ठगों के जाल में फंसा पूर्व डीजीपी का बेटा:मॉडल्स, एयर होस्टेस, बिजनेसमैन की पत्नी से दोस्ती का झांसा; लड़की की आवाज में बात करते बांग्लादेशी
बांग्लादेशी गिरोह सोशल मीडिया के जरिए युवतियां उपलब्ध करवाने का झांसा देकर हाईप्रोफाइल लोगों को ब्लैकमेलिंग का शिकार बना रहा है।
राजस्थान पुलिस के पूर्व डीजीपी का बेटा भी ब्लैकमेलिंग गैंग का शिकार हो गया। बांग्लादेश से ऑपरेट हो रहे इस गिरोह ने राजस्थान के कई शहरों में अपना जाल बिछा रखा है।
सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा के बेटे को ब्लैकमेल कर गिरोह ने लाखों रुपए वसूल लिए। गैंग ने मॉडल्स, युवतियों की फोटो दिखाए, फिर हाई प्रोफाइल युवतियों से दोस्ती करवाने के नाम पर मेंबरशिप लेने को कहा।
मामला सामने आने के बाद TIN ने पड़ताल की। गिरोह से जुड़े लोग मेंबरशिप लेने के बाद मनचाही लोकेशन पर लड़कियां सप्लाई करने का झांसा देते हैं। फिर युवाओं के वीडियो बनाकर उन्हें वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। पढ़िए ये स्पेशल रिपोर्ट…
मामले ने तूल तब पकड़ा जब हाल ही में पूर्व पुलिस महानिदेशक के पद से 11 महीने पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले उमेश मिश्रा के बेटे के साथ ब्लैकमेलिंग कर वसूली का मामला सामने आया।
सिद्धार्थ शंकर मिश्रा परिवार वालों के साथ हनुमान नगर एक्सटेंशन, वैशाली नगर में रहते हैं। साइबर ठगों ने सिद्धार्थ को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए वसूल लिए। एक महीने बीतने को हैं, पुलिस आरोपियों की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है।
फ्रेंडशिप क्लब के जाल में फंसे
पुलिस ने बताया कि पूर्व पुलिस महानिदेशक के बेटे को फ्रेंडशिप क्लब के जरिए जाल में फंसाया। क्लब से जुड़ने पर पीड़ित सिद्धार्थ को 19 दिसंबर को एक युवती श्रुति मेहता के नाम से कॉल आया।
कॉल करने वाली युवती ने पीड़ित को मनचाही युवतियों से मिलवाने का झांसा दिया। उसके बाद पीड़ित को दूसरी युवती उषा के नाम से कॉल आया। कॉल करने वालों ने रजिस्ट्रेशन, मेडिकल चेकअप, क्लाइंट दिलाने के नाम पर कमीशन के अलग-अलग चार्ज वसूले गए।
इस तरह से सोशल साइट पर प्रचार कर युवाओं को फंसाया जाता है।
रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर झांसा
बांग्लादेशी गिरोह रजिस्ट्रेशन फीस से भी मोटी कमाई कर रहा है। एक साल की रजिस्ट्रेशन फीस जहां 2,500 रुपए रखी। वहीं दो साल की फीस 4,500 और तीन साल की फीस 8000 रुपए की रख कर लोगों को झांसा दिया जाता। फ्रेंडशिप क्लब में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद युवतियों से नहीं मिलाया जाता है।
वॉइस चेंजर से युवतियों की आवाज में की बात
विशेष अपराध एवं साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर कॉल करने वाले नंबर 977519XXXX और 898177XXXX की तस्दीक की तो नंबर पश्चिम बंगाल और एक नंबर कोलकाता का पाया गया।
जांच में सामने आया कि बांग्लादेशी युवकों ने वॉइस चेंजर का इस्तेमाल कर महिलाओं की आवाज में बात कर पीड़ित को युवतियों से मिलवाने का झांसा देते थे। जांच में पाया गया कि यह मोबाइल नंबर किसी युवती के नाम पर नहीं हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
युवतियों से मिलाने के लिए मांगे एडवांस रुपए
बांग्लादेशी गिरोह ने सिद्धार्थ को झांसा दिया कि उसे युवतियां उपलब्ध करवा दी जाएगी। लेकिन युवतियों से मिलने के लिए सिद्धार्थ को एडवांस रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। बांग्लादेशी ठगों ने पीड़ित से अलग-अलग झांसा देकर रुपए वसूलता रहा। पीड़ित से अलग-अलग किश्तों में कुल 1.42 लाख रुपए वसूल लिए गए। यह भुगतान पीड़ित ने यूपीआई के जरिए अलग-अलग खातों में किया।
एडवांस के रुपए लौटाने का दिया झांसा
जांच में सामने आया है कि बांग्लादेशी गिरोह ने सिद्धार्थ को झांसा दिया कि एडवांस में जमा किए गए रुपए उन्हें लौटा दिए जाएंगे। इसके बदले उन्हें खूबसूरत मॉडल्स, एअर होस्टेस से मिलवाया जाएगा। जिनकी उम्र 16 से 50 साल तक की होगी। दिन के समय मिलने पर उन्हें 15 हजार रुपए तक मिल जाएंगे। रात के समय पर मिलने पर 25 हजार रुपए तक मिलेंगे।
सोशल मीडिया से भेजे युवतियों के फोटो
बांग्लादेशी गिरोह ने पीड़ित को विश्वास में लेने के लिए सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग युवतियों की फोटो भी भेजी। जिससे वह उनका चयन कर सकें। युवतियों की फोटो के साथ उनके जिले के बारे में भी बताया गया।
सोशल मीडिया के जरिए ही पीड़ित को अश्लील फोटो भेजे गए, बाद में ब्लैकमेल करने की धमकी दी गई।
अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी
पुलिस को शक है कि बांग्लादेशी गिरोह ने पीड़ित सिद्धार्थ का अश्लील वीडियो भी बना लिया है। जिसके चलते पीड़ित को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए वसूल लिए गए। यह पहलू ध्यान में रखते हुए पुलिस की ओर से मामले की जांच की जा रही है।
पुलिसकर्मी ने दी धमकी
रुपए जमा होने के बाद आरोपियों ने खुद को कोलकाता पुलिस का अधिकारी बताया। सिद्धार्थ को अवैध संबंध बनाने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी। सिद्धार्थ को बतौर पेनल्टी कोलकाता के एक बैंक खाते में जमा करने का दबाव डाला। जिसके बाद सिद्धार्थ को शक हुआ कि उसके साथ ठगी हो रही है। उसने मामले की सूचना पुलिस को दी और एफआईआर दर्ज करवाई।
कोलकाता के खाते में रुपए डालने का दबाव
पीड़ित के अनुसार उसे बैंक ऑफ बड़ौदा की खाता संख्या 37318100004743 में रुपए जमा करने का दबाव बनाया गया था। जांच में सामने आया कि बैंक की खाता धारक कोलकाता, आनंद पल्ली निवासी आरती श्रेष्ठा हैं। इस बैंक की ब्रांच हरिदेवपुर में स्थित है। पुलिस ने साइबर फ्रॉड को ध्यान में रखते हुए खाता सीज कर दिया गया है। पुलिस ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर आरोपी की तलाश कर रही है।
ब्लैकमेलिंग और वसूली से परेशान होकर दर्ज करवाई एफआईआर
ब्लैकमेलिंग और वसूली से परेशान होकर पूर्व पुलिस महानिदेशक के बेटे ने मामले की एफआईआर 24 दिसंबर, 2023 को विशेष अपराध एवं साइबर क्राइम पुलिस थाने में दर्ज करवाई है। इस मामले में पीड़ित ने धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, वसूली, समेत अन्य धाराओं में एफआईआर थाने में दर्ज करवाई है। मामले की जांच साइबर क्राइम थाने के पुलिस निरीक्षक चंद्र प्रकाश कर रहे हैं।
जयपुर पुलिस पहुंची पश्चिम बंगाल
जयपुर पुलिस साइबर ठगी के आरोपियों की तलाश में कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों में कॉल डिटेल और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर पहुंची। लेकिन साइबर ठग हमेशा की तरह एक कदम आगे चल रहे हैं। मामले की जांच जारी है, लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ से अब भी बाहर हैं।
राजधानी समेत प्रदेश भर में फैल रखा है फ्रेंडशिप क्लब का जाल
साइबर ठगों ने इंटरनेट के जरिए राजधानी समेत राज्य भर में फ्रेंडशिप क्लब का जाल फैला रखा है। सोशल मीडिया पर आए दिन युवा चपेट में आ रहे हैं। महिला मित्र से मिलाने के नाम पर ठगी होने के कारण कम लोग ही शिकायत करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। ऐसे में गिने चुने मामले ही सामने आते हैं। जिसके चलते सोशल मीडिया और समाज के बीच में फ्रेंडशिप क्लब फल फूल रहा है।
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