नागौर: राजस्थान में जोधपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों ट्रेप करती है, लेकिन अपने रसूख और सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर भृष्टाचारी आरोप मुक्त हो जाते हैं और फिर से भ्रष्टाचार का खेल खेलने लगते हैं. यह बात मंगलवार को नागौर जिले के खींवसर में सच साबित हो गई , जब ACB की टीम ने एक रिश्वतखोर पटवारी को 7000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि यही पटवारी श्रवण राम साल 2011 में भी रिश्वत लेते ट्रेप हुआ था.
जानकारी के अनुसार जोधपुर ACB ने जोधौर की बावड़ी तहसील के लवेरा खुर्द के निवासी परिवादी जीवन राम निम्बारिया की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें परिवादी ने बताया था कि परिवादी के पिता की खरीद शुदा कृषि भूमि है, जिसका भाइयों में बंटवारे को लेकर नामांकन दर्ज करवाने की बात हल्का पटवारी श्रवण राम खुडीवाल से की है.
हल्का पटवारी खींवसर पहले तो एक माह तक टालमटोल करते रहे. इसके बाद बीती 25 मई को 10000 रुपए लेकर बंटवारे का नामांकन तो दर्ज कर लिया,मगर दोनों भाइयों के नामांतरण के बाद अलग-अलग भाईयों के नाम से तरमीम जो लट्ठे पर अंकित करनी थी उसकी एवज में फिर 10000 रुपए की रिश्वत की डिमांड की गई.
आखिरकार परिवादी जीवन राम ने 2000 रुपए हल्का पटवारी खींवसर को दे दिए और सौदा 9000 रुपए में हुआ. आज मंगलवार को जोधपुर एसीबी की टीम ने योजना के अनुसार कार्रवाई करते हुए 7000 रुपए की रिश्वत लेते हल्का पटवारी श्रवण राम को ट्रैप कर लिया. एसीबी की टीम ने जब हल्का पटवारी की जमा तलाशी ली गई तो 82000 रुपए हल्का पटवारी श्रवण राम से बरामद हुई है.
जोधपुर एसीबी की टीम 82000 रुपए की राशि के बारे में रिश्वतखोर पटवारी से पूछताछ कर रही है. आपको बता देते हैं कि 2011 में भी श्रवण राम को चार हजार रुपए की रिश्वत लेते रगें हाथों एसीबी ने दबोचा था जिसका न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है. आरोपी को गिरफ्तार करके एसीबी की टीम उसको जोधपुर ले गई है, जहां उसे कल एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
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