पटेल (28) अपनी मौसेरी बहन कविता (25) को लेकर जोधपुर तहसील ऑफिस जा रहा था। उसकी मौसेरी बहन कविता का सिलेक्शन पटवारी के लिए हुआ था और वह नौकरी जॉइन करने जा रही थी। इस पर शंकर के साथी ने रैकी कर बताया कि रमेश घर से रवाना हो गया। इस पर गांव के बाहर निकलते ही एसयूवी से आरोपियों ने दोनों को रौंद कर हत्या कर दी।
पुलिस ने बताया कि गाड़ी कौन चला रहा था इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हत्या का मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता शंकर पटेल अभी फरार है। ऐसे में इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि रमेश की हत्या क्यों की गई थी ?
पहले भी तीन से चार बार कर चुके थे रैकी
डीसीपी यादव ने बताया कि आरोपी पहले भी तीन से चार बार रमेश की रैकी कर चुके थे। लेकिन, उनकी प्लानिंग फेल हाे गई। रमेश की हत्या को सड़क हादसा बताने के लिए राकेश माली के नाम से सेकेंड हैंड कार खरीदी थी। इसका फाइनेंस शंकर पटेल ने किया था। उन्होंने बताया कि यह मर्डर पूरी तरह से प्री-प्लान्ड था।
परिजनों ने सोमवार को एमडीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर धरने पर भी दिया। वे अब भी धरने पर बैठे हैं।
परिजन सोमवार से बैठे हैं धरने पर
इस घटना के बाद से परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। हादसे के बाद मथुरादास माथुर हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर जमा हो गए थे। परिजन व समाज के लोग पहले से ही कुछ लोगों पर मर्डर का आरोप लगा रहे थे। इसके बाद पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ के निर्देशन में आधी रात तक टीम लगी रही।
परिजनों ने बताया था कि जिस रोड पर हत्या की गई, वहां खेत में काम कर रहे ग्रामीणों ने परिजनों को बताया कि आरोपियों ने सड़क किनारे मोड पर उसका इंतजार किया। वहां बैठ कर केले खाए। जब मोटरसाइकिल आई तो रुकने को कहा। रमेश ने बाइक नहीं रोकी तो वे जोर-जोर से चिल्ला कर रोकने का बोला और पीछे से जान बूझकर टक्कर मारी और घसीटते हुए 200 मीटर तक ले गए। परिजनों ने कहा कि इस तरह से टक्कर मारना और दो दिन से गांव में रैकी करने पर साफ तौर पर हत्या है।
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